मलाकी 2:1-17

2  “अब हे याजको, मैं तुम्हें एक आज्ञा देता हूँ।+  अगर तुम इसे नहीं मानोगे और मेरे नाम की महिमा करने में मन नहीं लगाओगे, तो मैं तुम्हें शाप दूँगा+ और तुम्हारी आशीषों को शाप में बदल दूँगा।+ सच पूछो तो, मैं तुम्हारी आशीषों को शाप में बदल चुका हूँ क्योंकि तुम मेरी आज्ञा पर मन नहीं लगाते।” यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है।  “देखो, तुम्हारी वजह से मैं तुम्हारे बोए हुए बीजों को नष्ट कर दूँगा।*+ मैं तुम्हारे चेहरे पर गोबर फेंकूँगा, हाँ, तुम्हारे त्योहारों में बलि किए गए जानवरों का गोबर। और तुम्हें उठाकर वहाँ* पटक दिया जाएगा।  तब तुम जान लोगे कि मैंने तुम्हें यह आज्ञा इसलिए दी है ताकि लेवी के साथ मेरा करार बना रहे।”+ यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है।  “मैंने उसके साथ जो करार किया, उसकी वजह से उसे जीवन और शांति मिली। मैंने उसे ये आशीषें इसलिए दीं कि वह मेरा डर* माने। और उसने मेरा डर माना और मेरे नाम का आदर किया।  उसके मुँह पर सच्चाई की बातें* रहती थीं+ और उसके होंठों से कोई बुरी बात नहीं निकलती थी। वह मेरे साथ शांति और सीधाई से चला+ और कई लोगों को बुरी राह से वापस ले आया।  याजक को ज्ञान की बातें सिखानी चाहिए और लोगों को उसी से कानून की बातें सीखनी चाहिए+ क्योंकि वह सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा का दूत है।  लेकिन हे याजको, तुम सही राह से भटक गए। तुम्हारी वजह से कई लोग कानून मानने से चूक गए।*+ तुमने लेवी का करार तोड़ दिया।”+ यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है।  “अब मैं सब लोगों के सामने तुम्हें तुच्छ ठहराऊँगा, नीचा दिखाऊँगा क्योंकि तुम मेरी राह पर नहीं चले और तुमने कानून के मुताबिक सही-सही न्याय नहीं किया।”+ 10  “क्या हम सबका एक ही पिता नहीं?+ क्या एक ही परमेश्‍वर ने हमारी सृष्टि नहीं की? तो फिर हम एक-दूसरे के साथ विश्‍वासघात क्यों कर रहे हैं,+ अपने पुरखों का करार क्यों तोड़ रहे हैं? 11  यहूदा ने विश्‍वासघात किया है और इसराएल और यरूशलेम में एक घिनौना काम हुआ है। हाँ, यहूदा ने पराए देवताओं को पूजनेवाली औरत* से शादी कर ली।+ उसने यहोवा की पवित्रता* को, जो परमेश्‍वर को प्यारी है भंग कर दिया।+ 12  ऐसे काम करनेवालों को यहोवा, याकूब के डेरे से नाश कर देगा फिर चाहे वह कोई भी हो, चाहे वह सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा को चढ़ावे क्यों न चढ़ाता हो।”+ 13  “तुमने एक और काम किया है जिससे यहोवा की वेदी आहें भरनेवालों और रोनेवालों के आँसुओं से भीग गयी है। इसलिए अब वह तुम्हारे चढ़ावे पर कोई ध्यान नहीं देता, न तुम्हारी दी किसी चीज़ से खुश होता है।+ 14  तुम कहते हो, ‘हमने ऐसा क्या किया है?’ तुमने अपनी जवानी की पत्नी के साथ विश्‍वासघात किया है और यहोवा इस बात का गवाह है। तुमने अपनी संगिनी, अपनी पत्नी के साथ विश्‍वासघात किया है जिसके साथ तुमने करार किया था।*+ 15  लेकिन कुछ लोगों ने ऐसा नहीं किया क्योंकि उनमें अब भी पवित्र शक्‍ति काम कर रही है। वे ऐसा वंश* चाहते हैं जो सचमुच परमेश्‍वर के लोग हों। इसलिए तुम भी अपने मन को टटोलो और सही रुझान पैदा करो। ठान लो कि तुम अपनी जवानी की पत्नी के साथ विश्‍वासघात नहीं करोगे। 16  क्योंकि मुझे* तलाक से नफरत है।”+ यह बात इसराएल के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है। “और जो हिंसा करता है* उससे भी मुझे नफरत है।” यह बात सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा ने कही है। “इसलिए अपने मन को टटोलो और सही रुझान पैदा करो। ठान लो कि तुम विश्‍वासघात नहीं करोगे।+ 17  तुमने अपनी बातों से यहोवा को थका दिया है।+ मगर तुम पूछते हो, ‘हमने उसे कैसे थका दिया?’ यह कहकर कि ‘बुरे काम करनेवाले, यहोवा की नज़र में अच्छे हैं और वह उनसे खुश होता है।’+ और यह कहकर कि ‘कहाँ गया न्याय का परमेश्‍वर?’”

कई फुटनोट

शा., “फटकारूँगा।”
यानी वह जगह जहाँ बलि के जानवरों का गोबर फेंका जाता था।
या “आदर; श्रद्धा।”
शा., “का कानून।”
या शायद, “तुम्हारी शिक्षाओं की वजह से कई लोगों से चूक हुई।”
शा., “पराए देवता की बेटी।”
या शायद, “पवित्र-स्थान।”
या “जो कानूनी तौर पर तुम्हारी पत्नी है।”
शा., “बीज।”
शा., “उसे।”
शा., “जो हिंसा को कपड़े की तरह पहनता है।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो