भजन 96:1-13
96 यहोवा के लिए एक नया गीत गाओ।+
सारी धरती के लोगो, यहोवा के लिए गीत गाओ!+
2 यहोवा के लिए गीत गाओ, उसके नाम की तारीफ करो।
वह जो उद्धार दिलाता है, उसकी खुशखबरी रोज़-ब-रोज़ सुनाओ।+
3 राष्ट्रों में उसकी महिमा का ऐलान करो,देश-देश के लोगों में उसके अजूबों का ऐलान करो।+
4 यहोवा महान है, सबसे ज़्यादा तारीफ के काबिल है।
सभी देवताओं से बढ़कर विस्मयकारी है।
5 देश-देश के लोगों के सभी देवता निकम्मे हैं,+मगर यहोवा ने ही आकाश बनाया।+
6 उसके सामने प्रताप* और वैभव है,+उसके पवित्र-स्थान में शक्ति और सौंदर्य है।+
7 देश-देश के सभी घरानो, यहोवा का आदर करो,यहोवा का आदर करो क्योंकि वह महिमा और ताकत से भरपूर है।+
8 यहोवा का नाम जितनी महिमा का हकदार है उतनी महिमा उसे दो,+भेंट लेकर उसके आँगनों में आओ।
9 पवित्र पोशाक पहने* यहोवा को दंडवत* करो,सारी धरती के लोगो, उसके सामने थर-थर काँपो!
10 राष्ट्रों में ऐलान करो, “यहोवा राजा बना है!+
पृथ्वी* मज़बूती से कायम की गयी है, यह हिलायी नहीं जा सकती।
परमेश्वर बिना तरफदारी किए देश-देश के लोगों का न्याय* करेगा।”+
11 आसमान मगन हो, धरती आनंद मनाए,समुंदर और उसमें जो भी है, खुशी से गरजें।+
12 मैदान और उनमें जो भी है, खुशियाँ मनाएँ।+
जंगल के सारे पेड़ भी खुशी से जयजयकार करें,+
13 यहोवा के सामने जयजयकार करें क्योंकि वह आ रहा है,*धरती का न्याय करने आ रहा है।
वह सारे जगत* का न्याय नेकी से करेगा,+देश-देश के लोगों का न्याय सच्चाई से करेगा।+
कई फुटनोट
^ या “गरिमा।”
^ या शायद, “उसकी पवित्रता के वैभव की वजह से।”
^ या “की उपासना।”
^ या “उपजाऊ ज़मीन।”
^ या “की पैरवी।”
^ या “आ गया है।”
^ या “उपजाऊ ज़मीन।”