सारांश चलाएँ 1 यहूदा और शिमोन की जीत (1-20) यबूसी, यरूशलेम में ही रहते हैं (21) बेतेल पर यूसुफ का कब्ज़ा (22-26) कनानियों को पूरी तरह नहीं खदेड़ा (27-36) 2 यहोवा के स्वर्गदूत की चेतावनी (1-5) यहोशू की मौत (6-10) इसराएल के लिए न्यायी ठहराए (11-23) 3 यहोवा ने इसराएल को परखा (1-6) पहला न्यायी ओत्नीएल (7-11) न्यायी एहूद ने राजा एगलोन को मार डाला (12-30) न्यायी शमगर (31) 4 कनानी राजा याबीन का इसराएल पर ज़ुल्म (1-3) भविष्यवक्तिन दबोरा और न्यायी बाराक (4-16) याएल ने सेनापति सीसरा को मार डाला (17-24) 5 दबोरा और बाराक का विजय गीत (1-31) तारे सीसरा से युद्ध करते हैं (20) कीशोन नदी में बाढ़ (21) यहोवा से प्यार करनेवाले सूरज की तरह हैं (31) 6 इसराएल पर मिद्यान का ज़ुल्म (1-10) स्वर्गदूत ने न्यायी गिदोन को मदद का भरोसा दिलाया (11-24) गिदोन, बाल की वेदी गिराता है (25-32) पवित्र शक्ति गिदोन पर उतरी (33-35) ऊन से परखना (36-40) 7 गिदोन और उसके 300 आदमी (1-8) गिदोन की सेना मिद्यान को हराती है (9-25) “यहोवा की तलवार और गिदोन की तलवार!” (20) मिद्यान की छावनी में खलबली (21, 22) 8 एप्रैमी, गिदोन के साथ झगड़े (1-3) मिद्यानी राजाओं को मार डाला (4-21) गिदोन ने राजा बनने से इनकार किया (22-27) गिदोन की ज़िंदगी पर एक नज़र (28-35) 9 अबीमेलेक शेकेम का राजा बना (1-6) योताम की बतायी मिसाल (7-21) अबीमेलेक की तानाशाही (22-33) उसने शेकेम पर हमला किया (34-49) एक औरत ने उसे घायल किया; उसकी मौत (50-57) 10 न्यायी तोला और याईर (1-5) इसराएल की बगावत और पश्चाताप (6-16) अम्मोनी, इसराएल के खिलाफ (17, 18) 11 न्यायी यिप्तह को भगा दिया, फिर अगुवा बनाया (1-11) यिप्तह, अम्मोन से तर्क करता है (12-28) यिप्तह की मन्नत और उसकी बेटी (29-40) वह ज़िंदगी-भर कुँवारी रही (38-40) 12 एप्रैमियों के साथ लड़ाई (1-7) शिब्बोलेत बुलवाकर परखना (6) न्यायी इबसान, एलोन और अब्दोन (8-15) 13 मानोह और उसकी पत्नी के पास स्वर्गदूत आया (1-23) शिमशोन का जन्म (24, 25) 14 न्यायी शिमशोन पलिश्ती लड़की से शादी करना चाहता है (1-4) यहोवा की पवित्र शक्ति से शेर को मार डाला (5-9) शादी में शिमशोन की पहेली (10-19) उसकी पत्नी दूसरे आदमी को दी गयी (20) 15 शिमशोन पलिश्तियों से बदला लेता है (1-20) 16 शिमशोन गाज़ा में (1-3) शिमशोन और दलीला (4-22) शिमशोन का बदला और उसकी मौत (23-31) 17 मीका की मूरतें और उसका याजक (1-13) 18 दानी जगह ढूँढ़ते हैं (1-31) मीका की मूरतें और याजक उठा लिए गए (14-20) लैश पर कब्ज़ा और उसका नाम दान रखना (27-29) दान में मूर्तिपूजा (30, 31) 19 बिन्यामीन के लोगों का अपराध (1-30) 20 बिन्यामीन के लोगों से युद्ध (1-48) 21 बिन्यामीन गोत्र मिटने से बचा (1-25) पिछला अगला प्रिंट करें दूसरों को भेजें दूसरों को भेजें न्यायियों—सारांश बाइबल की किताबें न्यायियों—सारांश हिंदी न्यायियों—सारांश https://cms-imgp.jw-cdn.org/img/p/1001070000/univ/art/1001070000_univ_sqr_xl.jpg nwtsty न्यायियों इस प्रकाशन की कॉपीराइट Copyright © 2024 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania. इस्तेमाल की शर्तें | गोपनीयता नीति | PRIVACY SETTINGS