भजन 52:1-9
निर्देशक के लिए हिदायत। मश्कील।* दाविद का यह गीत उस समय का है जब एदोमी दोएग शाऊल को बता देता है कि दाविद अहीमेलेक+ के घर गया था।
52 अरे दुष्ट, तू क्यों अपने बुरे कामों पर डींग मारता है?+
क्या तू जानता नहीं, परमेश्वर का अटल प्यार दिन-भर कायम रहता है?+
2 तेरी ज़बान उस्तरे जैसी तेज़ है,+जो बुरा करने की साज़िशें रचती है, छल की बातें गढ़ती है।+
3 तू अच्छाई से नहीं बुराई से प्यार करता है,तुझे सच के बजाय झूठ बोलना रास आता है। (सेला )
4 हे छली ज़बान,तू नुकसान करनेवाली हर बात पसंद करती है!
5 इसलिए परमेश्वर तुझे गिराकर हमेशा के लिए नाश कर देगा,+तुझे झपटकर पकड़ लेगा और तंबू से बाहर घसीट लाएगा,+दुनिया* से तुझे जड़ से उखाड़ देगा।+ (सेला )
6 नेक लोग यह देखेंगे और श्रद्धा से भर जाएँगे,+वे यह कहकर उस दुष्ट पर हँसेंगे:+
7 “देखो इस आदमी को, जिसने परमेश्वर की पनाह नहीं ली*+बल्कि अपनी बेशुमार दौलत पर भरोसा किया,+अपनी साज़िशों का सहारा* लिया।”
8 मगर मैं परमेश्वर के भवन में फलते-फूलते जैतून पेड़ जैसा होऊँगा,मैंने परमेश्वर के अटल प्यार पर भरोसा रखा है+ और सदा रखूँगा।
9 मैं सदा तेरी तारीफ करूँगा क्योंकि तूने कदम उठाया है,+तेरे वफादार जनों के सामनेमैं तेरे नाम पर आशा रखूँगा+ क्योंकि वह भला है।