यहेजकेल 27:1-36
27 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
2 “इंसान के बेटे, सोर के बारे में एक शोकगीत गा+
3 और उससे कह,
‘समुंदर के फाटकों पर रहनेवाले,बहुत-से द्वीपों के देशों के साथ व्यापार करनेवाले,सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है,“हे सोर, तूने खुद कहा है, ‘मेरी सुंदरता बेमिसाल* है।’+
4 तेरे इलाके समुंदर के बीचों-बीच हैं।तेरे कारीगरों ने तुझे इतना निखारा कि तेरी सुंदरता बेमिसाल* है।
5 उन्होंने तेरे सारे तख्ते सनीर से लायी सनोवर की लकड़ी से बनाए+तेरा मस्तूल लबानोन के एक देवदार से बनाया।
6 तेरे चप्पू बाशान के बाँज के पेड़ों से तैयार किएतेरे आगे का हिस्सा कित्तीम द्वीपों+ के सरो पेड़ की लकड़ियों से बनाया गया जिस पर हाथी-दाँत का काम था।
7 तेरे पाल मिस्र से लाए रंग-बिरंगे मलमल से बनाए गए,तेरे फर्श पर लगा शामियाना एलीशाह+ द्वीपों से लाए नीले धागे और बैंजनी ऊन का बना था।
8 तेरे खेवैए सीदोन और अरवाद+ से थे।
हे सोर, तेरे नाविक तेरे ही हुनरमंद आदमी थे।+
9 तेरी जुड़ाई करनेवाले, गबाल के कुशल और तजुरबेकार लोग* थे।+
समुंदर के सभी जहाज़ और उनके मल्लाह तेरे पास लेन-देन करने आते थे।
10 तेरी सेना में फारस, लूद और पुट+ के योद्धा थे
वे तुझ पर अपनी ढालें और टोप लटकाया करते थे, उन्होंने तेरी शान बढ़ा दी थी।
11 तेरी सेना में अरवाद के आदमी थे जो तेरे चारों तरफ की दीवारों पर तैनात रहते थे,तेरी मीनारों पर शूरवीर खड़े रहते थे।
तेरे चारों तरफ की दीवारों पर वे अपनी गोल ढालें टाँगते थे,उन्होंने तुझे इतना निखारा कि तेरी सुंदरता बेमिसाल* है।
12 तेरी बेशुमार दौलत देखकर तरशीश+ ने तेरे साथ कारोबार किया।+ उसने तेरे माल के बदले तुझे चाँदी, लोहा, राँगा और सीसा दिया।+
13 यावान, तूबल+ और मेशेक+ ने तेरे साथ व्यापार किया और तेरे माल के बदले तुझे दास-दासियाँ+ और ताँबे की चीज़ें दीं।
14 तोगरमा के घराने+ ने तेरे माल के बदले तुझे घोड़े और खच्चर दिए।
15 ददान+ के लोगों ने भी तेरे साथ व्यापार किया। तूने बहुत-से द्वीपों में सौदागरों को काम पर रखा। वे तुझे नज़राने में हाथी-दाँत+ और आबनूस की लकड़ी दिया करते थे।
16 तेरी चीज़ों की भरमार देखकर एदोम ने तेरे साथ कारोबार किया। उसने तेरे माल के बदले तुझे फिरोज़ा, बैंजनी ऊन, रंगीन कढ़ाईदार कपड़े, बेहतरीन-से-बेहतरीन कपड़े, मूंगे और माणिक दिए।
17 यहूदा और इसराएल देश ने भी तेरे साथ व्यापार किया और तेरे माल के बदले तुझे मिन्नीत+ का गेहूँ, खाने की बढ़िया-बढ़िया चीज़ें, शहद,+ तेल और बलसाँ+ दिया।+
18 तेरी चीज़ों की भरमार और तेरी सारी दौलत देखकर दमिश्क+ ने तेरे साथ कारोबार किया। उसने तुझे बदले में हेलबोन की दाख-मदिरा और ज़हार की ऊन* दी।
19 ऊजाल के वदान और यावान ने तेरे माल के बदले तुझे पिटवाँ लोहा, तज* और वच* दिए।
20 ददान+ ने तेरे साथ ज़ीन के कपड़ों* का व्यापार किया।
21 तूने अरबी लोगों और केदार+ के सभी प्रधानों को काम पर रखा जो मेम्नों, मेढ़ों और बकरियों के व्यापारी थे।+
22 शीबा और रामा+ के सौदागरों ने भी तेरे साथ व्यापार किया। उन्होंने तेरे माल के बदले तुझे हर तरह के बढ़िया-बढ़िया इत्र, कीमती पत्थर और सोना दिया।+
23 हारान,+ कन्ने और अदन+ ने, साथ ही शीबा,+ अस्सूर+ और कलमद के सौदागरों ने तेरे साथ व्यापार किया।
24 वे तेरे बाज़ार में सुंदर-सुंदर कपड़ों और नीले कपड़ों से बने ऐसे चोगों का व्यापार करते थे जिन पर रंगीन कढ़ाई का काम था। साथ ही, रंग-बिरंगे कालीन को रस्सों से अच्छी तरह बाँधकर लाते और बेचते थे।
25 तरशीश के जहाज़+ तेरा माल ढोया करते थेइसलिए समुंदर के बीचों-बीच तू हमेशा सामान से लदा रहता था, भरा रहता था।*
26 तेरे खेवैए तुझे समुंदर की गहराइयों में ले गए,पूरब की तेज़ आँधी ने बीच समुंदर में तुझे ऐसा मारा कि तू तहस-नहस हो गया।
27 तेरी दौलत, तेरा माल-असबाब, तेरे मल्लाह और नाविक,तेरी जुड़ाई करनेवाले, तेरे व्यापारी+ और तेरे सभी योद्धा,+तुझ पर सवार सारी भीड़,सबकुछ उस दिन बीच समुंदर में समा जाएगा जब तू गिरेगा।+
28 तेरे नाविकों का चीखना सुनकर समुंदर किनारे के इलाके काँप उठेंगे।
29 सभी खेवैए, मल्लाह और नाविकअपने-अपने जहाज़ से उतरकर ज़मीन पर आ खड़े होंगे।
30 वे ज़ोर-ज़ोर से और बिलख-बिलखकर रोएँगे,+अपने सिर पर धूल डालेंगे और राख में लोटेंगे।
31 वे अपना सिर मुँड़वा लेंगे और टाट ओढ़ेंगे,तेरे लिए विलाप करेंगे और ज़ोर-ज़ोर से रोएँगे।
32 वे मारे दुख के तेरे बारे में शोकगीत गाएँगे और यह राग अलापेंगे:
‘सोर की टक्कर का कौन है, जो आज गहरे सागर में खामोश पड़ा है?+
33 तेरा माल समुंदर के रास्ते आया करता था और तू देश-देश के लोगों को खुश करता था।+
तू अपनी अपार दौलत और माल-असबाब से धरती के राजाओं को मालामाल करता था।+
34 मगर आज तू समुंदर की गहराइयों में टूटकर तहस-नहस हो गया है,+तेरे साथ तेरा सारा माल और तेरे लोग डूब गए।+
35 द्वीपों के सब लोग फटी आँखों से तुझे देखेंगे,+उनके राजा मारे डर के थर-थर काँपेंगे,+ उनके चेहरे फक पड़ जाएँगे।
36 राष्ट्रों के सौदागर तेरी यह हालत देखकर मारे हैरत के सीटी बजाएँगे।
तेरा अंत अचानक और भयानक होगा,तू हमेशा के लिए मिट जाएगा।’”’”+
कई फुटनोट
^ या “परिपूर्ण।”
^ या “परिपूर्ण।”
^ शा., “बूढ़े आदमी।”
^ या “परिपूर्ण।”
^ या “लाल-भूरे रंग की ऊन।”
^ यह दालचीनी की जाति का एक पेड़ है।
^ एक खुशबूदार नरकट।
^ या “बुने हुए कपड़ों से तैयार की गयी पोशाकों।”
^ या शायद, “और शानदार लगता था।”