भजन 112:1-10
112 याह की तारीफ करो!*+
א [आलेफ ]
सुखी है वह इंसान जो यहोवा का डर मानता है,+ב [बेथ ]
जो उसकी आज्ञाओं से बड़ी खुशी पाता है।+
ג [गिमेल ]
2 उसके वंशज धरती पर ताकतवर होंगे,ד [दालथ ]
सीधे-सच्चे लोगों की पीढ़ी आशीष पाएगी।+
ה [हे ]
3 उसके घर में धन-दौलत हैו [वाव ]
और उसकी नेकी हमेशा बनी रहती है।
ז [जैन ]
4 वह सीधे-सच्चे लोगों के लिए अँधेरे में चमकती रौशनी है।+
ח [हेथ ]
वह करुणा से भरा है, दयालु+ और नेक है।
ט [टेथ ]
5 जो आदमी दिल खोलकर उधार देता है उसके साथ अच्छा होता है।+
י [योध ]
वह अपना सारा काम न्याय से करता है।
כ [काफ ]
6 उसे कभी हिलाया नहीं जा सकता।+
ל [लामेध ]
नेक जन को हमेशा याद किया जाएगा।+
מ [मेम ]
7 वह बुरी खबर से नहीं डरेगा।+
נ [नून ]
उसका दिल अटल रहता है, यहोवा पर भरोसा रखता है।+
ס [सामेख ]
8 उसका दिल मज़बूत* रहता है, वह नहीं डरता।+
ע [ऐयिन ]
आखिर में वह अपने दुश्मनों की हार देखेगा।+
פ [पे ]
9 उसने बढ़-चढ़कर* बाँटा है, गरीबों को दिया है।+
צ [सादे ]
उसकी नेकी हमेशा बनी रहती है।+
ק [कोफ ]
उसकी ताकत* सम्मान के साथ बढ़ती जाएगी।
ר [रेश ]
10 दुष्ट यह देखकर परेशान हो जाएगा।
ש [शीन ]
वह दाँत पीसेगा और मिट जाएगा।
ת [ताव ]
दुष्ट की इच्छाएँ कभी पूरी न होंगी।+
कई फुटनोट
^ या “हल्लिलूयाह!” “याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
^ या “अटल; दृढ़।”
^ या “उदारता से।”
^ शा., “सींग।”