यिर्मयाह 22:1-30
22 यहोवा कहता है, “यहूदा के राजा के महल में जा और यह संदेश सुना:
2 ‘हे दाविद की राजगद्दी पर बैठे यहूदा के राजा, तू और तेरे सेवक और तेरे लोग, जो इन फाटकों से होकर जाते हैं, यहोवा का यह संदेश सुनें।
3 यहोवा कहता है, “न्याय करो। जो लुट रहा है, उसे धोखेबाज़ के हाथ से छुड़ाओ। किसी परदेसी के साथ बदसलूकी मत करो और अनाथ* या विधवा का बुरा मत करो।+ इस जगह किसी बेगुनाह का खून मत बहाओ।+
4 अगर तुम इन बातों का सख्ती से पालन करोगे, तो दाविद की राजगद्दी पर बैठनेवाले राजा,+ रथों और घोड़ों पर सवार होकर इस भवन के फाटकों से अंदर आ पाएँगे। वे अपने सेवकों और अपने लोगों के साथ अंदर आ पाएँगे।”’+
5 ‘लेकिन अगर तुम इन बातों का पालन नहीं करोगे, तो मैं अपनी शपथ खाकर कहता हूँ कि यह भवन उजाड़ दिया जाएगा।’+ यहोवा का यह ऐलान है।
6 यहूदा के राजा के महल के बारे में यहोवा कहता है,
‘तू मेरे लिए गिलाद जैसा है,लबानोन की चोटी जैसा है।
मगर मैं तुझे एक वीराना बना दूँगा,तेरा एक भी शहर आबाद नहीं रहेगा।+
7 मैं नाश करनेवालों को ठहराकर तेरे खिलाफ भेजूँगा,उनमें से हर कोई हथियारों से लैस होगा।+
वे तेरे शानदार देवदारों को काट डालेंगेऔर आग में झोंक देंगे।+
8 बहुत-से राष्ट्र इस शहर के पास से गुज़रेंगे और एक-दूसरे से पूछेंगे, “यहोवा ने इस महान शहर के साथ ऐसा क्यों किया?”+
9 फिर वे कहेंगे, “क्योंकि उन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा का करार तोड़ दिया और दूसरे देवताओं को दंडवत करके उनकी सेवा की।”’+
10 जो मर गया है उसके लिए मत रोओ,उसके लिए शोक मत मनाओ।
इसके बजाय, जो बँधुआई में जा रहा है उसके लिए फूट-फूटकर रोओ,क्योंकि वह फिर कभी यह देश नहीं देखेगा जहाँ वह पैदा हुआ था।
11 क्योंकि यहूदा के राजा शल्लूम*+ के बारे में, जो अपने पिता योशियाह की जगह राजा बना+ और यहाँ से बँधुआई में चला गया है, यहोवा कहता है, ‘वह यहाँ फिर कभी नहीं लौटेगा।
12 उसे जिस जगह बंदी बनाकर ले जाया गया है, वह वहीं मर जाएगा। वह यह देश फिर कभी नहीं देखेगा।’+
13 धिक्कार है उस पर जो अंधेर करके अपना महल बनवाता है,अन्याय से अपने ऊपरी कमरे बनवाता है,जो अपने साथी से मुफ्त में काम करवाता है,उसकी मज़दूरी देने से इनकार करता है,+
14 जो कहता है, ‘मैं अपने लिए एक आलीशान महल बनवाऊँगा,जिसके ऊपरी कमरे बड़े-बड़े होंगे।
मैं उसमें खिड़कियाँ लगवाऊँगाऔर देवदार से तख्ताबंदी करूँगा और सिंदूरी* रंग से पुतवाऊँगा।’
15 तुझे क्या लगता है, तेरा राज बस इसलिए कायम रहेगाक्योंकि तूने देवदार का इस्तेमाल करने में दूसरों को मात दी है?
तेरा पिता भी खाता-पीता था,मगर उसने न्याय किया+ और उसके साथ भला हुआ।
16 उसने सताए हुओं और गरीबों के हक के लिए उनकी तरफ से फरियाद की,इसलिए उसके साथ भला हुआ।
यहोवा ऐलान करता है, ‘क्या इस तरह उसने नहीं दिखाया कि वह मुझे जानता था?’
17 ‘मगर तेरी आँखें और तेरा दिल सिर्फ बेईमानी की कमाई पर लगे रहते हैं,बेगुनाह का खून बहाने पर,धोखाधड़ी और लूटपाट पर लगे रहते हैं।’
18 इसलिए योशियाह के बेटे और यहूदा के राजा यहोयाकीम+ के बारे में यहोवा कहता है,
‘जिस तरह लोग यह कहकर मातम मनाते हैं,“हाय! मेरे भाई। हाय! मेरी बहन।”
उस तरह कोई यह कहकर उसके लिए मातम नहीं मनाएगा,“हाय! मेरे मालिक! तेरा वैभव कैसे मिट गया है!”
19 उसकी लाश के साथ वही किया जाएगा+जो गधे की लाश के साथ किया जाता है,उसकी लाश घसीटकर यरूशलेम के फाटकों के बाहर फेंक दी जाएगी।’+
20 ऊपर लबानोन जा और चीख-चीखकर रो,बाशान में चिल्ला-चिल्लाकर रो,अबारीम से हाय-हाय कर,+क्योंकि तेरे सभी यारों को कुचल दिया गया है जो तुझ पर मरते थे।+
21 जब तू चैन से रहती थी, तब मैंने तुझे समझाया।
मगर तूने कहा, ‘मैं तेरी आज्ञा नहीं मानूँगी।’+
जवानी से तेरी यही आदत रही है,तूने मेरी बात कभी नहीं मानी।+
22 आँधी तेरे सभी चरवाहों को उड़ा ले जाएगी,+तुझ पर मरनेवाले तेरे यार बँधुआई में चले जाएँगे।
तब तुझ पर आनेवाली सारी विपत्तियों की वजह से तुझे शर्मिंदा किया जाएगा, नीचा दिखाया जाएगा।
23 हे लबानोन की रहनेवाली,+देवदारों के बीच बसेरा करनेवाली,+जब तुझे दर्द उठेगा तब तू कैसे कराहेगी,तू बच्चा जननेवाली औरत की तरह कितना तड़पेगी!”+
24 “यहोवा ऐलान करता है, ‘हे यहोयाकीम+ के बेटे और यहूदा के राजा कोन्याह,*+ मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूँ कि अगर तू मेरे दाएँ हाथ की मुहरवाली अँगूठी होता, तो भी मैं तुझे निकाल फेंकता!
25 मैं तुझे उन लोगों के हाथ में कर दूँगा जो तेरी जान के पीछे पड़े हैं, उनके हाथ में जिनसे तू डरता है। मैं तुझे बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर* के हाथ में और कसदियों के हाथ में दे दूँगा।+
26 मैं तुझे और तेरी माँ को, जिसने तुझे जन्म दिया, पराए देश में फेंक दूँगा जहाँ तू पैदा नहीं हुआ और तू वहीं मर जाएगा।
27 वे उस देश में कभी नहीं लौटेंगे जिसके लिए वे तरसते हैं।+
28 क्या यह कोन्याह एक तुच्छ और टूटा हुआ घड़ा नहीं है?
ऐसा बरतन जिसे कोई रखना नहीं चाहता?
उसे और उसके वंशजों को क्यों फेंक दिया गया है?
क्यों उन्हें ऐसे देश में फेंक दिया गया है जिसे वे नहीं जानते?’+
29 हे धरती,* हे धरती, हे धरती, यहोवा का संदेश सुन।
30 यहोवा कहता है,
‘इस आदमी के बारे में लिख कि यह बेऔलाद है,जो जीते-जी कभी कामयाब नहीं होगा,क्योंकि उसके वंशजों में से कोई भी दाविद की राजगद्दी पर बैठनेऔर यहूदा पर दोबारा राज करने में कामयाब नहीं होगा।’”+
कई फुटनोट
^ या “जिसके पिता की मौत हो गयी है।”
^ यहोआहाज भी कहलाता था।
^ या “लाल।”
^ यहोयाकीन और यकोन्याह भी कहलाता था।
^ शा., “नबूकदरेस्सर।” यह एक अलग वर्तनी है।
^ या “देश।”