यिर्मयाह 34:1-22
34 जब बैबिलोन का राजा नबूकदनेस्सर* और उसकी पूरी सेना और उसके राज के अधीन रहनेवाले सब राज्य और देश, यरूशलेम और उसके सभी शहरों से लड़ रहे थे, तब यहोवा का यह संदेश यिर्मयाह के पास पहुँचा:+
2 “इसराएल का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘तू यहूदा के राजा सिदकियाह+ के पास जा और उससे कह, “यहोवा कहता है, ‘मैं यह शहर बैबिलोन के राजा के हाथ में करने जा रहा हूँ और वह इसे आग से जला देगा।+
3 तू उसके हाथ से नहीं बचेगा, तुझे ज़रूर पकड़ लिया जाएगा और उसके हाथ में कर दिया जाएगा।+ तू बैबिलोन के राजा से आमने-सामने बात करेगा और तू बैबिलोन जाएगा।’+
4 मगर यहूदा के राजा सिदकियाह, यहोवा का यह संदेश भी सुन: ‘यहोवा तेरे बारे में कहता है, “तू तलवार से नहीं मारा जाएगा।
5 तू चैन से मरेगा+ और लोग तेरे सम्मान में आग जलाएँगे, जैसे उन्होंने तेरे पुरखों के लिए यानी तुझसे पहले के राजाओं के लिए किया था। वे यह कहकर तेरे लिए मातम मनाएँगे, ‘हाय! मेरे मालिक!’ ऐसा ज़रूर होगा क्योंकि ‘मैंने यह कहा है।’ यहोवा का यह ऐलान है।”’”’”
6 फिर भविष्यवक्ता यिर्मयाह ने यरूशलेम में यहूदा के राजा सिदकियाह को ये सारी बातें बतायीं।
7 उस वक्त बैबिलोन के राजा की सेनाएँ यरूशलेम से और यहूदा के बचे हुए सब शहरों से,+ यानी लाकीश+ और अजेका+ से लड़ रही थीं। यहूदा के शहरों में से सिर्फ इन किलेबंद शहरों पर अब तक कब्ज़ा नहीं किया गया था।
8 यहोवा का यह संदेश इस घटना के बाद यिर्मयाह के पास पहुँचा: राजा सिदकियाह ने यरूशलेम के सब लोगों के साथ एक करार किया था कि वे दासों के लिए छुटकारे का ऐलान करेंगे,+
9 हर कोई अपने इब्री दास और दासी को आज़ाद कर देगा। कोई भी अपने साथी यहूदी को दास बनाकर नहीं रखेगा।
10 सब हाकिमों और सब लोगों ने इस आज्ञा का पालन किया। उन्होंने करार किया कि हर कोई अपने दास-दासियों को आज़ाद कर देगा और उन्हें दास बनाकर नहीं रखेगा। उन्होंने इस करार के मुताबिक अपने दासों को जाने दिया।
11 मगर बाद में वे उन दास-दासियों को वापस ले आए जिन्हें उन्होंने आज़ाद कर दिया था। वे उन्हें दोबारा दास बनाकर उनसे ज़बरदस्ती सेवा करवाने लगे।
12 इसलिए यहोवा का यह संदेश यिर्मयाह के पास पहुँचा। यहोवा ने कहा:
13 “इसराएल का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘जिस दिन मैं तुम्हारे पुरखों को गुलामी के घर से, मिस्र से निकाल लाया था,+ उस दिन मैंने उनके साथ एक करार किया था।+ मैंने उनसे कहा था,
14 “हर सात साल के आखिर में तुममें से हरेक को चाहिए कि वह अपने उस इब्री भाई को आज़ाद कर दे जो उसे बेचा गया था। उसने छ: साल तेरी सेवा की होगी, इसलिए तू उसे आज़ाद कर देना।”+ मगर तुम्हारे पुरखों ने मेरी बात नहीं सुनी, न ही मेरी आज्ञा मानी।
15 कुछ समय पहले, तुमने अपने तौर-तरीके बदले और अपने भाई-बंधुओं के लिए छुटकारे का ऐलान करके मेरी नज़र में सही काम किया। तुमने उस भवन में मेरे साथ करार किया जिससे मेरा नाम जुड़ा है।
16 मगर इसके बाद तुमने अपना मन बदल दिया। तुमने जिन दास-दासियों को उनकी मरज़ी के मुताबिक आज़ाद किया था, उन्हें तुम वापस ले आए और उनसे ज़बरदस्ती सेवा करवाने लगे। ऐसा करके तुमने मेरे नाम का अपमान किया।’+
17 इसलिए यहोवा कहता है, ‘तुमने मेरी आज्ञा नहीं मानी कि हर कोई अपने भाई-बंधु के लिए छुटकारे का ऐलान करे।+ इसलिए अब सुनो, मैं तुम्हें छुटकारे का ऐलान करता हूँ। तुम आज़ाद हो जाओगे और तलवार, महामारी* और अकाल से मार डाले जाओगे+ और मैं तुम्हारा ऐसा हश्र कर दूँगा कि धरती के सभी राज्य तुम्हें देखकर दहल जाएँगे।’+ यहोवा का यह ऐलान है।
18 ‘जिन लोगों ने बछड़े के दो भाग किए और उसके बीच से गुज़रकर मेरे सामने करार किया था, मगर उस करार के मुताबिक काम नहीं किया और उसे तोड़ दिया,+
19 यानी यहूदा के वे हाकिम, यरूशलेम के हाकिम, दरबारी, याजक और देश के सब लोग जो बछड़े के दो भागों के बीच से गुज़रे थे, उनका यह अंजाम होगा:
20 मैं उन्हें दुश्मनों के हवाले और उन लोगों के हवाले कर दूँगा जो उनकी जान के पीछे पड़े हैं। उनकी लाशें आकाश के पक्षियों और धरती के जानवरों का निवाला बन जाएँगी।+
21 मैं यहूदा के राजा सिदकियाह और उसके हाकिमों को उनके दुश्मनों के हवाले और उन लोगों के हवाले कर दूँगा जो उनकी जान के पीछे पड़े हैं और बैबिलोन के राजा की सेनाओं के हाथ कर दूँगा+ जो तुमसे लड़ना छोड़कर जा रही हैं।’+
22 यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं उन सेनाओं को आदेश दूँगा और वापस इस शहर में ले आऊँगा। वे इससे लड़ेंगी और इस पर कब्ज़ा कर लेंगी और इसे आग से जला देंगी।+ मैं यहूदा के शहरों को ऐसा वीरान कर दूँगा कि वहाँ एक भी निवासी नहीं रहेगा।’”+