भजन 143:1-12
दाविद का सुरीला गीत।
143 हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन,+मेरी मदद की पुकार सुन।
तू विश्वासयोग्य और नेक है, इसलिए मुझे जवाब दे।
2 अपने सेवक पर मुकदमा न चला,क्योंकि कोई भी इंसान तेरे सामने नेक नहीं ठहर सकता।+
3 दुश्मन मेरा पीछा कर रहा है,उसने मुझे ज़मीन पर रौंदकर मेरी जान ले ली।
मुझे अँधेरे में डाल दिया,उन लोगों की तरह जिन्हें मरे अरसा हो गया है।
4 मेरी ताकत जवाब दे रही है,+मेरा मन सुन्न हो गया है।+
5 मैं गुज़रे दिन याद करता हूँ,तेरे सब कामों पर मनन करता हूँ,+तेरे हाथ के काम पर गहराई से सोचता हूँ।*
6 मैं तेरे सामने अपने हाथ फैलाता हूँ,जैसे सूखी ज़मीन बारिश की प्यासी होती है, वैसे ही मैं तेरा प्यासा हूँ।+ (सेला )
7 हे यहोवा, मुझे जल्द जवाब दे,+मेरी ताकत मिट चुकी है।+
मुझसे अपना मुँह न फेर,+वरना मैं गड्ढे* में जानेवालों की तरह बन जाऊँगा।+
8 मुझे भोर को अपने अटल प्यार के बारे में सुना,क्योंकि मैं तुझ पर भरोसा रखता हूँ।
मुझे वह रास्ता दिखा जिस पर मुझे चलना चाहिए,+क्योंकि मैं तेरी तरफ मुड़ता हूँ।
9 हे यहोवा, मुझे दुश्मनों से छुड़ा ले।
मैं बचाव के लिए तेरी आस लगाता हूँ।+
10 मुझे तेरी मरज़ी पूरी करना सिखा,+क्योंकि तू मेरा परमेश्वर है।
तेरी पवित्र शक्ति भली है,वह समतल ज़मीन* में मेरी अगुवाई करे।
11 हे यहोवा, अपने नाम की खातिर मेरी जान की हिफाज़त कर।
अपनी नेकी की वजह से मुझे संकट से छुड़ा ले।+
12 अपने अटल प्यार की वजह से मेरे दुश्मनों का अंत कर दे,+मुझे सतानेवालों का नाश कर दे,+क्योंकि मैं तेरा सेवक हूँ।+