लूका के मुताबिक खुशखबरी 12:1-59
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
हज़ारों की तादाद में: यूनानी शब्द का शाब्दिक मतलब है, 10,000 का समूह। लेकिन यह शब्द अनगिनत संख्याओं के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है।
खमीर: इसे बाइबल में अकसर पाप और भ्रष्टता की निशानी बताया गया है। यहाँ इसका मतलब है गलत शिक्षाएँ और बुरा असर।—मत 16:6, 11, 12; 1कुर 5:6-8.
उजाले में: यानी सबके सामने या सरेआम।
गेहन्ना: मत 5:22 का अध्ययन नोट देखें।
दो पैसे: शा., “दो असारियन।” पहले जब यीशु गलील के तीसरे दौरे पर था तो उसने कहा कि दो गौरैयों की कीमत एक असारियन है। (मत 10:29) एक असारियन एक मज़दूर को 45 मिनट मज़दूरी करने पर मिलता था। (अति. ख14 देखें।) अब शायद एक साल बाद यहूदिया में प्रचार करते वक्त, यीशु ने यहाँ कहा कि पाँच गौरैयों की कीमत दो असारियन है। इन ब्यौरों की तुलना करने पर पता चलता है कि गौरैया इतनी मामूली चिड़िया मानी जाती थी कि व्यापारी पाँचवीं गौरैया मुफ्त में ही दे देते थे।
चिड़ियाँ: मत 10:29 का अध्ययन नोट देखें।
तुम्हारे सिर का एक-एक बाल तक गिना हुआ है: मत 10:30 का अध्ययन नोट देखें।
जनता की सभाओं: या शायद, “सभा-घरों।” यहाँ इस्तेमाल हुई यूनानी संज्ञा सिनागॉगी का शाब्दिक मतलब है, “इकट्ठा करना; सभा।” मगर मसीही यूनानी शास्त्र की ज़्यादातर आयतों में इसका मतलब है, वह इमारत या जगह जहाँ यहूदी इकट्ठा होते थे और जहाँ शास्त्र पढ़ा जाता था, हिदायतें दी जाती थीं, प्रचार होता था और प्रार्थना की जाती थी। (शब्दावली में “सभा-घर” देखें।) लूक 12:11 में इस शब्द का मतलब “सभा-घरों” हो सकता है, जहाँ अकसर यहूदियों की निचली अदालतें भी लगती थीं। (मत 10:17 का अध्ययन नोट देखें।) लेकिन मालूम होता है कि यहाँ इमारतों की नहीं बल्कि ऐसी सभाओं की बात की गयी है जिनमें यहूदी और गैर-यहूदी सभी हाज़िर हो सकते थे। इस तरह की सभाएँ एक मसीही पर कानूनी कार्रवाई करने और शायद उसके विश्वास की वजह से उसे कोई सज़ा सुनाने के मकसद से रखी जाती थीं।
हमारी विरासत का बँटवारा कर दे: मूसा के कानून में साफ बताया गया था कि विरासत का बँटवारा कैसे किया जाना चाहिए। सबसे बड़े बेटे को दुगना हिस्सा मिलता था, क्योंकि पिता के बाद उसे परिवार के मुखिया की ज़िम्मेदारियाँ सँभालनी होती थीं। (व्य 21:17) बाकी हिस्सा दूसरे वारिसों में बाँटा जाता था। ऐसा मालूम होता है कि यहाँ बताया आदमी लालच की वजह से अपने कानूनी हिस्से से ज़्यादा पाना चाहता था। शायद इसीलिए उसने अपने घरेलू मामले की बात कहकर यीशु को टोका, जो परमेश्वर के बारे में सिखा रहा था। उसका ऐसा करना सही नहीं था। इसलिए यीशु ने इस झगड़े में पड़ने से इनकार कर दिया, मगर साथ ही उसने लोगों को खबरदार किया कि वे लालच न करें।
बँटवारा करनेवाला: यीशु ने यहाँ कहा कि उसे इस मामले में पड़ने की कोई ज़रूरत नहीं, क्योंकि इसे सुलझाने के बारे में मूसा के कानून में साफ बताया गया है। इसके अलावा, कानून के मुताबिक पैसों से जुड़े मामले सुलझाने का काम मुखियाओं का था। यीशु यह भी जानता था कि उसे धरती पर परमेश्वर के राज की खुशखबरी सुनाने के मकसद से भेजा गया है, न कि दुनियावी मामलों में उलझने के मकसद से।
लालच: यूनानी शब्द प्लीयोनेक्साया का शाब्दिक मतलब है, “और ज़्यादा पाना।” इस शब्द से और ज़्यादा पाने की ऐसी भूख का पता चलता है जो कभी नहीं मिटती। यह यूनानी शब्द इफ 4:19; 5:3 में भी इस्तेमाल हुआ है। कुल 3:5 में पौलुस ने “लालच” के बाद यह भी लिखा, “जो कि मूर्तिपूजा के बराबर है।”
खुद से: यूनानी शब्द साइखी आयत 19 और 20 में तीन बार आया है। इस शब्द का मतलब संदर्भ के मुताबिक अलग-अलग होता है। (शब्दावली में “जीवन” देखें।) इस संदर्भ में इसका मतलब है, खुद वह आदमी। इसलिए यहाँ इसका अनुवाद “खुद से” किया गया है।—इसी आयत में तेरे पास पर अध्ययन नोट और लूक 12:20 का अध्ययन नोट देखें।
तेरे पास: यहाँ मूर्ख आदमी खुद से बात कर रहा है। जैसे इसी आयत में खुद से पर अध्ययन नोट में समझाया गया है, यूनानी शब्द साइखी का यहाँ मतलब है, खुद वह आदमी।—शब्दावली में “जीवन” देखें।
अरे मूर्ख: “मूर्ख” का मतलब यह नहीं कि इंसान में ज़रा भी अक्ल नहीं है। इसके बजाय बाइबल में आम तौर पर यह शब्द ऐसे इंसान के लिए इस्तेमाल हुआ है, जो समझ से काम नहीं लेता और गलत राह पर चलता है, जो परमेश्वर के स्तरों के खिलाफ होती है।
तेरी ज़िंदगी: जैसे लूक 12:19 के अध्ययन नोट में बताया गया है, यूनानी शब्द साइखी का मतलब संदर्भ के मुताबिक अलग-अलग होता है। यहाँ इसका मतलब है, एक इंसान का जीवन।—शब्दावली में “जीवन” देखें।
तेरी ज़िंदगी तुझसे छीन ली जाएगी: या “वे तेरी ज़िंदगी की माँग कर रहे हैं।” इस मिसाल में “वे” शब्द का मतलब इंसानों या स्वर्गदूतों का समूह नहीं है। “माँग कर रहे हैं” की यूनानी क्रिया के साथ अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम (“वे”) इस्तेमाल हुआ है, जिससे पता चलता है कि इस आयत में बस यह कहा गया है कि उस आदमी के साथ क्या होगा। यीशु ने यह नहीं बताया कि उस दौलतमंद आदमी की मौत कैसे होगी या कौन उसकी ज़िंदगी छीन लेगा बल्कि इतना कहा कि उस आदमी की उस रात मौत होनेवाली है। इसलिए इन शब्दों का अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है: “तेरी ज़िंदगी तुझसे माँग ली जाएगी।”
परमेश्वर की नज़र में कंगाल है: यानी वह उन मामलों में अमीर नहीं था जो परमेश्वर की नज़र में मायने रखते हैं।
अपने जीवन: यूनानी शब्द साइखी का यहाँ मतलब है, एक इंसान का जीवन।—शब्दावली में “जीवन” देखें।
चिंता करना छोड़ दो: “चिंता करना” की यूनानी क्रिया मैरिम्नाओ जिस काल में लिखी है, उससे पता चलता है कि एक व्यक्ति जो कर रहा है उसे रोकने की आज्ञा दी गयी है। इस यूनानी क्रिया का मतलब ऐसी चिंता हो सकता है, जिसकी वजह से इंसान एक बात पर ध्यान नहीं दे पाता बल्कि कई बातों के बारे में सोचता रहता है और उसकी खुशी छिन जाती है। यह यूनानी क्रिया लूक 12:11, 25, 26 में भी आयी है। यही यूनानी क्रिया पौलुस ने 1कुर 7:32-34 और फिल 4:6 में इस्तेमाल की।—मत 6:25 का अध्ययन नोट देखें।
एक इंसान का जीवन: पिछली आयत की तरह यहाँ यूनानी शब्द साइखी का मतलब है, एक इंसान का जीवन। यहाँ जब यीशु ने जीवन और शरीर का ज़िक्र किया तो उसका मतलब था, जीता-जागता इंसान।
कौवे: मसीही यूनानी शास्त्र में इस पंछी का ज़िक्र सिर्फ यहीं आया है। यीशु ने गलील में पहाड़ी उपदेश देते वक्त जब इससे मिलती-जुलती सलाह दी तो उसने किसी पंछी का नाम नहीं लिया। (मत 6:26) लूका के ब्यौरे की यह घटना उस पहाड़ी उपदेश के करीब 18 महीने बाद हुई, जब यीशु यहूदिया में प्रचार कर रहा था। यीशु ने यहाँ अपनी सलाह पर और भी ज़ोर देने के लिए कौवे का ज़िक्र किया जो कानून के मुताबिक अशुद्ध माना जाता था। (लैव 11:13, 15) ज़ाहिर है कि वह यह सिखा रहा था कि अगर परमेश्वर अशुद्ध कौवों को खिला सकता है, तो हम यकीन रख सकते हैं कि वह उन लोगों को कभी अकेला नहीं छोड़ेगा जो उस पर भरोसा रखते हैं।
एक पल: मत 6:27 का अध्ययन नोट देखें।
एक पल के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके: मत 6:27 का अध्ययन नोट देखें।
इतना तक: या “छोटा काम भी।” शा., “सबसे छोटा काम।” ज़ाहिर है कि यहाँ उस काम की बात की गयी है जो पिछली आयत में बताया गया है, यानी एक पल के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ाना। अगर इंसान अपनी उम्र ज़रा भी नहीं बढ़ा सकते, तो उन्हें दूसरी चीज़ों की भी चिंता नहीं करनी चाहिए, जैसे धन-दौलत, खाने-पीने की चीज़ें और कपड़े बटोरने की चिंता या घरों और ज़मीन-जायदाद हासिल करने की चिंता।
सोसन के फूल: या “लिली।” कुछ लोगों का मानना है कि ये ऐनीमोन फूल हैं, मगर इनमें ट्यूलिप, हायसिंथ, आइरिस, ग्लैडियोलस जैसे तरह-तरह के लिली भी हो सकते हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यीशु उस इलाके में उगनेवाले अलग-अलग जंगली फूलों की बात कर रहा था। इसलिए कई अनुवादों में इसके यूनानी शब्द के लिए “फूल” या “जंगली फूल” कहा गया है। यह बात सच हो सकती है क्योंकि दूसरी आयतों में इसके लिए ‘मैदान में उगनेवाले पौधे’ लिखा गया है।—लूक 12:28; मत 6:28-30.
हद-से-ज़्यादा चिंता मत करो: यूनानी शब्द मीटीयोराइ-ज़ोमाइ मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ यहीं आया है। प्राचीन यूनानी भाषा में इस शब्द का मतलब था, “ऊँचा उठाना; लटकाना।” यहाँ तक कि यह शब्द समुद्र में जहाज़ के यहाँ-वहाँ उछाले जाने के सिलसिले में भी इस्तेमाल हुआ है। लेकिन इस संदर्भ में इस शब्द का लाक्षणिक मतलब है, चिंता करना या मन बेचैन होना। यह ऐसा है मानो शक और चिंता से मन डाँवाँडोल हो रहा हो।
दान: मत 6:2 का अध्ययन नोट देखें।
कमर कसकर तैयार रहो: शा., “कमर को लपेटना।” एक यूनानी मुहावरा जो आम तौर पर ऐसे हालात में इस्तेमाल होता है जब लोग कोई मेहनत का काम करने, दौड़ने या कुछ और करने के लिए अपने लंबे कपड़े के छोर को उठाकर कमरबंध से कस लेते थे। इसका मतलब है, काम के लिए हमेशा तैयार रहना। इसी से मिलते-जुलते शब्द इब्रानी शास्त्र में कई बार आए हैं। (उदाहरण के लिए: निर्ग 12:11, फु.; 1रा 18:46; 2रा 3:21, फु.; 4:29; नीत 31:17; यिर्म 1:17, फु.) इस संदर्भ में क्रिया का जो रूप इस्तेमाल हुआ है, उससे पता चलता है कि परमेश्वर के सेवकों को उपासना से जुड़े कामों के लिए हमेशा तैयार रहना है। लूक 12:37 में इसी यूनानी क्रिया का अनुवाद “सेवा करने के लिए अपनी कमर कसेगा” किया गया है। पहला पत 1:13 में “कड़ी मेहनत करने के लिए अपने दिमाग की सारी शक्ति बटोर लो” शब्दों का शाब्दिक मतलब है, “अपने दिमाग की कमर कस लो।”
वह खुद उनकी सेवा करने के लिए अपनी कमर कसेगा: लूक 12:35; 17:8 के अध्ययन नोट देखें।
दूसरे पहर: यानी रात करीब 9 बजे से आधी रात तक। यूनानियों और रोमियों के मुताबिक, रात को चार पहरों में बाँटा जाता था। पहले इब्री लोग रात को तीन पहरों में बाँटते थे और हर पहर करीब चार घंटे का होता था। (निर्ग 14:24; न्या 7:19) लेकिन पहली सदी तक इस मामले में उन्होंने रोमी तरीका अपना लिया था।—मत 14:25; मर 13:35 के अध्ययन नोट देखें।
तीसरे पहर: यानी आधी रात से सुबह करीब 3 बजे तक।—मर 13:35 का अध्ययन नोट देखें।
बुद्धिमान: या “सूझ-बूझ से काम लेनेवाला।” यहाँ इस्तेमाल हुए यूनानी विशेषण फ्रोनिमोस में यह सब शामिल है: अंदरूनी समझ, पहले से सोचना, समझदारी, होशियारी और समझ-बूझ से काम लेना। इसी यूनानी शब्द का एक रूप लूक 16:8 में इस्तेमाल हुआ है जहाँ इसका अनुवाद ‘व्यवहार करने में ज़्यादा होशियार हैं’ किया गया है। यही यूनानी शब्द मत 7:24; 25:2, 4, 8, 9 में आया है। सेप्टुआजेंट में यह शब्द उत 41:33, 39 में यूसुफ के सिलसिले में इस्तेमाल हुआ है।
प्रबंधक: या “घर के कामों की देखरेख करनेवाला।” यूनानी शब्द ओइकोनॉमोस एक ऐसे सेवक के लिए इस्तेमाल होता था, जिसे दूसरे सेवकों की निगरानी करने की ज़िम्मेदारी दी जाती थी। प्राचीन समय में अकसर एक विश्वासयोग्य दास को मालिक के घर के कामों की देखरेख का ज़िम्मा दिया जाता था। इससे पता चलता है कि यह ओहदा बहुत भरोसेमंद व्यक्ति को ही दिया जाता था। उदाहरण के लिए, अब्राहम ने अपने एक सेवक को प्रबंधक ठहराया था, “जो उसके घराने के सब कामों की देखरेख करता था।” (उत 24:2) यूसुफ भी एक प्रबंधक था, जैसे उत 39:4 में बताया गया है। हालाँकि यीशु ने अपनी मिसाल में एक “प्रबंधक” की बात की, लेकिन ज़रूरी नहीं कि यह सिर्फ एक व्यक्ति को दर्शाता है। बाइबल में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ बात तो एक व्यक्ति के बारे में की गयी है, लेकिन असल में वह एक समूह को दर्शाता है। जैसे यहोवा ने इसराएल राष्ट्र से कहा, “तुम मेरे साक्षी [बहुवचन] हो, हाँ, मेरा वह सेवक [एकवचन], जिसे मैंने चुना है।” (यश 43:10) उसी तरह यीशु की मिसाल में बताया प्रबंधक एक समूह को दर्शाता है। मत 24:45 में दर्ज़ इसी मिसाल में प्रबंधक को “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” कहा गया है।
अपने घर के सेवकों के दल: या “अपने घर के दासों।” इनका यूनानी शब्द थेरापिआया है। इस शब्द का और मत 24:45 में इस्तेमाल हुए शब्द “घर के कर्मचारियों” (यूनानी में ओइकेटिआया) का आम तौर पर एक ही मतलब है और वह है, मालिक के घर में काम करनेवाले सभी लोग। लूका ने जो शब्द इस्तेमाल किया, वह प्राचीन यूनानी भाषा में इस्तेमाल होनेवाला आम शब्द था। इससे शायद पता चले कि लूका काफी पढ़ा-लिखा और जानकार व्यक्ति था।
वह दास: आयत 42 में जो प्रबंधक है उसे यहाँ “दास” कहा गया है। (लूक 12:42 का अध्ययन नोट देखें।) अगर “वह दास” विश्वासयोग्य रहेगा तो उसे इनाम दिया जाएगा। (लूक 12:44) मत 24:45-47 में दी इससे मिलती-जुलती मिसाल में इस प्रबंधक को “विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास” कहा गया है।—लूक 12:45 का अध्ययन नोट देखें।
वह दास: यानी लूक 12:42 में बताया प्रबंधक। अगर “वह दास” वफादार रहेगा तो उसे इनाम दिया जाएगा। (लूक 12:43, 44) लेकिन अगर वह वफादार नहीं रहेगा, तो “उसे कड़ी-से-कड़ी सज़ा” दी जाएगी। (लूक 12:46) यीशु यहाँ असल में विश्वासयोग्य प्रबंधक को खबरदार कर रहा था। उसी तरह मत 24:45-51 में दी इससे मिलती-जुलती मिसाल में यीशु ने एक चेतावनी दी। जब उसने कहा, “अगर कभी वह दुष्ट दास अपने दिल में कहने लगे,” तो वह यह भविष्यवाणी नहीं कर रहा था कि एक “दुष्ट दास” होगा और न ही वह “दुष्ट दास” को ठहरा रहा था। इसके बजाय, वह विश्वासयोग्य दास को खबरदार कर रहा था कि अगर वह दुष्ट दास बन गया तो उसके साथ क्या होगा।
उसे कड़ी-से-कड़ी सज़ा देगा: मत 24:51 का अध्ययन नोट देखें।
आग लगाने: जब यीशु आया, तब एक मायने में यहूदियों के समाज में आग लग गयी। यीशु ने उन मसलों पर बात की, जिनसे लोगों में गरमा-गरम बहस छिड़ गयी। इसका नतीजा यह हुआ कि बहुत-सी झूठी शिक्षाएँ और परंपराएँ भस्म हो गयीं। उदाहरण के लिए, यहूदियों को उम्मीद थी कि जब मसीहा धरती पर आएगा, तो वह इसराएल राष्ट्र को रोमी हुकूमत से आज़ाद कराएगा। लेकिन ऐसा करने के बजाय यीशु एक शर्मनाक मौत मरा। यीशु ने जोश से परमेश्वर के राज के बारे में प्रचार करके उस पर ज़ोर दिया। इससे पूरे राष्ट्र में तहलका मच गया, मानो आग लग गयी।—1कुर 1:23.
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
हिन्नोम घाटी (1) को मसीही यूनानी शास्त्र में गेहन्ना कहा गया है। यहाँ वह पहाड़ भी दिखाया गया है (2) जहाँ पहली सदी में यहूदियों का मंदिर था। मगर आज वहाँ एक जानी-मानी इमारत है, मुसलमानों का मकबरा जिसे ‘डोम ऑफ द रॉक’ कहा जाता है।—अतिरिक्त लेख ख-12 में नक्शा देखें।
बाइबल में जिस पक्षी का ज़िक्र सबसे पहले आया है, वह है कौवा। (उत 8:7) यह काफी देर तक उड़ान भर सकता है और माना जाता है कि बाकी पक्षियों की तुलना में होशियार है और मुश्किल-से-मुश्किल हालात में भी ज़िंदा रह सकता है। यहोवा जब अय्यूब को सृष्टि में पायी जानेवाली बुद्धि के बारे में सिखा रहा था, तो उसने कहा कि वह ‘कौवे को खिलाता है।’ (अय 38:41) भजन के लेखक ने कहा कि कौवा जब अपने भूखे बच्चों को खिलाता है, तो दरअसल यहोवा उनके खाने का इंतज़ाम करता है। (भज 147:9) यीशु ने भी कौवों के बारे में इससे मिलती-जुलती बात कही और अपने चेलों को भरोसा दिलाया कि जब यहोवा ऐसे पक्षियों का पेट भर सकता है तो अपने सेवकों की ज़रूरतें भी पूरी कर सकता है। कानून के करार के मुताबिक कौवा अशुद्ध पक्षी था और इसे खाना मना था। (लैव 11:13, 15) तो अगर परमेश्वर अशुद्ध कौवों को खिला सकता है, तो हम यकीन रख सकते हैं कि वह ऐसे लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा जो उस पर भरोसा रखते हैं।
यीशु ने अपने चेलों को बढ़ावा दिया कि वे ‘ध्यान दें कि सोसन के फूल कैसे उगते हैं’ और उनसे ‘सबक सीखें।’ बाइबल के अनुवादों में जिस मूल शब्द को अकसर “सोसन के फूल” (लिली) कहा गया है, उसका मतलब कई तरह के फूल हो सकता है। जैसे ट्यूलिप, ऐनीमोन, हायसिंथ, आइरिस और ग्लैडियोलस। कुछ विद्वानों का मानना है कि यीशु ऐनीमोन फूलों की बात कर रहा था। लेकिन हो सकता है कि यीशु सोसन (लिली) के जैसे दिखनेवाले फूलों की बात कर रहा हो। यहाँ तसवीर में लाल ऐनीमोन फूल (ऐनीमोन कौरोनारिया ) दिखाए गए हैं। ये फूल इसराएल में बहुत आम हैं और नीले, गुलाबी, बैंजनी और सफेद रंगों में भी पाए जाते हैं।