यहेजकेल 22:1-31
22 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
2 “इंसान के बेटे, क्या तू उस नगरी को सज़ा सुनाने के लिए तैयार है* जो खून की दोषी है?+ क्या तू उसके सभी घिनौने कामों का परदाफाश करने के लिए तैयार है?+
3 तू उससे कहना, ‘सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, “हे नगरी, तू जो अपने यहाँ खून की नदियाँ बहाती है+ और घिनौनी मूरतें* बनाकर खुद को दूषित करती है,+ तेरा वक्त आ रहा है,+
4 तूने जो खून बहाया है उसकी वजह से तू दोषी है+ और तेरी घिनौनी मूरतों ने तुझे अशुद्ध कर दिया है।+ तूने अपने विनाश का दिन और पास बुला लिया है और तेरी ज़िंदगी के साल अब गिनती के रह गए हैं। इसीलिए मैं तुझे राष्ट्रों के बीच मज़ाक बना दूँगा और सब देशों में तेरी खिल्ली उड़ायी जाएगी।+
5 हे बदनाम और अशांत नगरी, तेरे आस-पास के और दूर-दूर के सभी देश तेरी खिल्ली उड़ाएँगे।+
6 देख! तेरे यहाँ रहनेवाला इसराएल का हर प्रधान अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल करके खून बहाता है।+
7 तेरे यहाँ लोग अपने माँ-बाप को नीचा दिखाते हैं।+ वे परदेसियों को ठगते हैं और अनाथों* और विधवाओं पर अत्याचार करते हैं।”’”+
8 “‘तू मेरी पवित्र जगहों को तुच्छ समझती है और मेरे सब्तों को अपवित्र करती है।+
9 तेरे यहाँ लोग दूसरों को बदनाम करनेवाले हैं जो उनका खून बहाने पर तुले रहते हैं।+ वे तेरे यहाँ पहाड़ों पर मूरतों के आगे बलि की हुई चीज़ें खाते हैं और अश्लील कामों में डूबे रहते हैं।+
10 तेरे यहाँ कोई अपने पिता की पत्नी के साथ संबंध रखता है,*+ तो कोई ऐसी औरत के साथ जो माहवारी की वजह से अशुद्ध है।+
11 तेरे यहाँ कोई अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ नीच काम करता है,+ कोई अपनी बहू के साथ अश्लील काम करके उसे दूषित करता है,+ तो कोई अपनी बहन को यानी अपने पिता की बेटी को भ्रष्ट कर देता है।+
12 तेरे यहाँ लोग खून करने के लिए घूस लेते हैं।+ तू ब्याज पर या मुनाफे के लिए कर्ज़ देती है+ और अपने पड़ोसियों से पैसा ऐंठती है।+ हाँ, तू मुझे बिलकुल भूल गयी है।’ सारे जहान के मालिक यहोवा ने यह कहा है।
13 ‘देख! तेरी बेईमानी की कमाई से और तेरे यहाँ होनेवाले खून-खराबे से मुझे घिन हो गयी है और मैं अपनी हथेलियाँ पीटता हूँ।
14 जिन दिनों मैं तेरे खिलाफ कार्रवाई करूँगा तब क्या तू हिम्मत से सह पाएगी* और तेरा हाथ मज़बूत बना रहेगा?+ मुझ यहोवा ने यह बात कही है और मैं ऐसा ज़रूर करूँगा।
15 मैं तेरे लोगों को अलग-अलग राष्ट्रों में तितर-बितर कर दूँगा, दूसरे देशों में बिखरा दूँगा+ और तेरे अशुद्ध कामों का अंत कर डालूँगा।+
16 दूसरे राष्ट्रों के सामने तेरी बेइज़्ज़ती होगी और तुझे जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।’”+
17 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
18 “इंसान के बेटे, इसराएल का घराना मेरी नज़र में धातु के मैल जैसा बेकार हो गया है। सब-के-सब एक जलती भट्ठी में गलनेवाला ताँबा, राँगा, लोहा और सीसा हैं। वे पिघलायी हुई चाँदी का मैल हैं।+
19 इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘तुम सब धातु के मैल जैसे बेकार हो गए हो,+ इसलिए मैं तुम्हें यरूशलेम के अंदर इकट्ठा करनेवाला हूँ।
20 जैसे चाँदी, ताँबे, लोहे, सीसे और राँगे को भट्ठी में इकट्ठा किया जाता है और आग फूँककर उन्हें पिघलाया जाता है, उसी तरह मैं गुस्से और क्रोध में आकर तुम्हें इकट्ठा करूँगा और तुम पर आग फूँककर तुम्हें गला दूँगा।+
21 मैं तुम सबको इकट्ठा करूँगा और तुम पर अपने क्रोध की आग फूँकूँगा+ और तुम सब उसके अंदर गल जाओगे।+
22 जैसे भट्ठी में चाँदी पिघलायी जाती है, वैसे ही तुम उसके अंदर गला दिए जाओगे। और तुम्हें जानना होगा कि मुझ यहोवा ने ही तुम पर अपने गुस्से की आग बरसायी है।’”
23 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
24 “इंसान के बेटे, उससे कहना, ‘तू ऐसा देश है जिसे मेरी जलजलाहट के दिन शुद्ध नहीं किया जाएगा और न ही तुझ पर बारिश होगी।
25 तेरे भविष्यवक्ता तेरे यहाँ लोगों को मारने के लिए साज़िश रचते हैं+ और उन्हें निगल जाते हैं, जैसे एक दहाड़ता शेर अपने शिकार को फाड़ खाता है।+ वे दूसरों का खज़ाना और उनकी बेशकीमती चीज़ें हड़प लेते हैं। उन्होंने तेरे यहाँ कितनी ही औरतों को विधवा बना दिया है।
26 तेरे याजकों ने मेरे कानून का उल्लंघन किया है+ और वे मेरी पवित्र जगहों को दूषित करते रहते हैं।+ वे पवित्र और आम चीज़ों के बीच कोई फर्क नहीं करते+ और लोगों को नहीं सिखाते कि क्या शुद्ध है और क्या अशुद्ध।+ वे मेरे सब्त मानने से इनकार कर देते हैं और मेरा अपमान करते हैं।
27 तेरे यहाँ हाकिम शिकार को फाड़ खानेवाले भेड़ियों जैसे हैं, वे बेईमानी की कमाई के लिए लोगों को मार डालते हैं, उनका खून बहाते हैं।+
28 मगर तेरे भविष्यवक्ता उनकी काली करतूतों को ढाँप देते हैं, जैसे कोई दीवार में आयी दरारों पर सफेदी करके उन्हें ढाँप देता है। वे झूठे दर्शन देखते हैं और झूठी भविष्यवाणियाँ करते हैं+ और कहते हैं, “सारे जहान के मालिक यहोवा ने यह कहा है,” जबकि यहोवा ने कुछ नहीं कहा है।
29 तेरे लोगों ने धोखाधड़ी और लूटमार की है,+ गरीबों और ज़रूरतमंदों पर ज़ुल्म किया है और परदेसियों को ठगा है और उन्हें न्याय दिलाने से इनकार किया है।’
30 ‘मैं उनके बीच एक ऐसा आदमी ढूँढ़ रहा था जो पत्थर की टूटी दीवार की मरम्मत कर सके या देश की खातिर उस दरार में मेरे सामने खड़ा हो सके ताकि यह नगरी नाश न की जाए।+ मगर मुझे ऐसा कोई भी नहीं मिला।
31 इसलिए मैं उन पर अपने गुस्से की आग बरसाऊँगा और अपनी जलजलाहट से उन्हें भस्म कर दूँगा। मैं उनके चालचलन का फल उन्हें ज़रूर दूँगा।’ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।”
कई फुटनोट
^ शा., “का न्याय करेगा, उसका न्याय करेगा।”
^ इनका इब्रानी शब्द शायद “मल” के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्द से संबंध रखता है और यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि किसी चीज़ से कितनी घिन की जा रही है।
^ या “जिनके पिता की मौत हो गयी है।”
^ शा., “अपने पिता का तन उघाड़ता है।”
^ शा., “तेरा दिल सह पाएगा।”