लैव्यव्यवस्था 14:1-57
14 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,
2 “जब एक आदमी का कोढ़ ठीक हो जाता है, तो यह ज़रूरी है कि उसे शुद्ध ठहराने के लिए याजक के पास लाया जाए। जिस दिन उसे लाया जाता है उस दिन उसे शुद्ध ठहराने के लिए इस नियम का पालन किया जाना चाहिए।+
3 याजक छावनी के बाहर उस आदमी के पास जाएगा और उसकी जाँच करेगा। अगर वह देखता है कि उस आदमी का कोढ़ ठीक हो गया है,
4 तो वह उसे आज्ञा देगा कि वह दो शुद्ध चिड़ियाँ, देवदार की लकड़ी, सुर्ख लाल कपड़ा और मरुआ लाए ताकि उसे शुद्ध किया जाए।+
5 फिर याजक आज्ञा देगा कि एक चिड़िया को लिया जाए और उसे ताज़े पानी से भरे मिट्टी के बरतन के ऊपर हलाल किया जाए।
6 फिर वह ज़िंदा चिड़िया लेगा और उसके साथ देवदार की लकड़ी, सुर्ख लाल कपड़ा और मरुआ भी लेगा और इन सबको एक-साथ पहली चिड़िया के खून में डुबोएगा जिसे ताज़े पानी के ऊपर हलाल किया गया था।
7 फिर वह बरतन से खून लेगा और उस आदमी पर सात बार छिड़केगा, जो कोढ़ से शुद्ध होने के लिए आया है, और ऐलान करेगा कि वह आदमी शुद्ध है। वह ज़िंदा चिड़िया को खुले मैदान में छोड़ देगा।+
8 जिस आदमी को शुद्ध किया जा रहा है उसे चाहिए कि वह अपने कपड़े धोए, अपने सब बाल मूँड़े और नहाए। वह शुद्ध हो जाएगा। इसके बाद वह छावनी में आ सकता है, मगर उसे सात दिन तक अपने तंबू के बाहर रहना होगा।
9 सातवें दिन उसे अपने सिर, ठोढ़ी और भौंहों के सारे बाल मूँड़ने चाहिए। फिर उसे अपने कपड़े धोने चाहिए और नहाना चाहिए। वह शुद्ध हो जाएगा।
10 आठवें दिन वह याजक के पास ये सारी चीज़ें लेकर जाएगा: ऐसे दो नर मेम्ने जिनमें कोई दोष न हो, एक साल की मादा मेम्ना जिसमें कोई दोष न हो,+ अनाज के चढ़ावे के लिए एपा का तीन-दहाई भाग* मैदा जिसमें तेल मिला हो+ और लोज-भर* तेल।+
11 जो याजक ऐलान करता है कि वह आदमी शुद्ध है, वह उस आदमी को उसके चढ़ावे के साथ भेंट के तंबू के द्वार पर यहोवा के सामने ले जाएगा।
12 फिर याजक दोष-बलि के लिए एक नर मेम्ना+ और लोज-भर तेल लेगा और उन्हें यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलाएगा। यह हिलाकर दिया जानेवाला चढ़ावा है।+
13 फिर वह मेम्ने को पवित्र जगह में हलाल करेगा, जहाँ आम तौर पर पाप-बलि और होम-बलि का जानवर हलाल किया जाता है,+ क्योंकि पाप-बलि की तरह दोष-बलि के गोश्त पर याजक का हक है।+ यह बहुत पवित्र है।+
14 फिर याजक दोष-बलि के मेम्ने का थोड़ा-सा खून लेगा और शुद्ध होनेवाले आदमी के दाएँ कान के निचले सिरे पर, दाएँ हाथ के अँगूठे पर और दाएँ पैर के अँगूठे पर लगाएगा।
15 फिर याजक लोज-भर तेल में से थोड़ा तेल लेकर+ अपनी बायीं हथेली पर डालेगा।
16 फिर अपने दाएँ हाथ की उँगली उस तेल में डुबोएगा और यहोवा के सामने सात बार अपनी उँगली से उसे छिड़केगा।
17 इसके बाद याजक हथेली पर बचे तेल में से थोड़ा तेल लेगा और शुद्ध होनेवाले आदमी के दाएँ कान के निचले सिरे पर, दाएँ हाथ के अँगूठे पर और दाएँ पैर के अँगूठे पर लगाएगा, जिन पर पहले से दोष-बलि के जानवर का खून लगा होगा।
18 याजक की हथेली में जो तेल बच जाता है, उसे वह शुद्ध होनेवाले आदमी के सिर पर डालेगा। और याजक यहोवा के सामने उस आदमी के लिए प्रायश्चित करेगा।+
19 इसके बाद याजक पाप-बलि चढ़ाएगा+ और उस आदमी के लिए प्रायश्चित करेगा जो अशुद्ध हालत से शुद्ध किया जा रहा है। फिर वह होम-बलि का जानवर हलाल करेगा।
20 याजक वेदी पर होम-बलि और अनाज का चढ़ावा अर्पित करेगा+ और उस आदमी के लिए प्रायश्चित करेगा+ और वह आदमी शुद्ध हो जाएगा।+
21 अगर वह आदमी गरीब है और उसकी इतनी हैसियत नहीं कि इन चीज़ों की बलि दे सके तो अपने प्रायश्चित के लिए वह एक नर मेम्ने की दोष-बलि देगा जिसे आगे-पीछे हिलाकर चढ़ाया जाएगा। साथ ही, वह अनाज के चढ़ावे के लिए एपा का दसवाँ भाग* मैदा जिसमें तेल मिला हो, लोज-भर तेल
22 और अपनी हैसियत के मुताबिक दो फाख्ते या कबूतर के दो बच्चे देगा। एक चिड़िया पाप-बलि के लिए और दूसरी होम-बलि के लिए होगी।+
23 वह आठवें दिन+ यह सब लेकर भेंट के तंबू के द्वार पर यहोवा के सामने जाएगा और याजक को देगा ताकि उसे शुद्ध ठहराया जाए।+
24 याजक दोष-बलि का मेम्ना+ और लोज-भर तेल लेगा और उन्हें यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलाएगा। यह हिलाकर दिया जानेवाला चढ़ावा है।+
25 फिर वह दोष-बलि का मेम्ना हलाल करेगा। याजक उस दोष-बलि का थोड़ा-सा खून लेगा और शुद्ध होनेवाले आदमी के दाएँ कान के निचले सिरे पर, दाएँ हाथ के अँगूठे पर और दाएँ पैर के अँगूठे पर लगाएगा।+
26 फिर याजक थोड़ा तेल लेकर अपनी बायीं हथेली पर डालेगा+
27 और अपने दाएँ हाथ की उँगली से उस हथेली का थोड़ा तेल लेगा और यहोवा के सामने सात बार छिड़केगा।
28 इसके बाद याजक उस तेल में से थोड़ा तेल लेकर शुद्ध होनेवाले आदमी के दाएँ कान के निचले सिरे पर, दाएँ हाथ के अँगूठे पर और दाएँ पैर के अँगूठे पर लगाएगा, जहाँ पहले उसने दोष-बलि के जानवर का खून लगाया था।
29 याजक की हथेली में जो तेल बच जाता है, उसे वह शुद्ध होनेवाले आदमी के सिर पर डालेगा ताकि यहोवा के सामने उस आदमी के लिए प्रायश्चित कर सके।
30 वह आदमी अपनी हैसियत के मुताबिक जो फाख्ते या कबूतर के बच्चे देगा,+ उनमें से एक की
31 पाप-बलि और दूसरे की होम-बलि चढ़ायी जाएगी।+ साथ ही, अनाज का चढ़ावा भी चढ़ाया जाएगा। और याजक शुद्ध होनेवाले उस आदमी के लिए यहोवा के सामने प्रायश्चित करेगा।+
32 यह नियम ऐसे आदमी के लिए है जिसका कोढ़ ठीक हो गया है, मगर उसकी इतनी हैसियत नहीं कि वह उन चीज़ों की बलि दे सके जो उसे शुद्ध ठहराने के लिए ज़रूरी हैं।”
33 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
34 “जब तुम लोग कनान देश में बस जाओगे+ जिसका मैं तुम्हें अधिकारी बनाऊँगा,+ तब अगर मैं किसी घर पर कोढ़ लगने दूँ,+
35 तो उस घर के मालिक को चाहिए कि वह याजक के पास जाए और उससे कहे, ‘मेरे घर की दीवार पर एक दाग दिखायी दे रहा है और वह कोढ़ जैसा लग रहा है।’
36 तब याजक उसे आज्ञा देगा कि इससे पहले कि वह घर की जाँच करने आए घर खाली कर दिया जाए। वरना उस घर में जो भी है उसे याजक अशुद्ध ठहरा देगा। जब घर खाली कर दिया जाएगा, तब याजक घर के अंदर जाकर उसका मुआयना करेगा।
37 वह दीवार के उस हिस्से की जाँच करेगा जहाँ बीमारी के लक्षण नज़र आते हैं। अगर दीवार पर पीले-हरे या लाल रंग के गड्ढे हैं और ये दीवार की सतह के अंदर तक नज़र आते हैं,
38 तो याजक घर से बाहर द्वार पर जाएगा और सात दिन के लिए उसे बंद कर देगा।+
39 फिर सातवें दिन याजक वापस उस घर पर आएगा और उसका मुआयना करेगा। अगर दीवारों के बाकी हिस्सों में भी दाग फैल गए हैं,
40 तो याजक आज्ञा देगा कि दीवार से वे पत्थर निकाल दिए जाएँ जिनमें दाग हैं और ये पत्थर शहर के बाहर किसी अशुद्ध जगह ले जाकर फेंक दिए जाएँ।
41 इसके बाद वह आज्ञा देगा कि घर का पूरा अंदरूनी हिस्सा अच्छी तरह खुरच दिया जाए और उसका पलस्तर और गारा निकालकर शहर के बाहर किसी अशुद्ध जगह ले जाकर फेंक दिया जाए।
42 फिर दीवार से निकाले गए पत्थरों की जगह दूसरे पत्थर लगाए जाएँ और पूरे घर पर नया गारा और पलस्तर लगाया जाए।
43 लेकिन अगर दीवारों से पत्थर निकालने, पूरे घर को खुरचने और नया पलस्तर लगाने के बाद फिर से दाग निकल आते हैं,
44 तो याजक उस घर के अंदर जाएगा और उसका मुआयना करेगा। अगर उस घर में बीमारी फैल गयी है तो यह खतरनाक कोढ़ है।+ वह घर अशुद्ध है।
45 याजक आज्ञा देगा कि घर ढा दिया जाए और उसके पत्थर, उसकी बल्लियाँ, उस पर लगा सारा पलस्तर और गारा, सब ले जाकर शहर के बाहर किसी अशुद्ध जगह पर फेंक दिया जाए।+
46 जितने दिन तक वह घर बंद रखा गया था+ उस दौरान अगर कोई उसके अंदर गया हो तो वह शाम तक अशुद्ध रहेगा।+
47 अगर उस दौरान कोई उस घर में सोया हो, तो उसे अपने कपड़े धोने चाहिए। उसी तरह, अगर उस दौरान कोई उस घर के अंदर कुछ खाता है, तो उसे अपने कपड़े धोने चाहिए।
48 लेकिन अगर घर पर नया पलस्तर लगने के बाद, याजक आकर देखता है कि बीमारी घर की दीवारों पर नहीं फैली है, तो वह ऐलान करेगा कि घर शुद्ध है क्योंकि बीमारी दूर हो गयी है।
49 घर की अशुद्धता दूर करने के लिए वह दो चिड़ियाँ, देवदार की लकड़ी, सुर्ख लाल कपड़ा और मरुआ लेगा।+
50 फिर वह उनमें से एक चिड़िया लेगा और ताज़े पानी से भरे मिट्टी के बरतन के ऊपर उसे हलाल करेगा।
51 इसके बाद वह देवदार की लकड़ी, मरुआ, सुर्ख लाल कपड़ा और ज़िंदा चिड़िया लेगा और उन सबको पहली चिड़िया के खून में डुबोएगा, जिसे ताज़े पानी के ऊपर हलाल किया गया था। फिर वह बरतन में से खून लेगा और घर की तरफ सात बार छिड़केगा।+
52 इस तरह वह चिड़िया के खून, ताज़े पानी, ज़िंदा चिड़िया, देवदार की लकड़ी, मरुए और सुर्ख लाल कपड़े से घर की अशुद्धता दूर करके उसे शुद्ध करेगा।
53 फिर वह ज़िंदा चिड़िया को शहर से बाहर खुले मैदान में छोड़ देगा और घर के लिए प्रायश्चित करेगा। वह घर शुद्ध हो जाएगा।
54 ये सारे नियम तरह-तरह के कोढ़, सिर की खाल या दाढ़ी के संक्रमण,+
55 पोशाक या घर पर होनेवाले कोढ़+
56 और त्वचा की सूजन, पपड़ी और दाग के बारे में हैं+
57 ताकि यह तय किया जा सके कि एक चीज़ कब अशुद्ध हो जाती है और कब शुद्ध।+ ये सारे नियम कोढ़ के बारे में हैं।”+