यिर्मयाह 26:1-24

26  योशियाह के बेटे और यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज की शुरूआत में यहोवा का यह संदेश मेरे पास पहुँचा:+  “यहोवा कहता है, ‘तू यहोवा के भवन के आँगन में खड़ा हो और यहूदा के शहरों के सब लोगों के बारे में* बोल, जो यहोवा के भवन में उपासना* के लिए आते हैं। उन्हें वे सारी बातें बता जिनकी मैं तुझे आज्ञा देता हूँ, उनमें से एक भी बात मत छोड़।  हो सकता है वे सुनें और अपने बुरे रास्ते से पलटकर लौट आएँ। तब मैं अपनी सोच बदल दूँगा* और उन पर विपत्ति नहीं लाऊँगा जो मैंने उनके दुष्ट कामों की वजह से लाने की ठानी है।+  तू उनसे कह, “यहोवा कहता है, ‘अगर तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, मेरा दिया कानून* नहीं मानोगे और  मेरे सेवकों, मेरे भविष्यवक्‍ताओं की बात नहीं सुनोगे जिन्हें मैं तुम्हारे पास बार-बार भेज रहा हूँ,* जैसा कि तुम अभी नहीं सुन रहे हो,+  तो मैं इस भवन के साथ वही करूँगा जो मैंने शीलो+ के साथ किया था। मैं इस शहर का ऐसा हश्र करूँगा कि धरती के सभी राष्ट्र शाप देते वक्‍त इसकी मिसाल देंगे।’”’”+  जब यिर्मयाह यहोवा के भवन में यह सब कह रहा था, तब याजक, भविष्यवक्‍ता और सब लोग सुन रहे थे।+  जब यिर्मयाह सब लोगों को ये सारी बातें सुना चुका जिनकी आज्ञा यहोवा ने उसे दी थी तो याजकों, भविष्यवक्‍ताओं और सब लोगों ने उसे पकड़ लिया और कहा, “हम तुझे मार डालेंगे।  तूने यहोवा के नाम से यह भविष्यवाणी क्यों की, ‘यह भवन शीलो की तरह बन जाएगा और यह शहर ऐसा उजड़ जाएगा कि यहाँ एक भी निवासी नहीं रहेगा’?” यहोवा के भवन में सब लोग यिर्मयाह के चारों तरफ इकट्ठा हो गए। 10  जब यहूदा के हाकिमों ने यह सब सुना तो वे राजा के महल से निकलकर यहोवा के भवन में आए और यहोवा के भवन के नए फाटक के प्रवेश पर बैठे।+ 11  याजकों और भविष्यवक्‍ताओं ने हाकिमों और सब लोगों से कहा, “यह आदमी मौत की सज़ा पाने के लायक है+ क्योंकि इसने इस शहर के खिलाफ भविष्यवाणी की है, जो तुमने खुद अपने कानों से सुनी है।”+ 12  तब यिर्मयाह ने सब हाकिमों और सब लोगों से कहा, “मुझे यहोवा ने ही भेजा है कि मैं इस भवन और इस शहर के खिलाफ इन सारी बातों की भविष्यवाणी करूँ जो तुमने सुनी हैं।+ 13  इसलिए तुम अपने तौर-तरीके और अपना चालचलन सुधारो और अपने परमेश्‍वर यहोवा की आज्ञा मानो, तब यहोवा अपनी सोच बदल देगा* और तुम पर वह विपत्ति नहीं लाएगा जिसके बारे में उसने कहा है।+ 14  जहाँ तक मेरी बात है, मैं तुम्हारे हाथ में हूँ। तुम्हें जो ठीक लगे, जो सही लगे मेरे साथ करो। 15  मगर एक बात जान लो, अगर तुमने मुझे मार डाला तो तुम एक बेगुनाह के खून का दोष खुद पर, इस शहर पर और इसके लोगों पर लाओगे, क्योंकि यह सच है कि यहोवा ने ही ये सारी बातें सुनाने के लिए मुझे तुम्हारे पास भेजा है।” 16  तब हाकिमों और सब लोगों ने याजकों और भविष्यवक्‍ताओं से कहा, “इस आदमी ने ऐसा कुछ नहीं किया कि इसे मौत की सज़ा दी जाए, क्योंकि इसने हमारे परमेश्‍वर यहोवा के नाम से हमसे बात की है।” 17  फिर देश के कुछ प्रधान उठे और लोगों की पूरी मंडली से कहने लगे, 18  “मोरेशेत के रहनेवाले मीका+ ने यहूदा के राजा हिजकियाह+ के दिनों में भविष्यवाणी की थी और यहूदा के सब लोगों से कहा था, ‘सेनाओं का परमेश्‍वर यहोवा कहता है, “सिय्योन एक खेत की तरह जोता जाएगा,यरूशलेम मलबे का ढेर बन जाएगा,+इस भवन का पहाड़* जंगल की पहाड़ियों जैसा* बन जाएगा।”’+ 19  क्या यह सुनकर यहूदा के राजा हिजकियाह और पूरे यहूदा के लोगों ने मीका को मार डाला था? क्या उस राजा ने यहोवा का डर नहीं माना और यहोवा से रहम की भीख नहीं माँगी? तभी यहोवा ने अपनी सोच बदल दी* और उन पर वह विपत्ति नहीं लाया जिसके बारे में उसने कहा था।+ इसलिए अगर हम इसे मार डालेंगे तो हम खुद पर एक बड़ी विपत्ति ला रहे होंगे। 20  एक और आदमी यहोवा के नाम से भविष्यवाणी करता था। उसका नाम उरीयाह था और वह किरयत-यारीम+ के रहनेवाले शमायाह का बेटा था। उरीयाह भी यिर्मयाह की तरह इस शहर और इस देश के खिलाफ भविष्यवाणी करता था। 21  राजा यहोयाकीम+ और उसके सभी शूरवीरों और सभी हाकिमों ने उसकी बातें सुनीं और राजा ने उसे मार डालने की कोशिश की।+ जब उरीयाह को इस बात की खबर मिली तो वह बहुत डर गया और फौरन मिस्र भाग गया। 22  तब राजा यहोयाकीम ने अकबोर के बेटे एलनातान+ को और उसके साथ कुछ और आदमियों को मिस्र भेजा। 23  वे मिस्र से उरीयाह को पकड़कर राजा यहोयाकीम के पास ले आए। राजा ने उसे तलवार से मार डाला+ और उसकी लाश आम लोगों की कब्र में फिंकवा दी।” 24  मगर शापान+ के बेटे अहीकाम+ ने यिर्मयाह का साथ दिया, इसलिए यिर्मयाह को लोगों के हवाले नहीं किया गया कि वे उसे मार डालें।+

कई फुटनोट

या “से।”
या “दंडवत करने।”
या “पछतावा महसूस करूँगा।”
या “मेरी दी हिदायत।”
शा., “मैं तड़के उठकर तुम्हारे पास भेजता रहा।”
या “पछतावा महसूस करेगा।”
या “मंदिर की पहाड़ी।”
या “जंगल की ऊँची जगह जैसी।”
या “पछतावा महसूस किया।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो