नीतिवचन 12:1-28
12 जो शिक्षा से प्यार करता है, वह ज्ञान से प्यार करता है,+मगर जो डाँट से नफरत करता है वह नासमझ है।+
2 भले इंसान से यहोवा खुश होता है,लेकिन साज़िश रचनेवाले को वह धिक्कारता है।+
3 दुष्टता करके कोई भी टिक नहीं सकता,+लेकिन नेक जन कभी उखाड़ा नहीं जाएगा।
4 एक अच्छी पत्नी अपने पति के सिर का ताज है,+लेकिन जो उसे शर्मिंदा करती है,वह मानो उसकी हड्डियाँ गला देती है।+
5 नेक इंसान की सोच सीधी होती है,लेकिन दुष्ट की सलाह कपट से भरी होती है।
6 दुष्ट की बातें जानलेवा फंदा होती हैं,*+लेकिन सीधे-सच्चे इंसान की ज़बान बचाती है।+
7 जब दुष्टों का विनाश होता है, तो वे फिर दिखायी नहीं देते,लेकिन नेक जन का घर खड़ा रहता है।+
8 सूझ-बूझ से बोलनेवाले की तारीफ की जाती है,+लेकिन जिसका मन टेढ़ा होता है, उसका अनादर किया जाता है।+
9 एक मामूली इंसान जिसके पास सिर्फ एक नौकर है,वह उस डींगमार से अच्छा है जो रोटी के लिए तरसता है।+
10 नेक जन अपने पालतू जानवरों का खयाल रखता है,+लेकिन दुष्ट की दया भी बेरहम होती है।
11 अपनी ज़मीन को जोतनेवाला जी-भरकर खाता है,+लेकिन जो बेकार की बातों के पीछे जाता है उसमें समझ नहीं।
12 दुष्ट, बुरे लोगों की लूट का लालच करता है,लेकिन नेक जन की जड़ें मज़बूत होती हैं और वह बढ़िया फल देता है।
13 बुरा इंसान अपनी ही बुरी बातों के जाल में फँस जाता है,+लेकिन नेक जन मुसीबतों से बच जाता है।
14 इंसान के मुँह की बातों से उसका भला हो सकता है+और वह जो करता है उसका फल उसे मिलता है।
15 मूर्ख को अपनी चाल सीधी लगती है,+लेकिन बुद्धिमान वही है जो सलाह कबूल करता है।+
16 मूर्ख बड़ी जल्दी* झुँझला उठता है,+मगर होशियार इंसान बेइज़्ज़ती को अनदेखा करता* है।
17 विश्वासयोग्य गवाह सच* बोलता है,लेकिन झूठा गवाह छल-कपट की बातें कहता है।
18 बिना सोचे-समझे बोलना, तलवार से वार करना है,लेकिन बुद्धिमान की बातें मरहम का काम* करती हैं।+
19 सच बोलनेवाले होंठ हमेशा कायम रहेंगे,+मगर झूठ बोलनेवाली जीभ पल-भर की होती है।+
20 साज़िश रचनेवाले के दिल में कपट होता है,लेकिन शांति को बढ़ावा* देनेवाला खुश रहता है।+
21 दुष्ट की ज़िंदगी मुसीबतों से भर जाएगी,+मगर नेक जन पर कोई आँच नहीं आएगी।+
22 झूठ बोलनेवाले होंठ से यहोवा घिन करता है,+लेकिन जो सच्चाई से काम करते हैं उनसे वह खुश होता है।
23 होशियार आदमी अपने ज्ञान को छिपाए रखता है,लेकिन मूर्ख अपने मन की मूर्खता उगल देता है।+
24 मेहनती इंसान राज करेगा,+लेकिन आलसी दूसरों की गुलामी करेगा।+
25 चिंताओं के बोझ से मन दब जाता है,+लेकिन अच्छी बात से मन खुश हो जाता है।+
26 नेक जन अपने चरागाह को गौर से देखता है,लेकिन दुष्टों की राह उन्हें भटका देती है।
27 आलसी अपने शिकार का पीछा नहीं करता,+मगर मेहनत एक इंसान का बेशकीमती खज़ाना है।
28 नेकी का रास्ता जीवन की ओर ले जाता है,+उसकी राह में मौत है ही नहीं।
कई फुटनोट
^ शा., “खून करने के लिए घात में बैठती हैं।”
^ शा., “को ढक देता।”
^ या “उसी दिन।”
^ शा., “नेकी की बातें।”
^ या “चंगा।”
^ शा., “शांति की सलाह।”