यिर्मयाह 27:1-22
27 योशियाह के बेटे और यहूदा के राजा यहोयाकीम के राज की शुरूआत में यहोवा का यह संदेश यिर्मयाह के पास पहुँचा:
2 “यहोवा ने मुझसे कहा, ‘तू अपने लिए बंधन और जुए बना और अपनी गरदन पर रख।
3 फिर एदोम,+ मोआब,+ अम्मोनी लोगों,+ सोर+ और सीदोन+ के राजाओं के पास उन दूतों के हाथ ये जुए भेज, जो यहूदा के राजा सिदकियाह के पास यरूशलेम आए हैं।
4 उन दूतों को आज्ञा दे कि वे अपने मालिकों से यह कहें:
“सेनाओं का परमेश्वर और इसराएल का परमेश्वर यहोवा कहता है, तुम अपने मालिकों से यह कहना,
5 ‘मैंने ही अपना हाथ बढ़ाकर अपनी महाशक्ति से धरती और इंसानों को और धरती पर रहनेवाले जानवरों को बनाया है। और मैं जिसे चाहूँ उसे यह सब देता हूँ।+
6 अब मैंने ये सारे देश अपने सेवक, बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर के हाथ में कर दिए हैं।+ यहाँ तक कि मैदान के जंगली जानवरों को भी उसके अधीन कर दिया है।
7 सारे राष्ट्र उसकी और उसके बेटे और पोते की सेवा करेंगे। वे तब तक उसकी सेवा करते रहेंगे जब तक कि उसके देश का अंत होने का समय नहीं आता।+ तब बहुत-से राष्ट्र और बड़े-बड़े राजा उसे अपना दास बना लेंगे।’+
8 यहोवा ऐलान करता है, ‘अगर कोई राष्ट्र या राज्य बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर की सेवा करने और उसका जुआ अपनी गरदन पर रखने से इनकार कर देता है, तो मैं उस राष्ट्र को तलवार, अकाल और महामारी* से तब तक सज़ा देता रहूँगा+ जब तक कि मैं राजा के हाथों उसे मिटा न दूँ।’
9 ‘इसलिए तुम अपने भविष्यवक्ताओं, ज्योतिषियों, सपने देखनेवालों, जादूगरों और टोना-टोटका करनेवालों की बात मत सुनो जो तुमसे कहते हैं, “तुम्हें बैबिलोन के राजा की सेवा नहीं करनी पड़ेगी।”
10 वे तुम्हें झूठी भविष्यवाणियाँ सुना रहे हैं। अगर तुम उनकी सुनोगे तो तुम्हें अपने देश से बहुत दूर ले जाया जाएगा। मैं तुम्हें तितर-बितर कर दूँगा और तुम नाश हो जाओगे।
11 मगर जो राष्ट्र अपनी गरदन पर बैबिलोन के राजा का जुआ रखेगा और उसकी सेवा करेगा, मैं उसे उसके देश में रहने दूँगा ताकि वह वहाँ की ज़मीन जोते और उसमें बसा रहे।’ यहोवा का यह ऐलान है।”’”
12 मैंने यहूदा के राजा सिदकियाह+ से भी यही बात कही, “तुम लोग अपनी-अपनी गरदन पर बैबिलोन के राजा का जुआ रखो और उसकी और उसके लोगों की सेवा करो, तब तुम ज़िंदा रहोगे।+
13 तू और तेरे लोग क्यों तलवार,+ अकाल+ और महामारी+ से मरना चाहते हैं? यहोवा ने कहा है कि जो राष्ट्र बैबिलोन के राजा की सेवा नहीं करेगा, उसे यही अंजाम भुगतना पड़ेगा।
14 तुम उन भविष्यवक्ताओं की बात मत सुनो जो तुमसे कहते हैं, ‘तुम्हें बैबिलोन के राजा की सेवा नहीं करनी पड़ेगी।’+ वे तुम्हें झूठी भविष्यवाणी सुना रहे हैं।+
15 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैंने उन्हें नहीं भेजा है। वे मेरे नाम से झूठी भविष्यवाणी करते हैं। अगर तुम उनकी सुनोगे, तो मैं तुम्हें तितर-बितर कर दूँगा और तुम और वे भविष्यवक्ता भी नाश हो जाएँगे जो तुम्हें भविष्यवाणी सुना रहे हैं।’”+
16 और याजकों और सब लोगों से मैंने कहा, “यहोवा कहता है, ‘तुम अपने भविष्यवक्ताओं की बातें मत सुनो जो तुम्हें यह भविष्यवाणी सुनाते हैं, “देखो, यहोवा के भवन के बरतन बहुत जल्द बैबिलोन से वापस लाए जाएँगे!”+ वे तुम्हें झूठी भविष्यवाणी सुना रहे हैं।+
17 तुम उनकी मत सुनो। बैबिलोन के राजा की सेवा करो, तब तुम ज़िंदा रहोगे।+ वरना यह शहर खंडहर बन जाएगा।
18 अगर वे सचमुच भविष्यवक्ता हैं और उन्हें यहोवा से संदेश मिला है, तो वे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा से गिड़गिड़ाकर मिन्नत करें कि जो बरतन यहोवा के भवन में, यहूदा के राजा के महल में और यरूशलेम में बचे हुए हैं, उन्हें बैबिलोन न ले जाया जाए।’
19 क्योंकि सेनाओं के परमेश्वर यहोवा ने भवन के खंभों,+ ताँबे के बड़े हौद,*+ हथ-गाड़ियों+ और इस शहर में बचे हुए बरतनों के बारे में एक संदेश दिया है।
20 उन बरतनों के बारे में, जिन्हें बैबिलोन का राजा नबूकदनेस्सर उस समय नहीं ले गया जब वह यहोयाकीम के बेटे और यहूदा के राजा यकोन्याह को और यहूदा और यरूशलेम के सभी रुतबेदार लोगों को यरूशलेम से बंदी बनाकर बैबिलोन ले गया था।+
21 हाँ, सेनाओं के परमेश्वर और इसराएल के परमेश्वर यहोवा ने उन बरतनों के बारे में, जो यहोवा के भवन में, यहूदा के राजा के महल में और यरूशलेम में बचे हैं, यह संदेश दिया है:
22 ‘यहोवा ऐलान करता है, “ये बरतन बैबिलोन ले जाए जाएँगे+ और ये तब तक वहीं रहेंगे जब तक कि मैं इन पर ध्यान न दूँ। फिर मैं इन्हें निकालकर वापस इस जगह ले आऊँगा।”’”+