मरकुस की किताब पर एक नज़र
लेखक: मरकुस
लिखने की जगह: रोम
लिखना पूरा हुआ: क. ई. 60-65
कितने समय का ब्यौरा: ई. 29-33
गौर करनेवाली खास बातें:
खुशखबरी की किताबों में यह सबसे छोटी किताब है। इसमें घटनाएँ जल्दी-जल्दी घटती हैं। इसमें यूनानी शब्द यूथीस 40 से ज़्यादा बार आया है, जिसका अनुवाद अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। जैसे, “तुरंत,” “फौरन,” “उसी पल,” “उसी वक्त,” “बिना देर किए।” मरकुस की पूरी किताब एक-दो घंटे में पढ़ी जा सकती है। इसे पढ़कर लोग जान पाते हैं कि यीशु की ज़िंदगी कितनी रोमांचक थी और उसने कितने जोश से सेवा की।
पुराने ज़माने के कई लोगों का मानना था कि इस किताब में लिखी ज़्यादातर जानकारी मरकुस को प्रेषित पतरस से मिली थी जो घटनाओं का चश्मदीद गवाह था। (13:3) ऐसा हो सकता है क्योंकि बताया जाता है कि मरकुस बैबिलोन में पतरस के साथ था। (1पत 5:13)
मरकुस ने अकसर बताया कि अलग-अलग हालात में यीशु ने कैसा महसूस किया और उसने क्या किया। (3:5; 7:34; 8:12; 9:36; 10:13-16, 21)
मरकुस ने यीशु के उपदेशों और शिक्षाओं से ज़्यादा उसके कामों के बारे में बताया। मत्ती ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यीशु ही वादा किया गया मसीहा और राजा है, जबकि मरकुस ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यीशु एक जोशीला इंसान है। मरकुस ने कहा कि वह चमत्कार करनेवाला परमेश्वर का बेटा और इंसानों को उद्धार दिलानेवाला विजेता है। मरकुस ने यीशु के कम-से-कम 19 चमत्कारों के बारे में बताया। लेकिन जहाँ तक उसकी शिक्षाओं की बात है तो मरकुस ने यीशु की कुछ ही मिसालों के बारे में लिखा। उनमें से एक मिसाल ऐसी है जिसके बारे में सिर्फ मरकुस ने लिखा, किसी और ने नहीं। (4:26-29)
खुशखबरी की यह किताब शायद ईसवी सन् 60-65 के दौरान लिखी गयी थी, जब मरकुस रोम में पौलुस से मिलने गया था।
मत्ती ने खुशखबरी की किताब यहूदियों के लिए लिखी थी, जबकि सबूतों से पता चलता है कि मरकुस ने खासकर रोम के लोगों के लिए लिखी थी। मरकुस ने उन यहूदी रीति-रिवाज़ों और शिक्षाओं के बारे में समझाया जिनसे गैर-यहूदी शायद अनजान रहे होंगे। (2:18; 7:3, 4; 14:12; 15:42) उसने इब्रानी और अरामी शब्दों का अनुवाद किया। (3:17; 5:41; 7:11, 34; 14:36; 15:22, 34) उसने जगहों और मौसम के बारे में ऐसी जानकारी दी जो वह शायद तब नहीं देता जब वह यहूदियों के लिए लिख रहा होता। (1:13; 11:13; 13:3) उसने रोमी मुद्रा के हिसाब से उन सिक्कों की कीमत बतायी जो यहूदी लोग इस्तेमाल करते थे। (मर 12:42 का अध्ययन नोट देखें।) खुशखबरी की किताबों के दूसरे लेखकों के मुकाबले, उसने लातीनी शब्द और मुहावरे ज़्यादा इस्तेमाल किए। जैसे, स्पैक्युलेटर (अंगरक्षक), प्रीटोरियुम (राज्यपाल का भवन) और सेंटुरियो (सेना-अफसर)। (6:27; 15:16, 39)