यहेजकेल 43:1-27

43  इसके बाद वह मुझे पूरब के दरवाज़े पर ले गया।+  वहाँ मैंने इसराएल के परमेश्‍वर की महिमा देखी जो पूरब से आ रही थी।+ परमेश्‍वर की आवाज़ नदी की तेज़ धारा की गड़गड़ाहट जैसी थी+ और धरती उसकी महिमा से रौशन हो गयी।+  मैंने वहाँ जो देखा वह उस दर्शन जैसा था जो मैंने उस वक्‍त देखा था जब मैं* शहर का नाश करने आया था। मैंने वहाँ जो देखा वह बिलकुल वैसा ही था जो मैंने कबार नदी के पास देखा था।+ और मैं मुँह के बल ज़मीन पर गिर पड़ा।  फिर यहोवा की महिमा पूरब के दरवाज़े से मंदिर* में आयी।+  फिर एक शक्‍ति* ने मुझे उठाया और वह मुझे भीतरी आँगन में ले गयी। वहाँ मैंने देखा कि पूरा मंदिर यहोवा की महिमा से भर गया है।+  फिर मैंने मंदिर में से किसी की आवाज़ सुनी जो मुझसे बात कर रहा था और वह आदमी मेरे पास आकर खड़ा हो गया।+  परमेश्‍वर ने मुझसे कहा, “इंसान के बेटे, यही मेरी राजगद्दी की जगह है+ और यही मेरे पाँव रखने की जगह है।+ यहाँ मैं इसराएलियों के बीच सदा तक निवास करूँगा।+ इसके बाद फिर कभी न तो इसराएल का घराना न ही उसके राजा मेरे साथ विश्‍वासघात करके* मेरे पवित्र नाम का अपमान करेंगे।+ जब उनके राजा मर जाएँगे तो वे उनकी लाशों से भी मेरे पवित्र नाम का अपमान नहीं करेंगे।  उन्होंने मेरे मंदिर की दहलीज़ से सटाकर अपनी दहलीज़ बनायी और मेरे मंदिर के खंभे के पास अपना खंभा लगा दिया, जिससे उनके और मेरे बीच सिर्फ एक दीवार की आड़ रह गयी।+ इस तरह उन्होंने घिनौने काम करके मेरे पवित्र नाम का अपमान किया। इसलिए मैंने क्रोध में आकर उनका नाश कर दिया।+  अब वे मेरे साथ और विश्‍वासघात न करें* और अपने राजाओं की लाशें मुझसे दूर कर दें। तब मैं उनके बीच सदा के लिए निवास करूँगा।+ 10  इंसान के बेटे, इसराएल के घराने को मंदिर के बारे में ब्यौरा दे+ ताकि वे अपने गुनाहों पर शर्मिंदा महसूस करें+ और मंदिर के नमूने पर गौर करें।* 11  अगर वे अपने सभी कामों पर शर्मिंदा महसूस करते हैं तो तू उन्हें मंदिर के नमूने, उसकी बनावट, उसके प्रवेश और निकलने के रास्तों के बारे में समझाना।+ उन्हें मंदिर का पूरा नमूना दिखाना और उसकी विधियाँ और नियम बताना। तू ये सारी बातें उनके देखते लिखना ताकि वे मंदिर का पूरा नमूना गौर से देखें और उसकी विधियों का पालन करें।+ 12  मंदिर का यही नियम है: पहाड़ के ऊपर का सारा इलाका बहुत पवित्र है।+ देख! मंदिर का नियम यही है। 13  वेदी की नाप हाथ के हिसाब से यह है:+ इसका आधार एक हाथ ऊँचा और एक हाथ चौड़ा है। (हर हाथ के माप में चार अंगुल जोड़ा गया था।)* आधार के चारों तरफ एक किनारा है जो एक बित्ता* ऊँचा है। यह वेदी का आधार है। 14  फर्श पर बने आधार के ऊपरवाले छोटे कगार की ऊँचाई दो हाथ और चौड़ाई एक हाथ है। इस छोटे कगार पर बने बड़े कगार की ऊँचाई चार हाथ और चौड़ाई एक हाथ है। 15  वेदी के अग्नि-कुंड की ऊँचाई चार हाथ है। इस अग्नि-कुंड के चारों कोनों पर चार सींग ऊपर की तरफ निकले हुए हैं।+ 16  अग्नि-कुंड चौकोर है, 12 हाथ लंबा, 12 हाथ चौड़ा।+ 17  बड़े कगार की लंबाई-चौड़ाई चौदह-चौदह हाथ है और उसके चारों तरफ बना किनारा आधा हाथ है। वेदी का आधार चारों तरफ से एक हाथ निकला है। वेदी की सीढ़ियाँ पूरब की तरफ हैं।” 18  इसके बाद उसने मुझसे कहा, “इंसान के बेटे, सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘जब वेदी बनायी जाएगी तो इन निर्देशों का पालन किया जाए ताकि पूरी होम-बलियाँ चढ़ायी जाएँ और उनका खून वेदी पर छिड़का जाए।’+ 19  सारे जहान का मालिक यहोवा कहता है, ‘तुम झुंड में से एक बैल लेना और सादोक के वंश के लेवी याजकों को देना+ जो मेरे पास आकर मेरी सेवा करते हैं। वे उस बैल की पाप-बलि चढ़ाएँगे।+ 20  तुम उसका थोड़ा खून लेकर वेदी के चारों सींगों पर, बड़े कगार के चारों कोनों पर और चारों तरफ के किनारे पर लगाना ताकि वेदी से पाप दूर करके उसे शुद्ध किया जाए और उसके लिए प्रायश्‍चित किया जाए।+ 21  फिर तुम पाप-बलि का बैल पवित्र-स्थान के बाहर, मंदिर की तय जगह पर ले जाना ताकि उसे जलाया जा सके।+ 22  अगले दिन तुम पाप-बलि के लिए एक ऐसा बकरा अर्पित करना जिसमें कोई दोष न हो। वे इस जानवर की भी बलि चढ़ाकर वेदी से पाप दूर करेंगे और उसे शुद्ध करेंगे, ठीक जैसे वे बैल की बलि चढ़ाकर उससे पाप दूर करते और शुद्ध करते हैं।’ 23  ‘जब तुम वेदी से पाप दूर करके उसे शुद्ध कर चुके होगे, तो तुम झुंड में से एक ऐसे बैल और मेढ़े की बलि चढ़ाओगे जिनमें कोई दोष न हो। 24  तुम उन्हें यहोवा के लिए अर्पित करना। याजक उन जानवरों के गोश्‍त पर नमक छिड़केंगे+ और उनकी होम-बलि का पूरा चढ़ावा यहोवा के लिए अर्पित करेंगे। 25  तुम सात दिन तक हर रोज़ पाप-बलि के लिए एक बकरा, एक बैल और एक मेढ़ा अर्पित करोगे।+ ये ऐसे जानवर होने चाहिए जिनमें कोई दोष न हो।* 26  उन्हें सात दिन तक वेदी के लिए प्रायश्‍चित करना होगा और वेदी को शुद्ध करके उसका उद्‌घाटन करना होगा। 27  जब वेदी को शुद्ध करने के सात दिन पूरे हो जाएँ तो आठवें दिन+ और उसके बाद याजक तुम्हारी* पूरी होम-बलियाँ और शांति-बलियाँ वेदी पर अर्पित किया करेंगे और मैं तुमसे खुश होऊँगा।’+ सारे जहान के मालिक यहोवा का यह ऐलान है।”

कई फुटनोट

या शायद, “वह।”
शा., “भवन।”
यहाँ इस्तेमाल हुए इब्रानी शब्द का मतलब पवित्र शक्‍ति या कोई स्वर्गदूत हो सकता है।
या “राजा वेश्‍याओं जैसी बदचलनी करके।”
या “वे वेश्‍याओं जैसी बदचलनी करना बंद करें।”
शा., “का नमूना नापें।”
यह लंबे हाथ का माप है। अति. ख14 देखें।
करीब 22.2 सें.मी. (8.75 इंच)। अति. ख14 देखें।
या “जो परिपूर्ण हों।”
यानी लोगों की।

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो