यहेजकेल 30:1-26
30 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा,
2 “इंसान के बेटे, तू यह भविष्यवाणी कर: ‘सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है,
“लोगो, यह कहकर विलाप करो, ‘हाय, वह दिन आ रहा है!’
3 वह दिन नज़दीक है। हाँ, यहोवा का दिन नज़दीक है।+
वह काली घटाओं का दिन होगा,+ राष्ट्रों को सज़ा देने का समय होगा।+
4 मिस्र पर एक तलवार चलेगी, वहाँ हर कहीं लाशें पड़ी होंगी, यह देखकर इथियोपिया बौखला जाएगा।
उसकी दौलत लूट ली गयी है, उसकी नींवें तोड़ दी गयी हैं।+
5 इथियोपिया,+ पुट,+ लूद और मिली-जुली भीड़*और कूब के लोगों को, साथ ही करार किए हुए देश के बेटों को,*सबको तलवार से मार गिराया जाएगा।”’
6 यहोवा कहता है,
‘मिस्र के हिमायती भी गिर जाएँगेऔर उसकी ताकत का गुरूर तोड़ दिया जाएगा।’+
सारे जहान का मालिक यहोवा ऐलान करता है, ‘मिगदोल+ से लेकर सवेने+ तक सभी तलवार से मारे जाएँगे।
7 उन्हें उजड़े हुए देशों से भी ज़्यादा उजाड़ दिया जाएगा और उनके शहर उजड़े हुए शहरों में से सबसे ज़्यादा उजाड़ पड़े रहेंगे।+
8 मैं मिस्र को आग में झोंक दूँगा और उसके साथ संधि करनेवाले सभी भस्म हो जाएँगे। तब उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।
9 उस दिन मैं इथियोपिया को, जिसे खुद पर कुछ ज़्यादा ही भरोसा है, कँपाने के लिए जहाज़ों पर अपने दूत भेजूँगा। मिस्र पर जिस दिन कहर टूटेगा तब इथियोपिया बौखला जाएगा। वह दिन ज़रूर आएगा।’
10 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर* के हाथों मिस्र की भीड़ का अंत कर दूँगा।+
11 मिस्र का नाश करने के लिए नबूकदनेस्सर और उसकी टुकड़ियों को लाया जाएगा जो राष्ट्रों में से सबसे खूँखार लोग हैं।+ वे अपनी तलवार मिस्र पर चलाएँगे और पूरे देश में लाशें बिछा देंगे।+
12 मैं नील नदी की नहरों+ को सुखा दूँगा और मिस्र को दुष्टों के हाथ बेच दूँगा। यह देश और इसमें जो कुछ है, वह सब मैं परदेसियों के हाथों उजाड़ दूँगा।+ यह बात मुझ यहोवा ने कही है।’
13 सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘मैं घिनौनी मूरतों* का भी नाश कर दूँगा और नोप* के निकम्मे देवताओं को मिटा दूँगा।+ इसके बाद फिर कभी मिस्र का अपना कोई हाकिम* नहीं होगा। मैं मिस्र में आतंक फैला दूँगा।+
14 मैं पत्रोस+ को उजाड़ दूँगा और सोअन को आग से फूँक दूँगा और नो* शहर को भी सज़ा दूँगा।+
15 और मैं सीन पर, जो मिस्र का मज़बूत गढ़ है, अपने क्रोध का प्याला उँडेलूँगा और नो की आबादी मिटा दूँगा।
16 मैं मिस्र को आग से फूँक दूँगा और सीन पर खौफ छा जाएगा, नो में घुसपैठ की जाएगी और नोप* पर दिन-दहाड़े हमला होगा!
17 ओन* और पीवेसेत के जवान तलवार से मारे जाएँगे और उनके शहरों में रहनेवालों को बंदी बनाकर ले जाया जाएगा।
18 जब मैं तहपनहेस में मिस्र का जुआ तोड़ूँगा तो वहाँ दिन में ही अँधेरा छा जाएगा।+ उस दिन उसकी ताकत का गुरूर टूट जाएगा,+ उसे काले बादल ढक लेंगे और उसके कसबों में रहनेवाले बंदी बना लिए जाएँगे।+
19 मैं मिस्र को सज़ा दूँगा और उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।’”
20 फिर 11वें साल के पहले महीने के सातवें दिन यहोवा का यह संदेश मेरे पास पहुँचा:
21 “इंसान के बेटे, मैंने मिस्र के राजा फिरौन का बाज़ू तोड़ दिया है। उसकी टूटी हड्डी को ठीक करने के लिए उस पर पट्टी नहीं बाँधी जाएगी और वह कभी तलवार नहीं उठा सकेगा।”
22 “इसलिए सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘देख, मैं मिस्र के राजा फिरौन के खिलाफ हूँ।+ मैं उसके दोनों बाज़ू तोड़ दूँगा, जो मज़बूत है उसे भी और जो टूटा है उसे भी।+ मैं उसके हाथ से तलवार गिरा दूँगा।+
23 फिर मैं मिस्रियों को अलग-अलग राष्ट्रों में तितर-बितर कर दूँगा और दूसरे देशों में बिखरा दूँगा।+
24 मगर मैं बैबिलोन के राजा के बाज़ुओं को मज़बूत करूँगा*+ और उसके हाथ में अपनी तलवार दूँगा।+ मैं फिरौन के बाज़ू तोड़ दूँगा और वह उसके सामने* ज़ोर-ज़ोर से कराहेगा जैसे कोई मरता हुआ इंसान कराहता है।
25 मैं बैबिलोन के राजा के बाज़ुओं को मज़बूत करूँगा, जबकि फिरौन के बाज़ू ढीले पड़ जाएँगे। जब मैं बैबिलोन के राजा के हाथ में अपनी तलवार दूँगा और वह उसे मिस्र पर चलाएगा+ तो उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।
26 मैं मिस्री लोगों को अलग-अलग राष्ट्रों में तितर-बितर कर दूँगा और दूसरे देशों में बिखरा दूँगा।+ और उन्हें जानना होगा कि मैं यहोवा हूँ।’”
कई फुटनोट
^ या “दूसरे राष्ट्रों के सब लोग।”
^ शायद यहाँ मिस्र से संधि करनेवाले इसराएलियों की बात की गयी है।
^ शा., “नबूकदरेस्सर।” यह एक अलग वर्तनी है।
^ या “प्रधान।”
^ या “मेम्फिस।”
^ इनका इब्रानी शब्द शायद “मल” के लिए इस्तेमाल होनेवाले शब्द से संबंध रखता है और यह बताने के लिए इस्तेमाल होता है कि किसी चीज़ से कितनी घिन की जा रही है।
^ यानी थीबीज़।
^ या “मेम्फिस।”
^ यानी हीलिओ-पोलिस।
^ या “राजा की ताकत बढ़ाऊँगा।”
^ यानी बैबिलोन के राजा के सामने।