भजन 75:1-10

आसाप+ का गीत। निर्देशक के लिए हिदायत: “नाश न होने दे” धुन के मुताबिक। 75  हे परमेश्‍वर, हम तेरा धन्यवाद करते हैं, हाँ, तेरा धन्यवाद करते हैं,तेरा नाम करीब है+और लोग तेरे आश्‍चर्य के कामों का ऐलान करते हैं।   तू कहता है, “जब मैं समय तय करता हूँ,तब मैं बिना तरफदारी किए न्याय करता हूँ।   जब धरती और उसके सारे निवासी डर के मारे पिघल गए,तब मैंने ही उसके खंभों को मज़बूत बनाए रखा।” (सेला )   मैं शेखीबाज़ों से कहता हूँ, “शेखी मत मारो,” दुष्टों से कहता हूँ, “अपनी ताकत पर मत इतराओ।*   अपनी ताकत पर इतना मत इतराओ,*न ही अकड़कर बोलो।   क्योंकि सम्मान पूरब, पश्‍चिम या दक्षिण से नहीं मिलता।   परमेश्‍वर न्यायी है।+ वही है जो किसी को ऊँचा उठाता तो किसी को नीचे गिराता है।+   यहोवा के हाथ में एक प्याला है,+उसमें दाख-मदिरा उफन रही है, उसमें मसाला मिला है। वह उसे ज़रूर उँडेल देगाऔर धरती के सभी दुष्ट उसे पीएँगे, उसका तलछट तक पीएँगे।”+   मगर मैं सदा तक उसका ऐलान करता रहूँगा,याकूब के परमेश्‍वर की तारीफ में गीत गाऊँगा।* 10  क्योंकि वह कहता है, “मैं दुष्टों की सारी ताकत मिटा दूँगा,*जबकि नेक जनों की ताकत और बढ़ायी जाएगी।”*

कई फुटनोट

शा., “अपना सींग ऊँचा मत करो।”
शा., “अपना सींग बहुत ऊँचा मत करो।”
या “संगीत बजाऊँगा।”
शा., “के सारे सींग काट डालूँगा।”
शा., “के सींग ऊँचे किए जाएँगे।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो