लूका के मुताबिक खुशखबरी 24:1-53
कई फुटनोट
अध्ययन नोट
हफ्ते के पहले दिन: मत 28:1 का अध्ययन नोट देखें।
कब्र: मत 27:60 का अध्ययन नोट देखें।
प्रभु यीशु की: कुछ हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं पाए जाते मगर यहाँ जो लिखा है, उसका ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
वह यहाँ नहीं है बल्कि उसे ज़िंदा कर दिया गया है: कुछ हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं लिखे गए हैं, लेकिन यहाँ जो लिखा है उसका ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
काठ पर लटकाकर मार डाला जाए: या “खंभे पर लटकाए जाने के लिए।”—मत 20:19 का अध्ययन नोट और शब्दावली में “काठ”; “यातना का काठ” देखें।
कब्र से: कुछ हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं लिखे गए हैं, लेकिन यहाँ जो लिखा है उसका ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
. . . ताज्जुब करता हुआ चला गया: कुछ हस्तलिपियों में यह आयत नहीं लिखी गयी है, लेकिन इसे लिखे जाने का ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
करीब 11 किलोमीटर: या करीब सात मील। शा., “60 स्तादिया।” एक स्तादियौन 185 मी. (606.95 फुट) के बराबर था।—शब्दावली में “मील” और अति. ख14 देखें।
मतलब खोल-खोलकर समझाया: यूनानी शब्द दिएरमेनूओ को इस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है, “एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करना।” (प्रेष 9:36; 1कुर 12:30) लेकिन यह शब्द इस तरह भी इस्तेमाल हुआ है, “मतलब साफ-साफ समझाना; खुलकर समझाना।” यहाँ इसका मतलब है भविष्यवाणियों को समझाना।
और उनसे कहा, “तुम्हें शांति मिले”: कुछ हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं लिखे गए हैं, लेकिन यहाँ लिखे जाने का ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
कोई स्वर्गदूत है: हालाँकि यूनानी शब्द नफ्मा का मतलब स्वर्गदूत हो सकता है, लेकिन मुमकिन है कि चेलों का मतलब था कि वे एक दर्शन देख रहे हैं या कोई वहम है। यीशु ने अपने हाथ-पैर दिखाकर चेलों से कहा, “मुझे छूओ और देखो क्योंकि स्वर्गदूत का हाड़-माँस नहीं होता, जैसा कि तुम मेरा देख रहे हो।” (लूक 24:39) उसने ऐसा इसलिए कहा ताकि उसके चेले देख सकें कि उसने इंसानी रूप धारण किया है, ठीक जैसे स्वर्गदूतों ने प्राचीन समय में किया था।—उत 18:1-8; 19:1-3.
मेरे हाथ और मेरे पैर: रोमी लोगों का दस्तूर था कि अपराधी के हाथ (और शायद पैर भी) कील से ठोंके जाते थे और यीशु के साथ भी ऐसा ही हुआ था। (भज 22:16; यूह 20:25, 27; कुल 2:14) कुछ विद्वानों का मानना है कि यीशु के पैरों को एक या उससे ज़्यादा कीलों से सीधे-सीधे काठ पर ठोंक दिया गया था या काठ से लगे लकड़ी के टुकड़े पर।
. . . और पैर दिखाए: कुछ हस्तलिपियों में यह आयत नहीं लिखी गयी है, लेकिन इसे लिखे जाने का ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
मछली का एक टुकड़ा: कुछ बाद की हस्तलिपियों में ये शब्द जोड़े गए “और मधुमक्खी का एक छत्ता,” लेकिन शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं दिए गए हैं।
मूसा के कानून, भविष्यवक्ताओं की किताबों और भजनों में: मुमकिन है कि यहूदियों की तरह यीशु ने भी पूरे इब्रानी शास्त्र को तीन समूहों में बाँटा और यहूदी इन समूहों से अच्छी तरह वाकिफ थे। “कानून” (इब्रानी में, तोराह) का मतलब है, बाइबल में उत्पत्ति से लेकर व्यवस्थाविवरण तक की किताबें। “भविष्यवक्ताओं की किताबों” (इब्रानी में, नविइम) का मतलब है, इब्रानी शास्त्र में भविष्यवक्ताओं की लिखी और बाइबल में यहोशू से लेकर पहले और दूसरे राजा तक की किताबें। “भजन” तीसरा भाग है जिसमें इब्रानी शास्त्र की बाकी किताबें हैं और इसे ‘लेख’ या इब्रानी में केथुविम कहा जाता है। इस भाग को “भजन” इसलिए कहा गया है क्योंकि भजन इस भाग की पहली किताब है। यहूदियों ने पूरे इब्रानी शास्त्र के लिए “तनाख” नाम रखा और यह शब्द इन तीन समूहों के पहले अक्षर से मिलकर बना है (त-न-क)। यीशु ने इन तीन समूहों का ज़िक्र किया जिससे पता चलता है कि उसके दिनों तक यह तय किया जा चुका था कि कौन-कौन-सी किताबें इब्रानी शास्त्र का हिस्सा होंगी और वह उससे सहमत था। बाइबल का संग्रह देखें।
इसी शहर: यानी यरूशलेम।
और उसे स्वर्ग उठा लिया गया: कुछ हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं लिखे गए हैं, लेकिन यहाँ लिखे जाने का ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है। यही नहीं, लूका ने प्रेष 1:1, 2 में लिखा कि उसने अपनी “पहली किताब” यानी खुशखबरी की किताब में ‘यीशु को स्वर्ग उठा लिए जाने तक’ का ब्यौरा दर्ज़ किया और बताया कि उस दौरान यीशु ने कैसी ज़िंदगी जी और परमेश्वर की सेवा में क्या-क्या किया। इसलिए यह सही था कि लूका ने परमेश्वर की प्रेरणा से लिखी अपनी किताब में ये शब्द दर्ज़ किए।
उसे दंडवत किया: या “उसे झुककर प्रणाम किया; उसके सामने मुँह के बल ज़मीन पर लेट गए; उसका सम्मान किया।” जब यूनानी क्रिया प्रोस्किनीयो किसी देवता या ईश्वर की पूजा के संबंध में इस्तेमाल हुई है तो उसका अनुवाद “उपासना” किया गया है। (मत 4:10; लूक 4:8) यहाँ यीशु के चेले समझ गए कि दोबारा ज़िंदा किया गया यीशु, परमेश्वर का प्रतिनिधि है। इसलिए उन्होंने उसे “परमेश्वर का बेटा,” भविष्यवाणी में बताया गया “इंसान का बेटा” और मसीहा समझकर दंडवत किया, न कि देवता या परमेश्वर मानकर। (लूक 1:35; मत 16:13-16; यूह 9:35-38) उन्होंने ठीक वैसे ही झुककर प्रणाम किया जैसे इब्रानी शास्त्र में बताए लोग किसी भविष्यवक्ता, राजा या परमेश्वर के दूसरे प्रतिनिधियों से मिलते वक्त करते थे। (1शम 25:23, 24; 2शम 14:4; 1रा 1:16; 2रा 4:36, 37) कई मौकों पर लोगों ने इसलिए यीशु को दंडवत किया क्योंकि उन्होंने देखा कि उस पर परमेश्वर की मंज़ूरी है और वह परमेश्वर की तरफ से लोगों को संदेश सुनाता है।—मत 2:2; 8:2; 14:33; 15:25 के अध्ययन नोट देखें।
उसे दंडवत किया और: कुछ हस्तलिपियों में ये शब्द नहीं पाए जाते मगर यहाँ जो लिखा है उसका ठोस आधार शुरू की अधिकृत हस्तलिपियों में पाया जाता है।
तसवीर और ऑडियो-वीडियो
इस तसवीर में दिखाया गया है कि कैसे एक इंसान की एड़ी में 4.5 इंच (11.5 सें.मी.) लंबी एक लोहे की कील ठोंकी गयी है। यह सचमुच की एड़ी की हड्डी नहीं बल्कि उसका नमूना है। असली हड्डी का टुकड़ा तो 1968 में पुरातत्ववेत्ताओं को उत्तरी यरूशलेम में खुदाई के वक्त मिला था। यह टुकड़ा रोमी लोगों के ज़माने का था। इससे पता चलता है कि लोगों को कीलों से काठ पर ठोंका जाता था। रोमी सैनिकों ने शायद इसी तरह की कीलों से यीशु मसीह को काठ पर ठोंका था। हड्डी का वह टुकड़ा पत्थर के एक बक्से में मिला था जिसमें लाश के सड़ जाने पर उसकी हड्डियाँ रखी जाती थीं। इससे पता चलता है कि किसी को काठ पर लटकाकर मार डालने के बाद कभी-कभी उसे दफनाया जाता था।