यहेजकेल 16:1-63

16  यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,  “इंसान के बेटे, यरूशलेम नगरी को उसके घिनौने काम जता दे।+  तू उससे कहना, ‘सारे जहान का मालिक यहोवा यरूशलेम से कहता है, “तू कनानियों के देश में पैदा हुई थी। तेरी शुरूआत वहीं से हुई थी। तेरा पिता एमोरी था+ और माँ हित्ती थी।+  जिस दिन तू पैदा हुई थी, उस दिन तेरा नाल नहीं काटा गया और न ही तुझे पानी से नहलाकर साफ किया गया। न तुझ पर नमक मला गया और न ही तुझे कपड़ों में लपेटा गया।  किसी ने तुझ पर इतना भी तरस न खाया कि तेरे लिए इनमें से एक भी काम करता। किसी ने भी तुझ पर दया नहीं की। उलटा तुझे खुले मैदान में यूँ ही फेंक दिया गया क्योंकि जिस दिन तू पैदा हुई थी उस दिन तुझसे नफरत की गयी थी।  जब मैं तेरे यहाँ से गुज़र रहा था तो मैंने देखा कि तू अपने खून में पड़ी पैर मार रही है। तुझे अपने खून में पड़ा देखकर मैंने कहा, ‘ज़िंदा रह!’ हाँ, जब मैंने देखा कि तू अपने ही खून में पड़ी है तो मैंने कहा, ‘ज़िंदा रह!’  मैंने तुझे मैदान में उगनेवाले पौधों की तरह गिनती में बहुत बढ़ाया। तू बड़ी होती गयी और पूरी तरह खिल गयी और तूने बढ़िया-से-बढ़िया गहनों से अपना सिंगार किया। तेरी छातियाँ सुडौल हो गयीं और तेरे बाल बढ़ गए। मगर अब भी तेरा तन ढका नहीं था, तू बिलकुल नंगी थी।”’  सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘जब मैं तेरे पास से गुज़र रहा था तो मैंने देखा कि तू सयानी हो गयी है और अब तेरी प्यार करने की उम्र हो गयी है। इसलिए मैंने अपना बागा तुझे ओढ़ा दिया+ और तेरा तन ढाँप दिया। मैंने शपथ खाकर तेरे साथ एक करार किया और तू मेरी हो गयी।  मैंने तुझे पानी से नहलाया, तेरे शरीर पर लगा खून पानी से धो दिया और तुझ पर तेल मला।+ 10  फिर मैंने तुझे कढ़ाई की हुई सुंदर पोशाक पहनायी, तेरे पैरों में बेहतरीन चमड़े की* जूतियाँ पहनायीं, तुझे बढ़िया मलमल ओढ़ाया और महँगे-महँगे कपड़े पहनाए। 11  मैंने तुझे गहनों से सजाया-सँवारा, हाथों में कंगन और गले में हार पहनाया। 12  मैंने तेरी नाक में नथनी, कानों में बालियाँ और सिर पर एक सुंदर-सा ताज भी पहनाया। 13  तू सोने-चाँदी से अपना सिंगार करती थी और तेरी पोशाकें बढ़िया मलमल, महँगे-महँगे कपड़ों और कढ़ाईदार कपड़ों से बनी होती थीं। तू मैदे, शहद और तेल से बने पकवानों का मज़ा लेती थी। दिनों-दिन तेरा रूप इस तरह निखरता गया कि तेरी खूबसूरती देखते बनती थी+ और तू रानी बनने* के काबिल हो गयी।’” 14  “सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैंने तुझे अपना वैभव प्रदान किया जिस वजह से तू अपनी बेदाग* खूबसूरती के लिए इतनी मशहूर हो गयी कि सब देशों में तेरी शोहरत* के चर्चे होने लगे।’”+ 15  “‘मगर तू अपनी खूबसूरती पर घमंड करने लगी+ और तूने अपनी शोहरत का गलत इस्तेमाल किया और एक वेश्‍या बन गयी।+ तू आने-जानेवाले हर आदमी के साथ बेझिझक बदचलनी करती रही+ और उन पर अपनी खूबसूरती लुटाती रही। 16  तूने अपने कुछ कपड़े लिए और उनसे रंग-बिरंगी ऊँची जगह बनायीं जहाँ तू वेश्‍या के काम करती थी।+ तूने ऐसे नीच काम किए हैं जो कभी होने ही नहीं चाहिए थे और आगे भी कभी नहीं दोहराए जाने चाहिए। 17  मैंने तुझे सोने-चाँदी के जो खूबसूरत गहने दिए थे,* उनसे तूने आदमियों की मूरतें बनायीं और उन्हें पूजने लगी।*+ 18  तू अपनी कढ़ाईदार पोशाकें ले जाकर उन्हें* ढकती थी और तूने उनके आगे मेरा तेल और मेरा धूप चढ़ाया।+ 19  मैंने तुझे खाने के लिए मैदे, तेल और शहद से बनी जो रोटी दी थी, वह भी ले जाकर तूने उन मूरतों के आगे अर्पित कर दी ताकि उनकी सुगंध पाकर वे खुश हों।+ तूने ऐसा ही किया।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।” 20  “‘तू वेश्‍या के कामों में इस हद तक गिर गयी कि तू अपने बेटे-बेटियों को भी, जिन्हें तूने मेरे लिए जन्म दिया था,+ मूरतों के पास ले जाती और उनके सामने बलिदान करती थी।+ 21  तू मेरे बेटों को मार डालती थी और उन्हें आग में होम कर देती थी।+ 22  तू घिनौने काम करने और वेश्‍या के काम करने में इतनी डूब गयी कि तू बचपन के वे दिन भूल गयी जब तेरा तन ढका हुआ नहीं था और तू नंगी थी और अपने खून में पड़ी हुई पैर मार रही थी। 23  धिक्कार है तुझ पर, धिक्कार! तूने बुराई करने में हद कर दी है।’+ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है। 24  ‘तूने हर चौक में अपने लिए एक टीला बनाया और एक ऊँची जगह खड़ी की। 25  तूने हर गली के मोड़ पर ऊँची जगह बनायीं। तूने खुद को आने-जानेवाले हर किसी के हाथ सौंप दिया और इस तरह तू जो कभी खूबसूरत हुआ करती थी, अब तूने खुद को घिनौना बना लिया है।+ तूने बढ़-चढ़कर वेश्‍या के काम किए हैं।+ 26  तूने अपने पड़ोसी देश मिस्र के कामुक बेटों के साथ वेश्‍या के काम किए+ और बढ़-चढ़कर बदचलनी करके मेरा क्रोध भड़काया है। 27  इसलिए अब मैं तेरे खिलाफ अपना हाथ बढ़ाऊँगा और तेरी खाने-पीने की चीज़ों में कटौती कर दूँगा+ और तुझे पलिश्‍तियों की बेटियों की मरज़ी पर छोड़ दूँगा जो तुझसे नफरत करती हैं+ और जो तेरे अश्‍लील काम देखकर दंग रह गयी थीं।+ 28  अब भी तेरी प्यास नहीं बुझी थी, इसलिए तूने अश्‍शूर के बेटों के साथ भी वेश्‍या के काम किए।+ लेकिन उनसे भी तेरा जी नहीं भरा। 29  इसलिए तू सौदागरों के देश में और कसदियों के साथ और भी ज़्यादा वेश्‍या के काम करने लगी।+ मगर इससे भी तेरी प्यास नहीं बुझी।’ 30  सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘तेरा दिल किस कदर रोगी* हो गया था* जब तूने एक बेशर्म वेश्‍या की तरह ऐसे काम किए थे!+ 31  मगर जब तूने हर गली के मोड़ पर अपने लिए टीला बनाया और हर चौक पर ऊँची जगह खड़ी की, तो तू दूसरी वेश्‍याओं से हटकर थी, क्योंकि तूने अपने यारों से रकम लेने से इनकार कर दिया था। 32  तू ऐसी बदचलन औरत है जो अपने पति को छोड़ पराए आदमियों के पास जाती है।+ 33  सब वेश्‍याएँ तो अपने पास आनेवाले आदमियों से रकम लेती हैं,+ मगर तू है कि खुद उन आदमियों को रकम देती है जो अपनी हवस पूरी करने तेरे पास आते हैं।+ तू खुद पैसा देकर आदमियों को लुभाती है ताकि हर कोने से आदमी तेरे पास खिंचे चले आएँ और तेरे साथ नीच काम करें।+ 34  तू दूसरी वेश्‍याओं से बिलकुल हटकर है। तेरी जैसी वेश्‍या कहीं नहीं मिलेगी! तू अपने पास आनेवाले आदमियों से रकम लेने के बजाय खुद उन्हें रकम देती है। तेरा तरीका ही उलटा है।’ 35  इसलिए हे वेश्‍या,+ अब सुन कि यहोवा क्या कहता है। 36  सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘क्योंकि तूने अपनी वासनाएँ पूरी करने में हद कर दी है और तूने अपने यारों और अपनी सभी घिनौनी मूरतों* के साथ वेश्‍या के काम करके अपने तन की नुमाइश की है+ और उन मूरतों के लिए तूने अपने बेटों तक का खून अर्पित कर दिया है,+ 37  इसलिए मैं तेरे सभी यारों को इकट्ठा करूँगा जिन्हें तूने खुश किया है और मैं उन सबको इकट्ठा करूँगा जिन्हें तू प्यार करती थी और उन्हें भी जिनसे तू नफरत करती थी। मैं चारों तरफ से उन्हें लाकर तेरे खिलाफ खड़ा करूँगा और उन्हें तेरा नंगापन दिखाऊँगा और वे देखेंगे।+ 38  मैं तुझे वह सज़ा दूँगा जो बदचलन औरतों+ को और खून करनेवाली औरतों+ को दी जाती है। मैं क्रोध और जलजलाहट में आकर तेरा खून बहाऊँगा।+ 39  मैं तुझे उनके हाथ कर दूँगा। वे तेरे टीले ढा देंगे, तेरी ऊँची जगह गिरा देंगे,+ तेरे तन से कपड़े उतार देंगे,+ तेरे सुंदर-सुंदर गहने* ले लेंगे+ और तुझे बिलकुल नंगा करके छोड़ेंगे। 40  वे तेरे खिलाफ एक भीड़ ले आएँगे+ और तुझे पत्थरों से मार डालेंगे+ और अपनी तलवारों से घात कर देंगे।+ 41  वे तेरे घर जलाकर राख कर देंगे+ और बहुत-सी औरतों के सामने तुझे सज़ा देंगे। मैं तेरे वेश्‍या के कामों का अंत कर दूँगा+ और इसके बाद तू अपने यारों को रकम नहीं दे पाएगी। 42  मैं तुझ पर अपना गुस्सा पूरी तरह उतारूँगा+ और मेरी जलजलाहट ठंडी हो जाएगी।+ मैं शांत हो जाऊँगा और फिर कभी नहीं भड़कूँगा।’ 43  सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, ‘तूने अपने बचपन के वे दिन भुला दिए+ और ये सारे काम करके मुझे गुस्सा दिलाया। इसलिए अब मैं तुझे तेरे कामों का फल दूँगा और तू फिर कभी ऐसे अश्‍लील और घिनौने काम नहीं करेगी। 44  देख! कहावतें कहनेवाला हर कोई तेरे बारे में यह कहावत कहेगा, “जैसी माँ, वैसी बेटी!”+ 45  तू सचमुच अपनी माँ की बेटी है। तेरी माँ ने भी अपने पति और बच्चों को तुच्छ जाना था। और तू अपनी बहनों जैसी है जिन्होंने अपने पति और बच्चों को तुच्छ जाना था। तेरी माँ हित्ती थी और पिता एमोरी था।’”+ 46  “‘तेरी बड़ी बहन सामरिया है+ जो अपनी बेटियों* के साथ तेरे उत्तर में* रहती है।+ और तेरी छोटी बहन सदोम है जो अपनी बेटियों+ के साथ तेरे दक्षिण में* रहती है।+ 47  तूने न सिर्फ उनके रंग-ढंग अपना लिए और उनके जैसे घिनौने काम किए बल्कि देखते-ही-देखते तू बदचलनी करने में उनसे भी आगे निकल गयी।’+ 48  सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ, तेरी बहन सदोम और उसकी बेटियों ने वे काम नहीं किए जो तूने और तेरी बेटियों ने किए हैं। 49  देख! तेरी बहन सदोम का गुनाह यह था: वह और उसकी बेटियाँ+ घमंड से फूल गयी थीं।+ वे अपनी ही दुनिया में मगन रहतीं और बेपरवाह थीं।+ उनके पास खाने-पीने की चीज़ों की भरमार थी,+ फिर भी उन्होंने गरीबों और मुसीबत के मारों की मदद नहीं की।+ 50  उनका घमंड कभी कम नहीं हुआ।+ वे ऐसे कामों में लगी रहीं जो मेरी नज़र में घिनौने थे।+ इसलिए मैंने उन्हें मिटा देना ज़रूरी समझा।+ 51  तूने जितने पाप किए हैं, सामरिया+ ने उसके आधे भी नहीं किए। तू अपनी बहनों के मुकाबले इतने ज़्यादा घिनौने काम करती गयी कि वे नेक मालूम पड़ती हैं।+ 52  क्योंकि तूने इस तरह अपनी बहनों के कामों को सही ठहराया है,* इसलिए तुझे अब बुरी तरह बेइज़्ज़त होना पड़ेगा। तूने उनसे ज़्यादा घोर पाप किए हैं इसलिए वे नेक मालूम पड़ती हैं। इसी वजह से अब तुझे शर्मिंदा और बेइज़्ज़त होना पड़ेगा।’ 53  ‘मैं उनके बंदी बनाए लोगों को, यानी सदोम और उसकी बेटियों के और सामरिया और उसकी बेटियों के बंदी बनाए लोगों को इकट्ठा करूँगा। उनके साथ-साथ मैं तेरे लोगों को भी इकट्ठा करूँगा जिन्हें बंदी बना लिया गया है+ 54  ताकि तेरी बेइज़्ज़ती हो। तुझे ज़रूर बेइज़्ज़त होना पड़ेगा क्योंकि तेरी वजह से उन्हें तसल्ली मिली है। 55  तेरी बहनें, सदोम और सामरिया और उनकी बेटियाँ फिर से बहाल की जाएँगी। उनके साथ-साथ तुझे और तेरी बेटियों को भी बहाल किया जाएगा।+ 56  अपने घमंड की वजह से तू अपनी बहन सदोम को इस लायक भी नहीं समझती थी कि उसका नाम ज़बान पर लाए 57  जब तक कि तेरी दुष्टता का परदाफाश नहीं हो गया।+ मगर अब सीरिया की बेटियाँ और उसके पड़ोसी तेरी खिल्ली उड़ाते हैं और तेरे आस-पास रहनेवाले पलिश्‍तियों की बेटियाँ+ तुझ पर ताना कसती हैं। 58  तुझे अपने अश्‍लील और घिनौने कामों का अंजाम भुगतना होगा।’ यहोवा ने यह फैसला सुनाया है।” 59  “सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘अब मैं तेरे साथ वही करूँगा जो तूने मेरे साथ किया है।+ तूने मेरा करार तोड़कर अपनी शपथ को तुच्छ जाना है।+ 60  मगर मैं अपना वह करार नहीं भूलूँगा जो मैंने तेरी जवानी में तेरे साथ किया था। और मैं तेरे साथ ऐसा करार करूँगा जो सदा कायम रहेगा।+ 61  जब तू अपनी बड़ी और छोटी बहनों को अपना लेगी, तब तू अपना पहले का चालचलन याद करके शर्मिंदा महसूस करेगी।+ फिर मैं तेरी बहनों को तेरी बेटियाँ बनाकर तुझे सौंप दूँगा, मगर तेरे साथ कोई करार करने की वजह से नहीं।’ 62  ‘मैं तेरे साथ अपना करार पक्का करूँगा और तुझे जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ। 63  तेरे सब पापों के बावजूद जब मैं तुझे माफ कर दूँगा*+ तब तुझे अपने पहले का चालचलन याद आएगा और तू इतना शर्मिंदा महसूस करेगी कि तुझसे कुछ बोलते नहीं बनेगा।’+ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।”

कई फुटनोट

या “सील मछली की खाल से बनी।”
या “शाही ओहदे।”
या “परिपूर्ण।”
शा., “नाम।”
या “सजावट की चीज़ें दी थीं।”
या “उनसे वेश्‍याओं जैसी बदचलनी की।”
यानी आदमियों की मूरतों को।
या शायद, “मुझे तुम पर बहुत गुस्सा आ रहा है।”
या “कमज़ोर।”
इनका इब्रानी शब्द शायद “मल” के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्द से संबंध रखता है और यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि किसी चीज़ से कितनी घिन की जा रही है।
या “तेरी सजावट की चीज़ें।”
मुमकिन है कि यहाँ आस-पास के नगरों की बात की गयी है।
शा., “बायीं तरफ।”
शा., “दायीं तरफ।”
या “उसकी वकालत की है।”
शा., “तेरी खातिर प्रायश्‍चित करूँगा।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो