यहेजकेल 15:1-8
15 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
2 “इंसान के बेटे, क्या अंगूर की बेल की लकड़ी दूसरे पेड़ की लकड़ी से या जंगल के पेड़ों की डाली से ज़्यादा अच्छी होती है?
3 क्या उसकी लकड़ी से बनाया डंडा किसी काम का होता है? क्या उससे बरतन टाँगने के लिए खूँटी तक बनायी जा सकती है?
4 वह तो बस आग जलाने के काम आती है। आग उसके दोनों कोने जला देती है और बीच का हिस्सा भस्म कर देती है। क्या अब वह लकड़ी किसी काम की है?
5 जब वह जलने से पहले किसी काम की नहीं थी, तो अब जलने के बाद किस काम आएगी? अब तो वह पहले से भी बेकार हो जाएगी!”
6 “इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘जैसे जंगल के पेड़ों में से अंगूर की बेल की लकड़ी मैंने आग जलाने के लिए दी है, वैसे ही मैं यरूशलेम के निवासियों का नाश कर दूँगा।+
7 मैं उनके खिलाफ हो गया हूँ। वे भले ही आग से बच निकले हैं, मगर आग उन्हें ज़रूर भस्म कर देगी। जब मैं उनके खिलाफ होऊँगा तो तुम्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।’”+
8 “‘मैं पूरे देश को उजाड़ दूँगा+ क्योंकि उन्होंने विश्वासघात किया है।’+ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।”