न्यायियों 10:1-18

10  अबीमेलेक की मौत के बाद, इसराएल का उद्धार करने के लिए तोला नाम का न्यायी उठा।+ वह इस्साकार के घराने से था। वह पूआ का बेटा था और पूआ दोदो का। तोला, एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश के शामीर में रहता था।  वह 23 साल तक इसराएलियों का न्यायी रहा। फिर उसकी मौत हो गयी और उसे शामीर में दफनाया गया।  तोला के बाद गिलाद का रहनेवाला याईर, न्यायी बनकर उठा और उसने 22 साल तक इसराएल का न्याय किया।  उसके 30 बेटे थे और उनके पास सवारी करने के लिए 30 गधे थे। गिलाद के इलाके में उनके 30 शहर थे जिन्हें आज तक हव्वोत-याईर के नाम से जाना जाता है।+  फिर याईर की मौत हो गयी और उसे कामोन में दफनाया गया।  इसराएली एक बार फिर वही करने लगे जो यहोवा की नज़र में बुरा था।+ उन्होंने यहोवा से मुँह मोड़ लिया और उसकी उपासना करना छोड़ दिया। वे बाल देवताओं, अशतोरेत की मूरतों, अराम,* सीदोन और मोआब के देवताओं, साथ ही अम्मोनियों और पलिश्‍तियों के देवी-देवताओं की पूजा करने लगे।+  तब यहोवा का गुस्सा इसराएलियों पर भड़क उठा, उसने उन्हें पलिश्‍तियों और अम्मोनियों के हवाले कर दिया।+  वे इसराएलियों को सताने और उन पर ज़ुल्म ढाने लगे। लगातार 18 साल तक वे गिलाद के सब इसराएलियों पर अत्याचार करते रहे। यरदन के पूरब में गिलाद का यह इलाका एक वक्‍त पर एमोरियों का था।  इतना ही नहीं, अम्मोनी यरदन पार जाकर यहूदा, बिन्यामीन और एप्रैम गोत्रों से भी युद्ध करते रहे। इसराएलियों का जीना मुश्‍किल हो गया। 10  वे मदद के लिए यहोवा को पुकारने लगे,+ “हे हमारे परमेश्‍वर, हमने तेरे खिलाफ पाप किया है! हम तुझे छोड़कर बाल देवताओं की सेवा करने लगे।”+ 11  यहोवा ने इसराएलियों से कहा, “क्या मैंने तुम्हें मिस्र से नहीं छुड़ाया?+ और जब एमोरियों,+ अम्मोनियों, पलिश्‍तियों,+ 12  सीदोनियों, अमालेकियों और मिद्यानियों ने तुम पर अत्याचार किया और तुमने मेरी दुहाई दी, तो क्या मैंने तुम्हें उनके हाथ से नहीं बचाया? 13  मगर तुमने क्या किया? तुम मुझे छोड़कर दूसरे देवताओं की उपासना करने लगे।+ इसलिए अब मैं तुम्हें नहीं बचाऊँगा।+ 14  जाओ, जाकर उन्हीं से मदद माँगो जिन्हें तुमने अपना ईश्‍वर बना लिया है।+ कहो उनसे कि वे तुम्हें इस मुसीबत से निकालें।”+ 15  इसराएलियों ने यहोवा से कहा, “हमने पाप किया है। तुझे जैसा ठीक लगे, हमारे साथ कर। बस हमें दुश्‍मनों से बचा ले।” 16  और उन्होंने अपने बीच से पराए देवताओं की मूरतें निकाल फेंकी और यहोवा की सेवा करने लगे।+ तब इसराएल का दुख परमेश्‍वर से देखा नहीं गया।*+ 17  कुछ समय बाद अम्मोनी+ युद्ध करने के लिए इकट्ठा हुए और उन्होंने गिलाद में छावनी डाली। इसराएलियों ने भी अपने आदमी इकट्ठा किए और मिसपा में छावनी डाली। 18  गिलाद के लोग और हाकिम एक-दूसरे से कहने लगे, “अम्मोनियों से लड़ने में कौन हमारी अगुवाई करेगा?+ जो भी अगुवाई करेगा, वह गिलाद के लोगों का प्रधान ठहरेगा।”

कई फुटनोट

या “सीरिया।”
या “देखकर परमेश्‍वर का जी बेचैन हो उठा।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो