लूका के मुताबिक खुशखबरी 17:1-37
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
विश्वास की राह में बाधाएँ: या “ठोकर खिलाने की वजह।” माना जाता है कि शुरू में इनके यूनानी शब्द स्कानडेलॉन का मतलब था, एक फंदा। कुछ लोगों का मानना है कि इस फंदे में एक छड़ी लगी होती थी जिसमें चारा लगाया जाता था। इसलिए यह शब्द ऐसी बाधा के लिए इस्तेमाल होने लगा जिससे कोई ठोकर खाकर गिर सकता था। लाक्षणिक तौर पर इसका मतलब है, ऐसा कोई काम या ऐसे हालात जिनमें फँसकर एक इंसान गलत रास्ता अपना सकता है, या नैतिक तौर पर ठोकर खा सकता है, या पाप कर सकता है। इसी शब्द से जुड़ी यूनानी क्रिया स्कानडेलाइज़ो का अनुवाद लूक 17:2 में “ठोकर खिलाए” किया गया है। इस क्रिया का अनुवाद यह भी किया जा सकता है: “फंदा बने; पाप में पड़ने की वजह बने।”
दिन में सात बार: इन शब्दों से पतरस को यीशु की वह बात याद आयी होगी जो उसने पहले कही थी। उस मौके पर पतरस ने यीशु से पूछा था कि एक व्यक्ति को अपने भाई को कितनी बार माफ करना चाहिए। यीशु ने जवाब दिया, “77 बार।” (मत 18:22 का अध्ययन नोट देखें।) यीशु ने पहले और इस आयत में जो बात कही, उसे शब्द-ब-शब्द नहीं लिया जाना चाहिए। यहाँ “सात बार” का मतलब है, अनगिनत बार। (भज 119:164 से तुलना करें, जहाँ “दिन में सात बार” शब्दों का मतलब है, बार-बार, लगातार, हमेशा।) हो सकता है कि एक मसीही अपने भाई के खिलाफ एक ही दिन में सात बार पाप करे। हर बार जब उसे डाँटा जाता है और वह पश्चाताप करता है, तो उसे माफ किया जाना चाहिए। जितनी बार वह पश्चाताप करता है उतनी बार उसे माफ किया जाना चाहिए, इसकी कोई सीमा नहीं होनी चाहिए।—लूक 17:3.
राई के दाने के बराबर: लूक 13:19 का अध्ययन नोट देखें।
शहतूत के इस पेड़: या “काले शहतूत के इस पेड़।” इस पेड़ का ज़िक्र बाइबल में सिर्फ एक बार आया है। इसका यूनानी शब्द आम तौर पर शहतूत के पेड़ के लिए इस्तेमाल होता था। इसराएल में काले शहतूत के पेड़ (मोरस निग्रा) उगाना आम है। यह एक मज़बूत पेड़ होता है जो करीब 20 फुट (6 मी.) तक बढ़ता है। इसके पत्ते बड़े और दिल के आकार के होते हैं। इसके फल गहरे लाल या काले रंग के होते हैं और ब्लैकबेरी जैसे दिखते हैं। इस पेड़ की जड़ें ज़मीन में दूर-दूर तक फैली होती हैं, इसलिए इसे उखाड़ने में बहुत मेहनत लगती है।
कमर में अंगोछा बाँधकर: इनके यूनानी शब्द पैरिज़ोन-नाइमाइ का शाब्दिक मतलब है, “कस लो” यानी अंगोछा बाँधकर या कमरबंद से कपड़े कसकर सेवा करने के लिए तैयार होना। इस संदर्भ में इस यूनानी शब्द का अनुवाद ऐसे भी किया जा सकता है: “कपड़े पहनकर सेवा के लिए तैयार हो जा।” यही यूनानी शब्द लूक 12:35, 37 और इफ 6:14 में भी आया है।—लूक 12:35, 37 के अध्ययन नोट देखें।
निकम्मे: शा., “बेकार; नाकारा।” यीशु यह नहीं कह रहा था कि दासों यानी उसके चेलों को अपने आपको बेकार या नाकारा समझना चाहिए। इसके बजाय, संदर्भ दिखाता है कि शब्द “निकम्मे” से यह समझ मिलती है कि चेलों को मर्यादा में रहना चाहिए, उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि वे खास सम्मान या तारीफ के लायक हैं। कुछ विद्वानों का मानना है कि यह शब्द अतिशयोक्ति अलंकार के तौर पर इस्तेमाल हुआ है और इसका मतलब है, “हम बस दास हैं, हम इस लायक नहीं कि हम पर खास ध्यान दिया जाए।”
यरूशलेम जाते वक्त सामरिया और गलील के बीच से होते हुए: यीशु को यरूशलेम जाना था, लेकिन पहले वह एप्रैम शहर से उत्तर की तरफ गया। वह सामरिया और गलील (शायद इसके दक्षिणी भाग) से होते हुए पेरिया गया। इसी सफर के दौरान जब वह सामरिया या गलील के किसी गाँव में घुस रहा था, तब उसे दस कोढ़ी मिले। (लूक 17:12) अपनी मौत से पहले यह आखिरी बार था जब यीशु गलील गया।—यूह 11:54; अति. क7 देखें।
दस कोढ़ियों: ज़ाहिर है कि बाइबल के ज़माने में कोढ़ी लोग एक-साथ इकट्ठा होते थे या साथ रहते थे। इस तरह वे एक-दूसरे की मदद कर पाते थे। (2रा 7:3-5) परमेश्वर के कानून में यह नियम था कि कोढ़ी लोग बस्ती से दूर अलग रहें। इसके अलावा, उन्हें लोगों को खबरदार करने के लिए ज़ोर-ज़ोर से कहना होता था, “मैं अशुद्ध हूँ, अशुद्ध!” (लैव 13:45, 46) इसी नियम को ध्यान में रखते हुए दस कोढ़ी यीशु से दूर खड़े रहे।—मत्ती 8:2 का अध्ययन नोट और शब्दावली में “कोढ़; कोढ़ी” देखें।
खुद को याजकों को दिखाओ: यीशु मसीह जब धरती पर था तो वह मूसा के कानून के अधीन था और जानता था कि हारून के वंशजों को याजक ठहराया गया है। इसलिए वह जिन कोढ़ियों को ठीक करता था, उनसे कहता था कि वे जाकर याजक को दिखाएँ। (मत 8:4; मर 1:44) कानून के मुताबिक, एक याजक को कोढ़ी की जाँच करके बताना होता था कि वह ठीक हो गया है। इसके लिए ठीक हुए कोढ़ी को मंदिर जाना होता था और अपने साथ भेंट ले जानी होती थी जिसमें दो शुद्ध चिड़ियाँ, देवदार की लकड़ी, सुर्ख लाल कपड़ा और मरुआ शामिल था।—लैव 14:2-32.
वे शुद्ध हो गए: यीशु ने दस कोढ़ियों को ठीक किया, इस बारे में सिर्फ लूका ने बताया।
ऐसे अनोखे तरीके से . . . कि उसे साफ-साफ देखा जा सके: इनका यूनानी शब्द मसीही यूनानी शास्त्र में सिर्फ यहाँ आया है। यह शब्द एक क्रिया से निकला है जिसका मतलब है, “करीब से देखना; गौर करना।” कुछ विद्वानों के मुताबिक, चिकित्सा-क्षेत्र के लेखक जब किसी बीमारी के लक्षणों पर नज़र रखने के बारे में लिखते थे तो वे यही यूनानी शब्द इस्तेमाल करते थे। यह शब्द इस आयत में जिस तरह इस्तेमाल हुआ है, उससे पता चलता है कि परमेश्वर का राज ऐसे नहीं आ रहा है कि सबको साफ दिखायी दे।
तुम्हारे ही बीच है: मूल यूनानी पाठ में सर्वनाम “तुम्हारे” बहुवचन में है और ज़ाहिर है कि यह फरीसियों के लिए इस्तेमाल हुआ है, जिनसे यीशु बात कर रहा था। (लूक 17:20; कृपया मत 23:13 से तुलना करें।) यीशु परमेश्वर का शाही प्रतिनिधि था, यानी राजा बनने के लिए उसका अभिषेक परमेश्वर ने किया था। इसलिए यह कहा जा सकता था कि “राज” उनके बीच है। यीशु न सिर्फ अभिषिक्त राजा के नाते उनके बीच मौजूद था बल्कि उसके पास ऐसे काम करने का अधिकार भी था, जो काम वह राज-अधिकार पाने के बाद बड़े पैमाने पर करेगा। साथ ही, उसे उन लोगों को तैयार करने का अधिकार भी मिला था, जो उसके साथ राज करेंगे।—लूक 22:29-30.
जैसे बिजली . . . चमकती हुई: राजा के तौर पर यीशु की मौजूदगी इस मायने में बिजली की तरह होती कि इसके सबूत उन सबको साफ दिखायी देते जो इसे देखने के लिए चौकस रहते।
वैसे ही इंसान का बेटा अपने दिन में होगा: या शायद, “वैसे ही इंसान का बेटा होगा।” कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में यही शब्द दर्ज़ हैं, जबकि दूसरी प्राचीन हस्तलिपियों में वह लिखा है जो नयी दुनिया अनुवाद में है। बाइबल के बहुत-से अनुवादों में भी कुछ इसी तरह लिखा है: “वैसे ही इंसान का बेटा अपने दिन में होगा।”
नूह के दिनों: बाइबल में शब्द “के दिनों” कभी-कभी उस दौर को बताने के लिए इस्तेमाल हुए हैं, जब कोई व्यक्ति जीया था। (यश 1:1; यिर्म 1:2, 3; लूक 17:28) यहाँ “नूह के दिनों” की तुलना इंसान के बेटे के दिनों से की गयी है। इसी से मिलती-जुलती बात मत 24:37 में दर्ज़ है, जहाँ “इंसान के बेटे की मौजूदगी” लिखा है। यीशु ने जब नूह के दिनों की बात की, तो उसका मतलब सिर्फ जलप्रलय नहीं था जो उस दौर के आखिर में आया था। हाँ, उसने यह ज़रूर ज़ाहिर किया कि उसके “दिनों” या “मौजूदगी” का अंत भी कुछ इसी तरह होगा। “नूह के दिनों” का मतलब था, ऐसा दौर जो कई सालों तक चला। इसलिए यह कहना सही होगा कि ‘इंसान के बेटे के दिन [या “की मौजूदगी”]’ भी कई सालों का दौर है, जिसके आखिर में उन सभी का नाश होगा जो उद्धार पाने के लिए मेहनत नहीं करते।—मत 24:3 का अध्ययन नोट देखें।
जहाज़: मत 24:38 का अध्ययन नोट देखें।
जलप्रलय: या “बाढ़; प्रलय।” यूनानी शब्द कैटाक्लिसमॉस का मतलब है, ऐसी भयंकर बाढ़ जिससे सबकुछ तबाह हो जाता है। बाइबल में यह शब्द नूह के दिनों में आए जलप्रलय के लिए इस्तेमाल हुआ है।—उत्प 6:17, सेप्टुआजेंट; मत 24:38, 39; 2पत 2:5.
घर की छत पर: इसराएलियों के घरों की छतें सपाट होती थीं और उन पर कई काम होते थे। जैसे, छत पर चीज़ें रखी जाती थीं (यह 2:6), लोग आराम करते थे (2शम 11:2), सोते थे (1शम 9:26) और त्योहार मनाते थे (नहे 8:16-18)। इसलिए कानून के मुताबिक छत पर मुँडेर बनाना ज़रूरी था। (व्य 22:8) आम तौर पर छत पर जाने के लिए घर के बाहर से जीना बनाया जाता था या सीढ़ी लगायी जाती थी और लोग घर के अंदर आए बिना ही छत से उतरकर बाहर जा सकते थे। इसलिए इस आयत से पता चलता है कि एक व्यक्ति कैसे यीशु की चेतावनी मान सकता था और उसका ऐसा करना कितनी ज़रूरी था।
जान: शब्दावली में “जीवन” देखें।
साथ ले लिया जाएगा: इनका यूनानी शब्द अलग-अलग संदर्भों में अलग-अलग मतलब देने के लिए इस्तेमाल हुआ है और अकसर सकारात्मक रूप में। इसके कुछ उदाहरण हैं: मत 1:20, फु. (“अपने घर लाने”); मत 17:1 (“अपने साथ लिया”) और यूह 14:3 (“अपने घर ले जाऊँगा”)। ज़ाहिर है कि इस संदर्भ में इस यूनानी शब्द का मतलब है, “प्रभु” के साथ अच्छा रिश्ता होना और बचाया जाना। (लूक 17:37) इसकी तुलना जलप्रलय के समय नूह को जहाज़ में ले जाने और लूत को हाथ पकड़कर सदोम से बाहर ले जाने से भी की जा सकती है। (लूक 17:26-29) तो फिर छोड़ दिया जाएगा, इन शब्दों का मतलब है: नाश के लायक ठहराया जाना।
कुछ प्राचीन हस्तलिपियों में यहाँ यह लिखा है: “दो आदमी खेत में होंगे, एक को साथ ले लिया जाएगा और दूसरे को छोड़ दिया जाएगा।” लेकिन यह वाक्य सबसे पुरानी और भरोसेमंद हस्तलिपियों में नहीं पाया जाता। इससे ज़ाहिर है कि यह लूका के मूल पाठ का हिस्सा नहीं है। लेकिन इससे मिलता-जुलता वाक्य मत 24:40 में दर्ज़ है जो परमेश्वर की प्रेरणा से लिखे शास्त्र का हिस्सा है। कुछ विद्वानों का मानना है कि किसी नकल-नवीस ने मत्ती का यह वाक्य लूका की इस आयत में लिख दिया।—अति. क3 देखें।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
यहाँ तसवीर में दिखायी बड़ी चक्की को गधे जैसे पालतू जानवर के ज़रिए घुमाया जाता था। यह चक्की अनाज पीसने या जैतून का तेल निकालने के काम आती थी। इसके ऊपरी पाट का व्यास करीब 5 फुट (1.5 मी.) होता था और निचला पाट उससे भी बड़ा होता था।
इस पेड़ (मोरस निग्रा ) का ज़िक्र बाइबल में सिर्फ एक बार आया है और वह भी तब, जब यीशु प्रेषितों से उनके विश्वास के बारे में बात कर रहा था। (लूक 17:5, 6) इस पेड़ के लिए जो यूनानी शब्द इस्तेमाल हुआ है, वह आम तौर पर शहतूत के पेड़ के लिए इस्तेमाल होता था। इसराएल में काले शहतूत के पेड़ उगाना आम है। यह एक मज़बूत पेड़ होता है जो करीब 20 फुट (6 मी.) तक बढ़ता है। इसके पत्ते बड़े और दिल के आकार के होते हैं। इसके फल गहरे लाल या काले रंग के होते हैं और ब्लैकबेरी जैसे दिखते हैं।