यशायाह 60:1-22
60 “हे औरत, उठ!+ उठकर रौशनी चमका क्योंकि तेरी रौशनी आ गयी है,
यहोवा की महिमा का तेज तुझ पर चमका है।+
2 देख! धरती पर अँधेरा होनेवाला है,राष्ट्रों पर घोर अंधकार छानेवाला है।मगर तुझ पर यहोवा उदय होगा,उसकी महिमा का तेज तुझ पर दिखायी देगा।
3 राष्ट्रों के लोग तेरी रौशनी की तरफ आएँगे+और राजा+ तेरे ऐश्वर्य और वैभव* की ओर।+
4 आँख उठाकर अपने चारों तरफ देख!
वे सब इकट्ठा हो गए हैं और तेरे पास आ रहे हैं,तेरे बेटे दूर-दूर से आ रहे हैं,+तेरी बेटियों को गोद में उठाकर लाया जा रहा है।+
5 उस वक्त तेरा चेहरा दमक उठेगा,+तेरा दिल उछल पड़ेगा और खुशी से भर जाएगा,क्योंकि समुंदर की दौलत तेरे पास चली आएगी,राष्ट्रों का खज़ाना तेरे पास आएगा।+
6 तेरा देश* ऊँटों के कारवाँ से भर जाएगा,हाँ, मिद्यान और एपा+ के जवान ऊँट वहाँ उमड़ पड़ेंगे।
शीबा के सारे लोग आएँगे,वे अपने साथ सोना और लोबान लाएँगे,आकर यहोवा के गुण गाएँगे।+
7 केदार+ की सारी भेड़-बकरियाँ तेरे पास इकट्ठा होंगी,नबायोत+ के मेढ़े तेरी सेवा में हाज़िर होंगे।
वे मेरी वेदी पर चढ़ाए जाएँगे और मैं उन्हें कबूल करूँगा,+मैं अपने शानदार भवन की शोभा बढ़ाऊँगा।+
8 ये कौन हैं जो बादलों की तरह उड़े चले आ रहे हैं?कबूतरों की तरह अपने कबूतरखाने की ओर आ रहे हैं?
9 द्वीप मुझ पर आस लगाएँगे।+तरशीश के जहाज़ सबसे आगे हैं,*वे तेरे बेटों को दूर-दूर से ला रहे हैं,+उनका सोना-चाँदी भी साथ ला रहे हैंकि तेरे परमेश्वर यहोवा के नाम की, इसराएल के पवित्र परमेश्वर की बड़ाई हो,क्योंकि परमेश्वर तेरी शोभा बढ़ाएगा।+
10 परदेसी तेरी शहरपनाह बनाएँगे,उनके राजा तेरी सेवा करेंगे।+मैंने क्रोध से भरकर तुझे मारा था,पर अब तुझसे खुश होकर तुझ पर दया करूँगा।+
11 तेरे फाटक दिन-रात खुले रहेंगे,+वे कभी बंद नहीं किए जाएँगेताकि राष्ट्रों की दौलत तेरे पास लायी जा सकेऔर ऐसा करने में उनके राजा सबसे आगे होंगे।+
12 जो राष्ट्र और राज्य तेरी सेवा नहीं करेंगे, उन्हें मिटा दिया जाएगा,उन राष्ट्रों को खाक में मिला दिया जाएगा।+
13 सनोवर, एश और सरो के पेड़,+हाँ, लबानोन की शान, खुद चलकर तेरे पास आएगी+ताकि मेरे पवित्र-स्थान की शोभा बढ़े।मैं अपने पाँव की जगह को महिमा से भर दूँगा।+
14 जिन्होंने तुझे सताया था, उनके बेटे आकर तेरे आगे झुकेंगे,तेरा अपमान करनेवाले तेरे पैरों पर गिरकर तुझे प्रणाम करेंगे।उन्हें कहना पड़ेगा कि तू यहोवा की नगरी है,इसराएल के पवित्र परमेश्वर की सिय्योन नगरी।+
15 तुझे छोड़ दिया गया, तुझसे नफरत की गयी और तुझमें से होकर कोई नहीं जाता,+पर अब मैं तुझे हमेशा के लिए गर्व करने की वजह बना दूँगा,तू पीढ़ी-पीढ़ी तक खुशियाँ मनाने की वजह बन जाएगी।+
16 तू राष्ट्रों का दूध पीएगी,+हाँ, राजाओं की छाती से पीएगी+और तू जान लेगी कि मैं यहोवा, तेरा उद्धारकर्ता हूँ,याकूब का शक्तिशाली परमेश्वर, तेरा छुड़ानेवाला हूँ।+
17 मैं ताँबे के बदले सोना,लोहे के बदले चाँदी,लकड़ी के बदले ताँबाऔर पत्थर के बदले लोहा लाऊँगा।मैं शांति को ठहराऊँगा कि तेरी निगरानी करेऔर नेकी तुझे काम सौंपेगी।+
18 तेरे देश में फिर कभी हिंसा नहीं होगी,न तेरी सीमाओं के अंदर तबाही और बरबादी मचेगी।+
तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार+ और अपने फाटकों का नाम तारीफ रखेगी।
19 तेरी रौशनी न दिन के सूरज से होगी,न चाँद की चाँदनी से,बल्कि यहोवा सदा के लिए तेरी रौशनी बनेगा+और तेरा परमेश्वर तेरी शोभा ठहरेगा।+
20 अब से तेरा सूरज कभी नहीं डूबेगा,न तेरे चाँद की चाँदनी फीकी पड़ेगी।मातम मनाने के तेरे दिन खत्म हुए,+क्योंकि यहोवा सदा के लिए तेरी रौशनी बनेगा।+
21 तेरे सभी लोग नेक होंगे,वे इस देश में सदा बसे रहेंगे।
वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथ के काम ठहरेंगे,+जिनसे मेरी महिमा हो।+
22 थोड़े-से-थोड़ा, एक हज़ार हो जाएगाऔर छोटे-से-छोटा, ताकतवर राष्ट्र बन जाएगा।
मैं यहोवा, ठीक समय पर इस काम में तेज़ी लाऊँगा।”