यशायाह 7:1-25

7  उन दिनों योताम का बेटा और उज्जियाह का पोता आहाज, यहूदा का राजा था।+ उस वक्‍त सीरिया का राजा रसीन और इसराएल का राजा पेकह,+ जो रमल्याह का बेटा था यरूशलेम से लड़ने आए। लेकिन वह* उसे अपने कब्ज़े में नहीं कर पाया।+  जब वे चढ़ाई करने आए थे तो दाविद के घराने को यह खबर दी गयी, “एप्रैम* के साथ सीरिया भी मिल गया है।” यह सुनते ही आहाज और उसके लोगों का दिल ऐसा काँप उठा, जैसे जंगल के पेड़ आँधी में काँप उठते हैं।  तब यहोवा ने यशायाह से कहा, “ज़रा अपने बेटे शार-याशूब*+ को लेकर आहाज के पास जा। वह तुझे ऊपरवाले तालाब की नहर के छोर पर मिलेगा,+ जो धोबी के मैदान की तरफ जानेवाले राजमार्ग के पास है।  उससे कहना, ‘घबरा मत! सीरिया के राजा रसीन और रमल्याह के बेटे+ के धधकते क्रोध को देखकर खौफ न खा, न हिम्मत हार। क्योंकि वे दोनों जलती लकड़ियाँ हैं, जो बस बुझने पर हैं।  सीरिया, एप्रैम और रमल्याह के बेटे ने मिलकर तेरे खिलाफ साज़िश रची है और कहा है,  “आओ हम यहूदा पर धावा बोल दें और उसके टुकड़े-टुकड़े कर दें।* और ताबेल के बेटे को वहाँ का राजा बनाएँ।”+  सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “ऐसा कभी नहीं होगा! उनकी साज़िश कभी कामयाब नहीं होगी।   सीरिया का सिर दमिश्‍क हैऔर दमिश्‍क का सिर रसीन है। 65 साल के अंदर एप्रैम तहस-नहस हो जाएगा,उसके लोगों का वजूद मिट जाएगा।+   एप्रैम का सिर सामरिया है+और सामरिया का सिर रमल्याह का बेटा है।+ जब तक तुम लोगों में मज़बूत विश्‍वास न हो,तुम मज़बूती से खड़े नहीं रह पाओगे।”’” 10  यहोवा ने आहाज से यह भी कहा, 11  “माँग, तुझे अपने परमेश्‍वर यहोवा से क्या निशानी चाहिए।+ चाहे वह कब्र जितनी गहरी हो या आसमान जितनी ऊँची, मैं वह निशानी तुझे ज़रूर दूँगा।” 12  लेकिन आहाज ने कहा, “नहीं, मैं कोई निशानी नहीं मागूँगा। मैं यहोवा को नहीं परखना चाहता।” 13  तब यशायाह ने कहा, “ऐ दाविद के घराने, सुन! क्या इंसानों के सब्र की परीक्षा लेकर तेरा जी नहीं भरा, जो तू परमेश्‍वर के सब्र की परीक्षा लेना चाहता है?+ 14  अब यहोवा खुद तुझे एक निशानी देगा। देख! एक लड़की गर्भवती होगी और एक बेटे को जन्म देगी।+ वह उसका नाम इम्मानुएल* रखेगी।+ 15  इससे पहले कि वह लड़का बुराई को ठुकराना और अच्छाई को अपनाना सीखे, वह सिर्फ मक्खन और शहद खाएगा क्योंकि खाने को और कुछ नहीं होगा। 16  और जब तक वह लड़का बुराई को ठुकराना और अच्छाई को अपनाना सीखेगा, इन दोनों राजाओं के देश पूरी तरह खंडहर बन चुके होंगे,+ वही राजा जिनसे तू डर रहा है। 17  यहोवा तुझे, तेरे पिता के घराने को और तेरे लोगों को ऐसा दिन दिखाएगा, जो तुमने तब से नहीं देखा जब से एप्रैम, यहूदा से अलग हुआ है।+ वह तुम्हारे खिलाफ अश्‍शूर के राजा को भेजेगा।+ 18  उस दिन यहोवा सीटी बजाकर दूर मिस्र में नील की धाराओं से मक्खियों को और अश्‍शूर से मधुमक्खियों को बुलाएगा। 19  वे सब-की-सब आकर गहरी घाटियों, चट्टान की दरारों, कँटीली झाड़ियों और पानीवाली जगहों पर छा जाएँगी। 20  उस दिन यहोवा महानदी* के इलाके के अश्‍शूर के राजा से, हाँ, उस भाड़े के उस्तरे से+ सिर और पाँव के बाल और दाढ़ी को सफाचट कर देगा। 21  उस दिन एक आदमी के पास अपने मवेशियों में से एक गाय और दो भेड़ें बचेंगी। 22  उसके पास सिर्फ दूध होगा इसलिए वह मक्खन खाएगा और देश के बचे हुए लोगों के पास भी शहद और मक्खन के सिवा कुछ नहीं होगा। 23  उस दिन जहाँ कहीं अंगूर की 1,000 बेलें होती थीं, जिनकी कीमत चाँदी के 1,000 टुकड़े थी, वहाँ सिर्फ कँटीली झाड़ियाँ और जंगली पौधे उगेंगे। 24  पूरा इलाका कँटीली झाड़ियों और जंगली पौधों से भर जाएगा। वहाँ जाने के लिए लोगों को तीर-कमान लेकर चलना पड़ेगा। 25  और जिन पहाड़ों पर एक वक्‍त कुदाल से सफाई की जाती थी, अब वहाँ कँटीली झाड़ियों और जंगली पौधों के डर से तू नहीं जाएगा। वह बैलों और भेड़ों के चरने की जगह बन जाएगी।”

कई फुटनोट

या शायद, “वे।”
यानी इसराएल।
मतलब “सिर्फ बचे हुए लोग लौटेंगे।”
या शायद, “उसे घबरा दें।”
मतलब “परमेश्‍वर हमारे साथ है।”
यानी फरात नदी।

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो