भजन 12:1-8
दाविद का सुरीला गीत। निर्देशक के लिए हिदायत: यह गीत शेमिनिथ* की धुन पर गाया जाए।
12 हे यहोवा, मुझे बचा ले क्योंकि एक भी वफादार जन न रहा,विश्वासयोग्य लोग दुनिया से मिट गए हैं।
2 सब एक-दूसरे से झूठ बोलते हैं,होंठों से चिकनी-चुपड़ी बातें करते हैं, दोरंगे मन से बोलते हैं।+
3 यहोवा चिकनी-चुपड़ी बातें करनेवाले होंठ काट डालेगा,बड़ी-बड़ी डींगें मारनेवाली ज़बान खींच लेगा।+
4 वे कहते हैं, “हम अपनी ज़बान से जीत जाएँगे।
अपने होंठों से जो चाहे बोलेंगे,किसकी जुर्रत कि हम पर हुक्म चलाए?”+
5 यहोवा कहता है, “पीड़ितों को सताया जा रहा है,गरीब आहें भर रहे हैं,+इसलिए अब मैं कदम उठाऊँगा।
जो उन्हें तुच्छ समझते हैं, उनसे उन्हें बचाऊँगा।”
6 यहोवा की कही बातें शुद्ध हैं,+उस चाँदी की तरह जो मिट्टी की भट्ठी* में तायी गयी है,सात बार शुद्ध की गयी है।
7 हे यहोवा, तू दीन-दुखियों की रक्षा करेगा,+उनमें से हरेक को इस पीढ़ी से सदा बचाए रखेगा।
8 दुष्ट सीना तानकर चलते हैं, उन्हें रोकनेवाला कोई नहीं,क्योंकि हर कहीं नीच कामों का बोलबाला है।+