योएल 3:1-21
3 “क्योंकि देखो! उन दिनों और उस समय,जब मैं यहूदा और यरूशलेम के लोगों को बँधुआई से वापस ले आऊँगा,+
2 तब मैं सारे राष्ट्रों को भी इकट्ठा करूँगाऔर उन्हें यहोशापात* की घाटी में ले आऊँगा।
वहाँ मैं अपने लोगों और अपनी विरासत इसराएल की खातिर उनसे मुकदमा लड़ूँगा,+क्योंकि उन्होंने मेरे लोगों को दूसरे राष्ट्रों में तितर-बितर कर दियाऔर मेरे देश की ज़मीन आपस में बाँट ली।+
3 उन्होंने चिट्ठियाँ डालकर मेरे लोगों को आपस में बाँट लिया,+वे वेश्याओं का किराया चुकाने के लिए लड़के दे देते थेऔर दाख-मदिरा के लिए लड़कियों को बेच देते थे।
4 हे सोर और सीदोन, हे पलिश्त के सभी प्रांतो,तुमने मेरे साथ ऐसा करने की हिम्मत कैसे की?
क्या तुम मुझसे किसी बात का बदला ले रहे हो?
अगर तुम बदला ले रहे हो,तो मैं फौरन तुम्हें अपनी करतूतों का फल भुगतने पर मजबूर करूँगा।+
5 तुम मेरा सोना-चाँदी ले गए,+मेरा बढ़िया-से-बढ़िया खज़ाना अपने मंदिरों में ले गए,
6 तुमने यहूदा और यरूशलेम के लोगों को यूनानियों के हाथ बेच दिया+ताकि उन्हें उनके इलाके से दूर कर दिया जाए।
7 इसलिए देखो, तुमने उन्हें जहाँ बेच दिया था वहाँ से मैं उन्हें वापस ले आऊँगा,+तुम्हें अपनी करतूतों का फल भुगतने पर मजबूर करूँगा।
8 मैं तुम्हारे बेटे-बेटियों को यहूदा के लोगों के हाथ बेच दूँगा+और वे उन्हें दूर देश शीबा के लोगों के हाथ बेच देंगे,क्योंकि खुद यहोवा ने ऐसा कहा है।
9 राष्ट्रों के बीच ऐलान करो,+‘युद्ध की तैयारी करो! सूरमाओं को उभारो!
सारे सैनिक आगे बढ़ें और हमला करें!+
10 अपने हल के फाल पीटकर तलवारें बनाओ और अपनी दरातियों को पीटकर भाले* बनाओ।
कमज़ोर कहे, “मैं बड़ा ताकतवर हूँ।”
11 आस-पास के सब राष्ट्रो, आकर इकट्ठा हो जाओ, मदद करो!’”+
हे यहोवा, अपने योद्धाओं को नीचे उस जगह ले आ।
12 “राष्ट्र उभारे जाएँ और यहोशापात की घाटी में जाएँ,क्योंकि मैं वहाँ बैठूँगा ताकि आस-पास के सभी राष्ट्रों का न्याय करूँ।+
13 हँसिया चलाओ, फसल पक चुकी है।
नीचे आकर रौंदो, अंगूर रौंदने का हौद भर गया है।+
रस-कुंड उमड़ रहे हैं क्योंकि उनकी बुराई बहुत बढ़ गयी है।
14 फैसले की घाटी में भीड़-की-भीड़ जमा है,क्योंकि फैसले की घाटी में यहोवा का दिन करीब है।+
15 सूरज और चाँद पर अँधेरा छा जाएगाऔर तारे अपनी चमक खो बैठेंगे।
16 यहोवा सिय्योन से गरजेगा,यरूशलेम से बुलंद आवाज़ में बोलेगा।
आसमान और धरती डोलने लगेंगे,मगर यहोवा अपने लोगों के लिए पनाह होगा,+इसराएल के लोगों के लिए किला होगा।
17 और तुम्हें जानना होगा कि मैं यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूँ, जो अपने पवित्र पहाड़ सिय्योन पर निवास करता है।+
यरूशलेम नगरी एक पवित्र जगह बन जाएगी,+अजनबी* फिर कभी वहाँ से नहीं गुज़रेंगे।+
18 उस दिन पहाड़ों से मीठी दाख-मदिरा टपकेगी,+पहाड़ियों पर दूध बहेगा,यहूदा की सारी नदियों में पानी उमड़ने लगेगा।
यहोवा के भवन से एक सोता फूटेगा,+बबूल के पेड़ों की घाटी को सींचेगा।
19 मगर मिस्र उजड़ जाएगा,+एदोम उजड़ा हुआ वीराना हो जाएगा,+क्योंकि उन्होंने यहूदा के लोगों को सताया,+उनके देश में बेगुनाहों का खून बहाया।+
20 मगर यहूदा हमेशा आबाद रहेगा,यरूशलेम पीढ़ी-पीढ़ी तक आबाद रहेगी।+
21 उन पर जो खून का दोष था, मैं उसे मिटा दूँगा,+मैं यहोवा सिय्योन पर निवास करूँगा।”+