यिर्मयाह 41:1-18

41  मगर सातवें महीने में नतन्याह का बेटा और एलीशामा का पोता इश्‍माएल,+ अहीकाम के बेटे गदल्याह के पास मिसपा आया।+ इश्‍माएल शाही खानदान से था* और राजा के खास आदमियों में से था। वह अपने साथ दस और आदमियों को लाया। जब वे सब मिलकर मिसपा में खाना खा रहे थे,  तो नतन्याह का बेटा इश्‍माएल और उसके साथ आए दस आदमी उठे और उन्होंने अहीकाम के बेटे और शापान के पोते गदल्याह को तलवार से मार डाला। इस तरह इश्‍माएल ने उस आदमी को मार डाला जिसे बैबिलोन के राजा ने देश का अधिकारी ठहराया था।  इश्‍माएल ने उन सारे यहूदियों को भी मार डाला जो मिसपा में गदल्याह के साथ थे और उन कसदी सैनिकों को भी जो वहाँ थे।  गदल्याह के कत्ल के दूसरे दिन, जब किसी को इसकी खबर नहीं थी,  शेकेम,+ शीलो+ और सामरिया+ से 80 आदमी आए। उन्होंने अपनी दाढ़ी मुँड़ा ली थी,+ अपने कपड़े फाड़े थे और शरीर पर घाव किए थे। वे अपने हाथ में अनाज के चढ़ावे और लोबान लिए हुए थे+ ताकि यहोवा के भवन में चढ़ाएँ।  तब नतन्याह का बेटा इश्‍माएल रोता हुआ मिसपा से निकलकर उनसे मिलने गया। जब इश्‍माएल उनसे मिला तो उसने कहा, “तुम अहीकाम के बेटे गदल्याह के पास चलो।”  मगर जब वे शहर में आए तो नतन्याह के बेटे इश्‍माएल और उसके आदमियों ने उन्हें मार डाला और उनकी लाशें कुंड में फेंक दीं।  मगर वहाँ आए आदमियों में से दस ने इश्‍माएल से कहा था, “हमें मत मारो, क्योंकि हमारे पास ढेर सारा गेहूँ, जौ, तेल और शहद है। हमने यह सब खेतों में छिपा रखा है।” इसलिए इश्‍माएल ने उन्हें और उनके भाइयों को नहीं मार डाला।  इश्‍माएल ने जितने आदमियों को मार डाला था, उनकी लाशें एक बड़े कुंड में फेंक दीं। यह वही कुंड था जो राजा आसा ने इसराएल के राजा बाशा की वजह से बनाया था।+ उस कुंड को नतन्याह के बेटे इश्‍माएल ने मारे गए आदमियों की लाशों से भर दिया। 10  इश्‍माएल ने मिसपा में बचे हुए लोगों को बंदी बना लिया।+ उनमें राजा की बेटियाँ और मिसपा के बचे हुए लोग भी थे जिन्हें पहरेदारों के सरदार नबूजरदान ने अहीकाम के बेटे गदल्याह के हाथ में सौंपा था।+ नतन्याह का बेटा इश्‍माएल उन सब बंदियों को उस पार अम्मोनियों के यहाँ ले जाने के लिए निकल पड़ा।+ 11  जब कारेह के बेटे योहानान+ और उसके साथवाले सभी सेनापतियों ने उन सारे दुष्ट कामों के बारे में सुना जो नतन्याह के बेटे इश्‍माएल ने किए थे, 12  तो वे सब अपने आदमियों को लेकर नतन्याह के बेटे इश्‍माएल से लड़ने निकल पड़े। उन्होंने इश्‍माएल को गिबोन में उस जगह पाया जहाँ बहुत पानी* था। 13  इश्‍माएल के साथ जो लोग थे, उन्होंने जब कारेह के बेटे योहानान और उसके साथवाले सारे सेनापतियों को देखा, तो वे बहुत खुश हुए। 14  तब ये सब लोग, जिन्हें इश्‍माएल बंदी बनाकर मिसपा से लाया था,+ पलटकर कारेह के बेटे योहानान के पास चले गए। 15  मगर नतन्याह का बेटा इश्‍माएल और उसके आदमियों में से आठ जन योहानान के हाथ से बच निकले और अम्मोनियों के पास भाग गए। 16  जब नतन्याह के बेटे इश्‍माएल ने अहीकाम के बेटे गदल्याह को मार डाला,+ तो उसके बाद कारेह के बेटे योहानान और उसके साथवाले सारे सेनापतियों ने मिसपा के उन सभी लोगों को लिया, जिन्हें उन्होंने इश्‍माएल के हाथ से बचाया था। वे उन सैनिकों, आदमियों, औरतों, बच्चों और दरबारियों को गिबोन से वापस ले आए। 17  वे बेतलेहेम+ के पास किमहाम की सराय में रुके। उन्होंने मिस्र जाने का इरादा कर लिया था+ 18  क्योंकि वे कसदियों से डर गए थे। वे इसलिए डर गए थे क्योंकि नतन्याह के बेटे इश्‍माएल ने अहीकाम के बेटे गदल्याह को मार डाला, जिसे बैबिलोन के राजा ने देश का अधिकारी ठहराया था।+

कई फुटनोट

शा., “राज का बीज था।”
या शायद, “बड़ा तालाब।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो