न्यायियों 8:1-35

8  एप्रैम के आदमियों ने गिदोन से कहा, “जब तू मिद्यानियों से लड़ने गया तो तूने हमें क्यों नहीं बुलाया?+ यह तूने ठीक नहीं किया।” और वे गिदोन से झगड़ने लगे।+  लेकिन गिदोन ने उनसे कहा, “मैं कौन होता हूँ तुम्हारी बराबरी करनेवाला? हम अबीएजेर के आदमियों+ ने जो किया, उससे कहीं बढ़कर तुम एप्रैमियों+ ने किया।*  मिद्यानियों के हाकिम ओरेब और ज़ाएब को परमेश्‍वर ने तुम्हारे हवाले कर दिया।+ मैंने जो किया वह तुम्हारे मुकाबले कुछ भी नहीं।” गिदोन की बातें सुनकर उनका गुस्सा ठंडा हो गया।  फिर गिदोन दुश्‍मनों के पीछे-पीछे यरदन तक आया और उसने उसे पार किया। वह और उसके 300 आदमी थककर चूर हो गए, फिर भी वे उनका पीछा करते रहे।  सुक्कोत में आकर उसने वहाँ के लोगों से कहा, “मैं मिद्यानियों के राजा जेबह और सलमुन्‍ना का पीछा कर रहा हूँ। मेरे आदमी बहुत थक चुके हैं, मेहरबानी करके उन्हें खाने के लिए कुछ रोटियाँ दे दो।”  लेकिन सुक्कोत के हाकिमों ने कहा, “तू तो ऐसे रोटी माँग रहा है, जैसे तेरे आदमियों ने जेबह और सलमुन्‍ना को बंदी बना लिया हो!”  गिदोन ने उनसे कहा, “तो ठीक है तुम भी सुन लो, जब यहोवा जेबह और सलमुन्‍ना को मेरे हाथ में कर देगा तो मैं लौटकर तुम्हें जंगल की कँटीली झाड़ियों से खूब मारूँगा।”+  फिर गिदोन, पनूएल गया और उसने वहाँ भी लोगों से रोटी माँगी। लेकिन उन्होंने भी वही जवाब दिया जो सुक्कोत के लोगों ने दिया था।  गिदोन ने पनूएल के लोगों से कहा, “जब मैं जीतकर लौटूँगा, तो तुम्हारे शहर की मीनार गिरा दूँगा।”+ 10  जेबह और सलमुन्‍ना अपने 15,000 आदमियों के साथ कारकोर में थे। पूर्वी देश की सेना+ में सिर्फ इतने आदमी बच गए थे, बाकी 1,20,000 योद्धा मारे जा चुके थे। 11  गिदोन आगे बढ़ते हुए नोबह और योगबहा+ के पूरब में उस रास्ते से गया जहाँ खानाबदोश लोग रहते थे और उसने अचानक दुश्‍मनों की छावनी पर हमला बोल दिया। 12  मिद्यानी राजा जेबह और सलमुन्‍ना वहाँ से भाग निकले। मगर गिदोन ने उनका पीछा करके उन्हें पकड़ लिया और दुश्‍मनों की पूरी छावनी में अफरा-तफरी मच गयी। 13  युद्ध से लौटते वक्‍त, योआश का बेटा गिदोन उस चढ़ाई से होकर गुज़रा जो हेरेस को जाती थी। 14  रास्ते में उसने सुक्कोत के एक जवान आदमी को पकड़ा और उससे सुक्कोत के हाकिमों और मुखियाओं के बारे में पूछताछ की। उस आदमी ने गिदोन को उनके नाम लिखकर दिए, कुल मिलाकर 77 लोगों के नाम। 15  तब गिदोन ने सुक्कोत के आदमियों के पास आकर कहा, “ये रहे जेबह और सलमुन्‍ना! इन्हीं के बारे में तुमने मुझसे कहा था, ‘तू तो अपने थके हुए आदमियों के लिए ऐसे रोटी माँग रहा है, जैसे उन्होंने जेबह और सलमुन्‍ना को बंदी बना लिया हो!’”+ 16  फिर गिदोन ने जंगल की कँटीली झाड़ियाँ लेकर सुक्कोत के मुखियाओं की अच्छी खबर ली।+ 17  इसके बाद उसने पनूएल की मीनार गिरा दी+ और शहर के आदमियों को मार डाला। 18  गिदोन ने जेबह और सलमुन्‍ना से पूछा, “ताबोर में तुमने जिन लोगों को मारा था वे दिखने में कैसे थे? उन्होंने कहा, “बिलकुल तेरे जैसे। वे किसी राजा के बेटे से कम नहीं दिख रहे थे।” 19  गिदोन ने कहा, “वे मेरे सगे भाई थे। मैं जीवित परमेश्‍वर यहोवा की शपथ खाकर कहता हूँ, अगर तुमने मेरे भाइयों को नहीं मारा होता, तो मैं भी तुम्हें नहीं मारता।” 20  फिर उसने अपने पहलौठे बेटे येतेर से कहा, “मार डाल इन्हें।” लेकिन येतेर ने अपनी तलवार नहीं निकाली, वह डर गया क्योंकि वह अभी लड़का ही था। 21  इस पर जेबह और सलमुन्‍ना ने गिदोन से कहा, “उससे क्या कह रहा है, अगर तुझमें हिम्मत है, तो उठा तलवार और मार डाल हमें।” तब गिदोन ने आगे बढ़कर जेबह और सलमुन्‍ना को मार डाला।+ और उनके ऊँटों की गरदन से चंद्रहार ले लिए। 22  इसके बाद इसराएलियों ने गिदोन से कहा, “तू हमारा राजा बन जा और तेरे बाद तेरे बेटे और पोते भी हम पर राज करें क्योंकि तूने हमें मिद्यानियों के हाथ से बचाया है।”+ 23  मगर गिदोन ने उनसे कहा, “न तो मैं, न मेरे बेटे तुम पर राज करेंगे। यहोवा तुम्हारा राजा है और वही तुम पर राज करेगा।”+ 24  उसने यह भी कहा, “तुमसे एक बिनती है, तुम अपने लूट के माल में से मुझे एक-एक नथ दो।” (क्योंकि इसराएलियों ने जिन्हें हराया था वे इश्‍माएली+ थे और सोने की नथ पहना करते थे।) 25  इसराएलियों ने कहा, “ज़रूर, क्यों नहीं।” उन्होंने एक कपड़ा फैलाया और हर आदमी अपने लूट के माल से एक-एक नथ उसमें डालता गया। 26  गिदोन को सोने की जितनी नथ मिलीं, उनका कुल वज़न 1,700 शेकेल* सोने के बराबर था। इसके अलावा उसे चंद्रहार, गले की लटकन, मिद्यानी राजाओं के बैंजनी रंग के कपड़े और ऊँटों के गले के हार भी मिले।+ 27  गिदोन ने उस सोने से एक एपोद बनाया+ और अपने शहर ओप्रा+ में उसकी नुमाइश की। मगर सारे इसराएली एपोद को देवता मानकर पूजने लगे*+ और वह एपोद, गिदोन और उसके घराने के लिए फंदा साबित हुआ।+ 28  इस तरह मिद्यानी+ इसराएलियों से हार गए और वे फिर कभी इसराएलियों के खिलाफ खड़े न हुए।* 40 साल तक, जब तक गिदोन ज़िंदा रहा, उनके इलाके में शांति बनी रही।+ 29  योआश का बेटा यरुब्बाल*+ अपने घर लौट गया और वहाँ रहने लगा। 30  गिदोन के 70 बेटे हुए क्योंकि उसकी बहुत सारी पत्नियाँ थीं। 31  शेकेम में रहनेवाली उसकी उप-पत्नी से भी उसे एक बेटा हुआ जिसका नाम उसने अबीमेलेक रखा।+ 32  एक लंबी और खुशहाल ज़िंदगी जीने के बाद योआश का बेटा गिदोन मर गया। उसे अबीएजेरियों के इलाके ओप्रा में+ अपने पिता योआश की कब्र में दफनाया गया। 33  गिदोन के मरने के तुरंत बाद इसराएली फिर से बाल देवताओं की पूजा* करने लगे+ और उन्होंने बाल-बरीत को अपना ईश्‍वर बना लिया।+ 34  वे अपने परमेश्‍वर यहोवा को भूल गए+ जिसने आस-पास के सभी दुश्‍मनों से उन्हें बचाया था।+ 35  यही नहीं, यरुब्बाल यानी गिदोन ने उनके साथ जितनी भलाई की थी, वे उसे भी भूल गए और उन्होंने उसके घराने पर कोई कृपा* नहीं की।+

कई फुटनोट

शा., “क्या एप्रैम के बीने हुए अंगूर अबीएजेर की काटी गयी फसल से ज़्यादा नहीं हैं?”
एक शेकेल का वज़न 11.4 ग्रा. था। अति. ख14 देखें।
या “एपोद के साथ वेश्‍याओं जैसी बदचलनी करने लगे।”
शा., “सिर न उठाया।”
यानी गिदोन। न्या 6:32 देखें।
या “के साथ वेश्‍याओं जैसी बदचलनी।”
या “अटल प्यार।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो