भजन 122:1-9

दाविद की रचना। चढ़ाई का गीत। 122  मैं बहुत खुश हुआ जब लोगों ने मुझसे कहा, “आओ हम यहोवा के भवन चलें।”+   हे यरूशलेम, हमने तेरे यहाँ कदम रखा है,अब हम तेरे फाटकों के अंदर खड़े हैं।+   यरूशलेम ऐसे शहर की तरह बना हैजिसे साथ जोड़कर एक किया गया है।+   सारे गोत्र वहाँ ऊपर गए हैं,इसराएल को दिए नियम के मुताबिकयाह* के गोत्र वहाँ गए हैंताकि यहोवा के नाम की तारीफ करें।+   क्योंकि वहाँ न्याय के लिए राजगद्दी,दाविद के घराने की राजगद्दी खड़ी की गयी थी।+   यरूशलेम की शांति के लिए दुआ करो।+ हे नगरी, तुझसे प्यार करनेवाले महफूज़ रहेंगे।   तेरी सुरक्षा की ढलानों* के भीतर शांति बनी रहे,तेरी मज़बूत मीनारों में सुरक्षा रहे।   अपने भाइयों और साथियों की खातिर मैं कहूँगा, “तेरे यहाँ शांति रहे।”   हमारे परमेश्‍वर यहोवा के भवन+ की खातिरमैं तेरी खुशहाली की कामना करूँगा।

कई फुटनोट

“याह” यहोवा नाम का छोटा रूप है।
या “मज़बूत शहरपनाह।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो