लूका के मुताबिक खुशखबरी 15:1-32
अध्ययन नोट
दस: जैसे इसी आयत में चाँदी के सिक्के पर अध्ययन नोट में बताया गया है, एक द्राख्मा करीब एक दिन की मज़दूरी होती थी। लेकिन यह द्राख्मा उस औरत के लिए शायद खास मायने रखता था। यह सिक्का उन दस सिक्कों में से एक रहा होगा जो उसे विरासत में मिले थे या जिनसे माला बनी हुई थी। यह सिक्का ढूँढ़ने के लिए दीया जलाना ज़रूरी था, क्योंकि उसके घर में अगर खिड़की रही भी होगी तो छोटी रही होगी। उन दिनों घरों में कच्ची मिट्टी के फर्श होते थे, इसलिए उस औरत को खोया हुआ सिक्का ढूँढ़ने के लिए झाड़ू लगानी पड़ी।
चाँदी के सिक्के: शा., “द्राख्मा” यानी चाँदी का यूनानी सिक्का। यीशु की सेवा के दौरान द्राख्मा का वज़न शायद 3.4 ग्रा. था। उस समय यूनानियों के मुताबिक एक द्राख्मा की कीमत एक दीनार के बराबर थी। लेकिन रोम के सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, द्राख्मा की कीमत एक दीनार की तीन-चौथाई थी। यहूदी हर साल मंदिर में कर के तौर पर दो-द्राख्मा देते थे।—मत 17:24 का अध्ययन नोट; शब्दावली में “द्राख्मा” और अति. ख14 देखें।
सिक्का: लूक 15:8 का अध्ययन नोट; शब्दावली में “द्राख्मा” और अति. ख14 देखें।
एक आदमी के दो बेटे थे: उड़ाऊ बेटे की मिसाल की कई बातें अनोखी हैं। (उड़ाऊ बेटे को “खोया हुआ बेटा” भी कहा जाता है।) यह यीशु की बतायी सबसे लंबी मिसाल है। इसकी एक खासियत यह है कि इसमें पारिवारिक रिश्तों के बारे में बताया गया है। दूसरी मिसालों में यीशु ने अकसर बेजान चीज़ों के बारे में बताया, जैसे अलग-अलग बीजों या मिट्टी के बारे में। उसने दास और मालिक की भी मिसाल दी, मगर उनके बीच का रिश्ता बस औपचारिक होता था। (मत 13:18-30; 25:14-30; लूक 19:12-27) लेकिन इस मिसाल में यीशु ने पिता और बेटों के बीच के करीबी रिश्ते के बारे में बताया। हममें से ज़्यादातर लोगों का पिता शायद ही इतना प्यार करनेवाला हो। इस मिसाल से पता चलता है कि स्वर्ग में रहनेवाले पिता के दिल में धरती पर अपने बच्चों के लिए कितना गहरा प्यार और करुणा है। वह उन लोगों से प्यार करता है जो हमेशा उसके करीब रहते हैं और उनसे भी जो भटकने के बाद लौट आते हैं।
छोटे ने: मूसा के कानून के मुताबिक पहलौठे बेटे को विरासत का दुगना हिस्सा मिलता था। (व्य 21:17) इसलिए इस मिसाल में बताया बड़ा बेटा अगर पहलौठा था, तो इसका मतलब है कि बड़े को जितना हिस्सा मिलता, छोटे को उसका आधा ही मिलता।
ऐयाशी: या “फिज़ूलखर्च (लापरवाह या बेलगाम ज़िंदगी जीना)।” इसका संबंधित यूनानी शब्द इफ 5:18; तीत 1:6; 1पत 4:4 में इस्तेमाल हुआ है, जिसका मतलब भी यही है। “ऐयाशी” के यूनानी शब्द के मतलब में फिज़ूलखर्ची होना भी शामिल है, इसलिए बाइबल के कुछ अनुवादों में “उड़ाऊपन में” लिखा है।
उड़ा दी: इनके यूनानी शब्द का शाब्दिक मतलब है, “(अलग-अलग दिशा में) तितर-बितर कर देना।” (लूक 1:51; प्रेष 5:37) मत 25:24, 26 में इसका अनुवाद “अनाज . . . फटकाता” किया गया है। लेकिन यहाँ इसका मतलब है, फिज़ूल खर्च करना या संपत्ति लुटाना।
सूअर चराने: कानून के मुताबिक यह जानवर अशुद्ध था। इसलिए यहूदियों में यह काम बहुत ही नीचा या गिरा हुआ माना जाता था।—लैव 11:7, 8.
फलियों: इन फलियों के छिलके चमकीले, बैंजनी-भूरे रंग के होते हैं और चमड़े की तरह दिखते हैं। ये फलियाँ मुड़े हुए सींग जैसी होती हैं। यह बात इनके यूनानी नाम (कीराटियोन) के शाब्दिक मतलब (“छोटा सींग”) से मेल खाती है। ये फलियाँ आज भी घोड़ों, गाय-बैलों और सूअरों को खाने के लिए दी जाती हैं। यह जवान आदमी सूअरों तक का खाना खाने के लिए तैयार था। इससे पता चलता है कि उसकी हालत कितनी बुरी हो गयी थी।—लूक 15:15 का अध्ययन नोट देखें।
तेरे खिलाफ: या “तेरी नज़र में।” यूनानी संबंधसूचक अव्यय इनोपियन का शाब्दिक मतलब है, “के सामने; की नज़र में।” यह शब्द सेप्टुआजेंट में यही मतलब देने के लिए 1शम 20:1 में इस्तेमाल हुआ है। इस आयत में दाविद ने योनातान से पूछा, “मैं ने तेरे पिता की दृष्टि में ऐसा कौन सा अपराध किया है?” (हिंदी—ओ.वी.)
मज़दूर: जब छोटे बेटे ने घर लौटने का फैसला किया, तो उसने सोचा कि वह अपने पिता से कहेगा कि वह उसे बेटा कबूल न करके एक मज़दूर की तरह रख ले। मज़दूरों और दासों में फर्क था। दास मालिक की जागीर होते थे और वे घर में ही रहते थे, जबकि मज़दूर बाहरवाले होते थे और उन्हें अकसर सिर्फ एक दिन के लिए काम पर रखा जाता था।—मत 20:1, 2, 8.
बहुत प्यार से उसे चूमने लगा: जिस यूनानी क्रिया का अनुवाद “बहुत प्यार से . . . चूमने लगा” किया गया है, उसे क्रिया फिलियो का और भी ज़बरदस्त रूप समझा गया है। इस क्रिया का अनुवाद कभी-कभी “चूमना” किया गया है (मत 26:48; मर 14:44; लूक 22:47), लेकिन अकसर इसका अनुवाद “से लगाव होना (रखना)” या “बहुत प्यार करना” किया गया है (यूह 5:20; 11:3; 16:27)। मिसाल में बताया पिता जिस तरह अपने छोटे बेटे से प्यार से मिला, वह दिखाता है कि पिता बेटे को वापस अपनाने के लिए तैयार था जिसे बहुत पछतावा था।
तेरा बेटा कहलाऊँ: कुछ हस्तलिपियों में यह वाक्य भी जोड़ा गया है: “मुझे अपने यहाँ मज़दूर की तरह रख ले।” मगर यहाँ यह वाक्य नहीं है और इसका आधार शुरू की कई अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है। कुछ विद्वानों का मानना है कि यह वाक्य इसलिए जोड़ा गया ताकि यह आयत, लूक 15:19 से मेल खाए।
चोगा . . . अँगूठी . . . जूतियाँ: यह चोगा कोई मामूली चोगा नहीं था बल्कि सबसे बढ़िया था। शायद उस पर बेहतरीन कढ़ाई की गयी थी। ऐसा चोगा आम तौर पर खास मेहमान को दिया जाता था। अँगूठी पहनाना न सिर्फ पिता के प्यार और मंज़ूरी को दिखाता है बल्कि यह भी कि वह बेटे को वही मान-सम्मान और दर्जा देना चाहता है जो पहले था। आम तौर पर दास अँगूठी और जूतियाँ नहीं पहनते थे। इसलिए अपने बेटे को अँगूठी और जूतियाँ पहनाकर पिता ने साफ ज़ाहिर किया कि उसने अपने बेटे को वापस परिवार का हिस्सा बना लिया है।
उड़ा दी है: शा., “खा गया।” इनका यूनानी शब्द यहाँ इसलिए इस्तेमाल हुआ है ताकि यह खुलकर समझ में आए कि छोटे बेटे ने कैसे अपने पिता की जायदाद, यानी उसकी मेहनत की कमाई बरबाद कर दी।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
आम तौर पर एक चरवाहे की ज़िंदगी मुश्किलों-भरी होती थी। भेड़ों की देखभाल की खातिर उसे चिलचिलाती धूप और कड़ाके की ठंड सहनी पड़ती थी। कई बार तो उसे सारी रात जागना पड़ता था। (उत 31:40; लूक 2:8) उसे शेर, भेड़िए और भालू जैसे जंगली जानवरों से, साथ ही चोरों से भेड़ों की हिफाज़त करनी पड़ती थी। (उत 31:39; 1शम 17:34-36; यश 31:4; आम 3:12; यूह 10:10-12) चरवाहे के काम में यह सब भी शामिल था: ध्यान रखना कि भेड़ें तितर-बितर न हो जाएँ (1रा 22:17), खोयी हुई भेड़ों को ढूँढ़ना (लूक 15:4), कमज़ोर या थके हुए मेम्नों को गोद में (यश 40:11) या कंधों पर उठाना और बीमार और घायल भेड़ों की देखभाल करना (यहे 34:3, 4; जक 11:16)। बाइबल में अकसर लाक्षणिक तौर पर चरवाहों और उनके काम की बात की गयी है। उदाहरण के लिए, यहोवा को ऐसा चरवाहा बताया गया है जो प्यार से अपनी भेड़ों यानी अपने लोगों की देखभाल करता है। (भज 23:1-6; 80:1; यिर्म 31:10; यहे 34:11-16; 1पत 2:25) यीशु को ‘महान चरवाहा’ (इब्र 13:20) और “प्रधान चरवाहा” कहा गया है, जिसके निर्देशन में मसीही मंडली के प्राचीन खुशी-खुशी, बिना किसी स्वार्थ के और तत्परता से परमेश्वर के झुंड की देखभाल करते हैं।—1 पत 5:2-4.
ये फलियाँ सेराटोनिया सिलिक्वा नाम के पेड़ पर लगती हैं। यह आकर्षक, सदाबहार पेड़ पूरे इसराएल और भूमध्य इलाके में पाया जाता है। इसकी लंबाई 30 फुट (9 मी.) तक होती है। फलियों की लंबाई 6 से 10 इंच (15 से 25 सें.मी.) और चौड़ाई 1 इंच (2.5 सें.मी.) होती है। जब ये फलियाँ पक जाती हैं तो इनके छिलकों का हरा रंग बदलकर बैंजनी-भूरा हो जाता है और ये चमकदार चमड़े की तरह दिखती हैं। इनके दाने मटर के जैसे दिखते हैं और उनके बीच मीठा, चिपचिपा और गाढ़ा पदार्थ होता है जिसे खाया जा सकता है। ये फलियाँ आज भी घोड़ों, गाय-बैलों और सूअरों को खाने के लिए दी जाती हैं।