भजन 118:1-29

118  यहोवा का शुक्रिया अदा करो क्योंकि वह भला है,+उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।   इसराएल अब कहे, “उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।”   हारून के घराने के लोग अब कहें, “उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।”   यहोवा का डर माननेवाले अब कहें, “उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।”   मैंने संकट में याह* को पुकारा,याह ने मुझे जवाब दिया और एक महफूज़* जगह ले आया।+   यहोवा मेरी तरफ है, मैं नहीं डरूँगा।+ इंसान मेरा क्या कर सकता है?+   यहोवा मेरी तरफ है, मेरा मददगार है,*+जो मुझसे नफरत करते हैं, मैं उनकी हार देखूँगा।+   यहोवा की पनाह लेना बेहतर है,बजाय इसके कि इंसानों पर भरोसा करें।+   यहोवा की पनाह लेना बेहतर है,बजाय इसके कि हाकिमों पर भरोसा करें।+ 10  सब राष्ट्रों ने मुझे घेर लिया,मगर मैंने यहोवा के नाम से सबको भगा दिया।+ 11  उन्होंने मुझे घेर लिया, हाँ, मैं पूरी तरह से घिर चुका था,मगर मैंने यहोवा के नाम से सबको भगा दिया। 12  उन्होंने मधुमक्खियों की तरह मुझे घेर लिया,मगर वे जल्द मिट गए,जैसे आग लगने पर कँटीली झाड़ियाँ भस्म हो जाती हैं। मैंने यहोवा के नाम से सबको भगा दिया।+ 13  मुझे गिराने के लिए ज़ोर का धक्का दिया गया,*मगर यहोवा ने मेरी मदद की। 14  याह मेरा आसरा है, मेरी ताकत है,वह मेरा उद्धारकर्ता बन गया है।+ 15  नेक जनों का उद्धार हुआ है,*इसलिए उनके तंबुओं से खुशी की जयजयकार सुनायी दे रही है। यहोवा का दायाँ हाथ अपनी ताकत दिखा रहा है।+ 16  यहोवा का दायाँ हाथ ऊँचा उठा है,यहोवा का दायाँ हाथ अपनी ताकत दिखा रहा है।+ 17  मुझे मरना मंज़ूर नहीं, मैं जीऊँगाताकि याह के कामों का ऐलान करूँ।+ 18  याह ने मुझे कड़ी फटकार लगायी,+मगर मुझे मौत के हवाले नहीं किया।+ 19  मेरे लिए नेकी के फाटक खोल दो,+मैं उनमें दाखिल होऊँगा और याह की तारीफ करूँगा। 20  यह यहोवा का फाटक है। नेक जन इसमें से दाखिल होंगे।+ 21  मैं तेरी तारीफ करूँगा क्योंकि तूने मुझे जवाब दिया+और तू मेरा उद्धारकर्ता बन गया। 22  जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने ठुकरा दिया,वही कोने का मुख्य पत्थर बन गया है।+ 23  यह यहोवा की तरफ से हुआ है+और हमारी नज़र में लाजवाब है।+ 24  यह यहोवा का ठहराया हुआ दिन है,इसके कारण हम खुशियाँ मनाएँगे, आनंद-मगन होंगे। 25  हे यहोवा, हमें बचा ले, हमारा गिड़गिड़ाना सुन ले! हे यहोवा, हमें जीत दिला, हमारी बिनती सुन ले! 26  धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है।+हम यहोवा के भवन से तुम लोगों को आशीर्वाद देते हैं। 27  यहोवा परमेश्‍वर है,वह हमें रौशनी देता है।+ हाथों में डालियाँ लिए त्योहार के जुलूस में शामिल हो जाओ,+वेदी के सींगों+ तक चलो। 28  तू मेरा परमेश्‍वर है, मैं तेरी तारीफ करूँगा,मेरे परमेश्‍वर, मैं तेरी बड़ाई करूँगा।+ 29  यहोवा का शुक्रिया अदा करो+ क्योंकि वह भला है,उसका अटल प्यार सदा बना रहता है।+

कई फुटनोट

“याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
या “खुली।”
या शायद, “यहोवा मेरी तरफ मेरी मदद करनेवालों के साथ है।”
या शायद, “तूने मुझे ज़ोर का धक्का दिया।”
या “की जीत हुई है।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो