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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

सारांश

  • 1

    • परमेश्‍वर, यीशु के ज़रिए बातें प्रकट करता है (1-3)

    • सात मंडलियों को नमस्कार (4-8)

      • “मैं ही शुरूआत हूँ और मैं ही अंत हूँ” (8)

    • पवित्र शक्‍ति के उभारने पर यूहन्‍ना, प्रभु के दिन में (9-11)

    • महिमावान यीशु का दर्शन (12-20)

  • 2

    • इन मंडलियों को संदेश: इफिसुस (1-7), स्मुरना (8-11), पिरगमुन (12-17), थुआतीरा (18-29)

  • 3

    • इन मंडलियों को संदेश: सरदीस (1-6), फिलदिलफिया (7-13), लौदीकिया (14-22)

  • 4

    • स्वर्ग में मौजूद यहोवा का दर्शन (1-11)

      • वह राजगद्दी पर बैठा है (2)

      • 24 प्राचीन राजगद्दियों पर बैठे हैं (4)

      • चार जीवित प्राणी (6)

  • 5

    • सात मुहरोंवाला खर्रा (1-5)

    • मेम्ना खर्रा लेता है (6-8)

    • मेम्ना मुहरें खोलने के योग्य है (9-14)

  • 6

    • मेम्ना पहली छ: मुहरें खोलता है (1-17)

      • सफेद घोड़े पर सवार विजेता (1, 2)

      • लाल घोड़े का सवार, शांति उठा ले जाएगा (3, 4)

      • काले घोड़े का सवार, अकाल लाएगा (5, 6)

      • पीले घोड़े के सवार का नाम मौत (7, 8)

      • मारे गए लोग वेदी के नीचे (9-11)

      • एक बड़ा भूकंप (12-17)

  • 7

    • चार स्वर्गदूत विनाश की हवाओं को थामे हुए (1-3)

    • 1,44,000 मुहरबंद (4-8)

    • बड़ी भीड़ सफेद चोगे पहने हुए (9-17)

  • 8

    • सातवीं मुहर खोली गयी (1-6)

    • पहली चार तुरहियाँ फूँकी गयीं (7-12)

    • तीन मुसीबतों का ऐलान (13)

  • 9

    • पाँचवीं तुरही (1-11)

    • एक कहर बीत गया, दो और आनेवाले (12)

    • छठी तुरही (13-21)

  • 10

    • एक ताकतवर स्वर्गदूत के पास छोटा खर्रा (1-7)

      • “अब और देर नहीं होगी” (6)

      • पवित्र रहस्य अंजाम पर पहुँचेगा (7)

    • यूहन्‍ना छोटा खर्रा खाता है (8-11)

  • 11

    • दो गवाह (1-13)

      • टाट ओढ़े हुए 1,260 दिन भविष्यवाणी करते हैं (3)

      • मार डाले जाते हैं पर दफनाए नहीं जाते (7-10)

      • साढ़े तीन दिन बाद ज़िंदा किए जाते हैं (11, 12)

    • दूसरा कहर बीता, तीसरा आनेवाला है (14)

    • सातवीं तुरही (15-19)

      • हमारे मालिक और उसके मसीह का राज (15)

      • पृथ्वी को तबाह करनेवाले खत्म होंगे (18)

  • 12

    • औरत, लड़का और अजगर (1-6)

    • मीकाएल अजगर से लड़ा (7-12)

      • अजगर धरती पर फेंक दिया गया (9)

      • शैतान जानता है उसका वक्‍त बहुत कम है (12)

    • अजगर औरत पर ज़ुल्म ढाता है (13-17)

  • 13

    • सात सिरोंवाला जंगली जानवर समुंदर से निकला (1-10)

    • दो सींगोंवाला जानवर धरती से निकला (11-13)

    • सात सिरोंवाले जानवर की मूरत (14, 15)

    • जंगली जानवर का निशान और संख्या (16-18)

  • 14

    • मेम्ना और 1,44,000 जन (1-5)

    • तीन स्वर्गदूतों का संदेश (6-12)

      • आकाश के बीचों-बीच उड़ते स्वर्गदूत के पास खुशखबरी (6, 7)

    • प्रभु के साथ एकता में मरनेवाले सुखी हैं (13)

    • धरती की दो बार कटाई (14-20)

  • 15

    • सात स्वर्गदूत सात कहर लिए हुए (1-8)

      • मूसा और मेम्ने का गीत (3, 4)

  • 16

    • परमेश्‍वर के क्रोध के सात कटोरे उँडेले गए (1-21)

      • धरती पर (2), समुंदर पर (3), नदियों और पानी के सोतों पर (4-7), सूरज पर (8, 9), जंगली जानवर की राजगद्दी पर (10, 11), फरात पर (12-16) और हवा पर (17-21)

      • हर-मगिदोन में परमेश्‍वर का युद्ध (14, 16)

  • 17

    • “महानगरी बैबिलोन” को सज़ा सुनायी गयी (1-18)

      • सुर्ख लाल रंग के जानवर पर बड़ी वेश्‍या बैठी है (1-3)

      • जानवर ‘जो था, अब नहीं है और अथाह-कुंड से जल्द निकलेगा’ (8)

      • दस सींग, मेम्ने के साथ लड़ेंगे (12-14)

      • दस सींग, वेश्‍या से नफरत करेंगे (16, 17)

  • 18

    • “महानगरी बैबिलोन” गिर पड़ी (1-8)

      • “मेरे लोगो, उसमें से बाहर निकल आओ” (4)

    • बैबिलोन के गिरने पर मातम (9-19)

    • बैबिलोन के गिरने पर स्वर्ग में खुशियाँ (20)

    • बैबिलोन को पत्थर की तरह समुंदर में फेंका जाएगा (21-24)

  • 19

    • याह के फैसलों के लिए उसकी तारीफ करो (1-10)

      • मेम्ने की शादी (7-9)

    • सफेद घोड़े पर सवार (11-16)

    • परमेश्‍वर ने रखी शाम की बड़ी दावत (17, 18)

    • जंगली जानवर की हार (19-21)

  • 20

    • शैतान 1,000 साल के लिए कैद (1-3)

    • मसीह के साथ 1,000 साल तक राज करनेवाले (4-6)

    • शैतान छोड़ा जाएगा, फिर उसका नाश (7-10)

    • सफेद राजगद्दी के सामने मरे हुओं का न्याय (11-15)

  • 21

    • एक नया आकाश और नयी पृथ्वी (1-8)

      • फिर मौत न रहेगी (4)

      • सबकुछ नया बनाया गया (5)

    • नयी यरूशलेम की खूबसूरती (9-27)

  • 22

    • जीवन देनेवाले पानी की नदी (1-5)

    • समाप्ति (6-21)

      • ‘आ! जीवन देनेवाला पानी मुफ्त में ले ले’ (17)

      • “प्रभु यीशु, आ” (20)