यहोशू 15:1-63

15  यहूदा गोत्र के घरानों को चिट्ठियाँ डालकर जो ज़मीन दी गयी थी+ वह एदोम+ की सरहद, सिन वीराने और नेगेब के दक्षिणी कोने तक फैली हुई थी।  दक्षिण में उनकी सरहद लवण सागर* के छोर से यानी इसकी दक्षिणी खाड़ी से शुरू होती थी।+  और आगे दक्षिण में अकराबीम की चढ़ाई+ से होकर सिन तक जाती थी। फिर कादेश-बरने के दक्षिण+ से यह सरहद उत्तर की तरफ मुड़ती थी और हेसरोन से होकर अद्दार तक जाती थी और करका की तरफ मुड़ती थी।  आगे यह सरहद असमोन+ से लेकर मिस्र घाटी*+ तक जाती थी और सागर* पर खत्म होती थी। यह उनकी दक्षिणी सरहद थी।  यरदन के मुहाने से लेकर पूरा लवण सागर* यहूदा के इलाके की पूर्वी सीमा था। उत्तर में उनकी सरहद सागर की खाड़ी से शुरू होती थी, जहाँ यरदन नदी, सागर से मिलती थी।+  यहाँ से उनकी सरहद बेत-होग्ला+ से होते हुए बेत-अराबा+ के उत्तर में जाती थी और बोहन के पत्थर पर पहुँचती थी।+ बोहन, रूबेन का वंशज था।  यह सरहद आकोर घाटी+ में दबीर तक जाती थी और वहाँ से उत्तर में गिलगाल+ की तरफ मुड़ती थी। गिलगाल, अदुम्मीम की चढ़ाई के सामने है और अदुम्मीम, घाटी के दक्षिण में पड़ता है। यहाँ से उनकी सरहद एन-शेमेश+ के सोते से एन-रोगेल+ तक जाती थी।  फिर ‘हिन्‍नोम के वंशजों की घाटी’+ से होते हुए यबूसी+ शहर यानी यरूशलेम+ की दक्षिणी ढलान तक पहुँचती थी। वहाँ से यह सरहद उस पहाड़ की चोटी तक जाती थी, जो हिन्‍नोम घाटी के पश्‍चिम में और रपाई घाटी के उत्तरी छोर पर था।  फिर यह सरहद पहाड़ की चोटी से उतरते हुए नेप्तोह के सोते+ पर निकलती थी और आगे एप्रोन पहाड़ पर बसे शहरों तक जाती थी और फिर बाला पर पहुँचती थी, जिसे किरयत-यारीम भी कहा जाता है।+ 10  बाला से यह सरहद मुड़कर पश्‍चिम की तरफ सेईर पहाड़ तक जाती थी और वहाँ से यारीम पहाड़ की उत्तरी ढलान पर पहुँचती थी, जिसे कसालोन कहते हैं। फिर यह नीचे बेत-शेमेश+ को जाती थी और वहाँ से तिमना+ पर पहुँचती थी। 11  यह सरहद एक्रोन+ की उत्तरी ढलान को छूते हुए शिक्करोन पर और बाला पहाड़ से होते हुए यब्नेल पर निकलती थी और सागर पर खत्म होती थी। 12  महासागर* और उसका तट यहूदा के इलाके की पश्‍चिमी सीमा था।+ यहूदा के वंशजों के घराने को मिले इलाके की यही सरहद थी। 13  यहोशू ने यपुन्‍ने के बेटे कालेब+ को यहूदा के वंशजों के इलाके में किरयत-अरबा (अरबा, अनाक का पिता था) यानी हेब्रोन दिया,+ जैसा यहोवा ने यहोशू को आज्ञा दी थी। 14  कालेब ने वहाँ से अनाक के तीन बेटों को खदेड़ा+ जिनके नाम थे शेशै, अहीमन और तल्मै।+ इन्हीं से अनाकी लोग निकले थे। 15  इसके बाद कालेब दबीर के लोगों से लड़ने गया।+ (दबीर पहले किरयत-सेपर कहलाता था।) 16  कालेब ने कहा, “जो आदमी किरयत-सेपर पर हमला करके उसे जीत लेगा, उसकी शादी मैं अपनी बेटी अकसा से करवाऊँगा।” 17  ओत्नीएल+ ने किरयत-सेपर को जीत लिया। वह कालेब के भाई कनज का बेटा था+ और कालेब ने अपनी बेटी अकसा+ की शादी उससे करवा दी। 18  जब अकसा घर जा रही थी तो वह अपने पति से बार-बार कहने लगी कि मेरे पिता से ज़मीन का एक टुकड़ा माँग। फिर वह गधे से उतरी* और कालेब ने उससे पूछा, “तू क्या चाहती है?”+ 19  अकसा ने कहा, “तेरी यह बेटी तुझसे एक आशीर्वाद चाहती है। मुझे गुल्लोत-मइम* का इलाका दे दे क्योंकि मुझे दक्षिण* में ज़मीन का जो टुकड़ा मिला है वह सूखा है।” इसलिए कालेब ने उसे ऊपरी गुल्लोत और निचला गुल्लोत दिया। 20  यह यहूदा गोत्र के सभी घरानों की विरासत थी। 21  यहूदा गोत्र के दक्षिणी छोर पर और एदोम की सरहद+ की तरफ ये शहर थे: कबसेल, एदेर, यागूर, 22  कीना, दीमोना, अदादा, 23  केदेश, हासोर, यित्नान, 24  ज़ीफ, तेलेम, बालोत, 25  हासोर-हदत्ता, करियोत-हेसरोन यानी हासोर, 26  अमाम, शमा, मोलादा,+ 27  हसर-गद्दा, हेशमोन, बेत-पालेत,+ 28  हसर-शूआल, बेरशेबा,+ बिजयोत्या, 29  बाला, इय्यीम, एसेम, 30  एलतोलद, कसील, होरमा,+ 31  सिकलग,+ मदमन्‍ना, सनसन्‍ना, 32  लबाओत, शिलहीम, ऐन और रिम्मोन।+ कुल मिलाकर 29 शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 33  शफेलाह+ में उनके ये शहर थे: एशताओल, सोरा,+ अशना, 34  जानोह, एन-गन्‍नीम, तप्पूह, एनाम, 35  यरमूत, अदुल्लाम,+ सोकोह, अजेका,+ 36  शारैम,+ अदीतैम और गदेरा और गदेरोतैम,* 14 शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 37  सनान, हदाशा, मिगदल-गाद, 38  दिलान, मिसपे, योकतेल, 39  लाकीश,+ बोसकत, एगलोन, 40  कब्बोन, लहमाम, कितलीश, 41  गदेरोत, बेत-दागोन, नामा और मक्केदा,+ 16 शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 42  लिब्ना,+ एतेर, आशान,+ 43  यिफ्ताह, अशना, नसिब, 44  कीला, अकजीब और मारेशाह, नौ शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 45  एक्रोन और उसके आस-पास के नगर और बस्तियाँ। 46  एक्रोन के पश्‍चिम में अशदोद के आस-पास का सारा इलाका और वहाँ की बस्तियाँ। 47  अशदोद+ और उसके आस-पास के नगर और बस्तियाँ, गाज़ा+ और उसके आस-पास के नगर और बस्तियाँ जो मिस्र घाटी तक फैली हुई थीं और महासागर* और उसके तट का इलाका।+ 48  पहाड़ी प्रदेश में ये शहर थे: शामीर, यत्तीर,+ सोकोह, 49  दन्‍ना, किरयत-सन्‍ना यानी दबीर, 50  अनाब, एश्‍तमो,+ आनीम, 51  गोशेन,+ होलोन और गीलो,+ 11 शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 52  अरब, दूमा, एशान, 53  यानीम, बेत-तप्पूह, अपेका, 54  हुमता, किरयत-अरबा यानी हेब्रोन+ और सीओर, नौ शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 55  माओन,+ करमेल, ज़ीफ,+ युत्ता, 56  यिजरेल, योकदाम, जानोह, 57  केन, गिबा और तिमना,+ दस शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 58  हलहूल, बेत-सूर, गदोर, 59  मरात, बेतनोत और एलतेकोन, छ: शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 60  किरयत-बाल यानी किरयत-यारीम+ और रब्बाह, दो शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 61  वीराने में उनके ये शहर थे: बेत-अराबा,+ मिद्दीन, सकाका, 62  निबशान, लवण शहर और एनगदी,+ छ: शहर और इसके अलावा उनकी बस्तियाँ। 63  मगर यरूशलेम में रहनेवाले यबूसियों+ को यहूदा के लोग नहीं खदेड़ पाए।+ इसलिए यबूसी आज तक उनके बीच यरूशलेम में रहते हैं।

कई फुटनोट

यानी मृत सागर।
शब्दावली देखें।
यानी महासागर, भूमध्य सागर।
यानी मृत सागर।
यानी भूमध्य सागर।
या शायद, “ध्यान खींचने के लिए उसने गधे पर बैठे-बैठे ताली बजायी।”
मतलब “पानी के कुंड।”
या “नेगेब।”
या शायद, “गदेरा और उसकी भेड़शालाएँ।”
यानी भूमध्य सागर।

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो