लैव्यव्यवस्था 22:1-33
22 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,
2 “हारून और उसके बेटों से कहना कि वे इसराएलियों की दी हुई पवित्र चीज़ों के मामले में एहतियात बरतें* और लोग जो चीज़ें मेरे लिए पवित्र ठहराते हैं+ उनके मामले में मेरे पवित्र नाम का अपमान न करें।+ मैं यहोवा हूँ।
3 उनसे कहना, ‘अगर तुम्हारा कोई वंशज अशुद्ध हालत में होते हुए भी उन पवित्र चीज़ों के पास आता है जिन्हें इसराएली यहोवा के लिए पवित्र ठहराते हैं, तो उसे मेरे सामने मौत की सज़ा दी जाए। यह नियम तुम पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी लागू रहेगा।+ मैं यहोवा हूँ।
4 हारून के वंशजों में से अगर कोई आदमी अशुद्ध हो जाता है तो वह तब तक पवित्र चीज़ों में से नहीं खा सकता जब तक कि वह दोबारा शुद्ध नहीं हो जाता।+ जैसे वह आदमी जिसे कोढ़ है,+ जो रिसाव से पीड़ित है,+ वीर्य निकलने से अशुद्ध है,+ जिसने किसी ऐसे आदमी को छुआ है जो किसी की लाश छूने की वजह से अशुद्ध है,+
5 जिसने झुंड में रहनेवाले किसी अशुद्ध जीव को छुआ है+ या जिसने ऐसे इंसान को छुआ है जो किसी वजह से अशुद्ध हालत में है।+
6 जो इनमें से किसी को भी छूता है वह शाम तक अशुद्ध रहेगा और तब तक वह पवित्र चीज़ों में से कुछ भी नहीं खा सकता। उसे शुद्ध होने के लिए नहाना चाहिए+
7 और सूरज ढलने तक इंतज़ार करना चाहिए। इसके बाद वह शुद्ध हो जाएगा। फिर वह पवित्र चीज़ों में से खा सकता है क्योंकि उसे मिलनेवाला भोजन यही है।+
8 साथ ही, एक याजक को ऐसे जानवर का गोश्त नहीं खाना चाहिए जो मरा हुआ पाया जाता है या जिसे जंगली जानवरों ने फाड़ डाला है। ऐसा गोश्त खाने से वह अशुद्ध हो जाएगा।+ मैं यहोवा हूँ।
9 उन्हें मेरे नियमों का पालन करना चाहिए ताकि वे इनके खिलाफ जाकर पवित्र चीज़ों को दूषित करने का पाप न करें और मार न डाले जाएँ। मैं यहोवा हूँ, मैं उन्हें पवित्र ठहरा रहा हूँ।
10 ऐसा कोई भी इंसान पवित्र चीज़ें नहीं खा सकता जिसे ये चीज़ें खाने का अधिकार नहीं है।*+ याजक के घर ठहरा कोई परदेसी मेहमान या याजक के लिए काम करनेवाला कोई दिहाड़ी का मज़दूर पवित्र चीज़ें नहीं खा सकता।
11 लेकिन अगर एक याजक ने पैसा देकर कोई दास खरीदा है तो वह दास पवित्र चीज़ों में से खा सकता है। याजक के घराने में पैदा होनेवाले दास भी उसके हिस्से में से खा सकते हैं।+
12 अगर एक याजक की बेटी ऐसे आदमी से शादी करती है जो याजक नहीं है,* तो वह दान में दी गयी पवित्र चीज़ों में से नहीं खा सकती।
13 लेकिन अगर एक याजक की बेटी विधवा हो जाती है या उसका तलाक हो जाता है और वह बेऔलाद है और अपने पिता के घर आकर रहने लगती है जैसे वह बचपन में रहती थी, तो वह अपने पिता के हिस्से में से खा सकती है।+ मगर ऐसा कोई भी इंसान पवित्र चीज़ें नहीं खा सकता जिसे खाने का अधिकार नहीं है।*
14 अगर एक आदमी गलती से कोई पवित्र चीज़ खा लेता है तो उसे उस चीज़ का पूरा मुआवज़ा और उसके साथ उसका पाँचवाँ हिस्सा जोड़कर पवित्र चढ़ावा याजक को देना होगा।+
15 याजक उन पवित्र चीज़ों को दूषित न करें जो इसराएली यहोवा के लिए दान में देते हैं।+
16 अगर याजक लोगों को पवित्र चीज़ें खाने देंगे तो वे लोगों को पाप के दोषी बनाएँगे जिससे लोग सज़ा पाएँगे। मैं यहोवा हूँ, मैं उन्हें पवित्र ठहरा रहा हूँ।’”
17 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,
18 “तू हारून और उसके बेटों से और सब इसराएलियों से कहना, ‘अगर कोई इसराएली या इसराएल में कोई परदेसी अपनी मन्नत पूरी करने के लिए या स्वेच्छा-बलि के लिए होम-बलि का जानवर यहोवा को देना चाहता है,+
19 तो उसे ऐसा बैल या मेम्ना या बकरा देना चाहिए जिसमें कोई दोष न हो,+ तभी वह मंज़ूर किया जाएगा।
20 तुम्हें ऐसा कोई भी जानवर अर्पित नहीं करना चाहिए जिसमें कोई दोष है,+ क्योंकि ऐसी बलि चढ़ाने से तुम मंज़ूरी नहीं पाओगे।
21 अगर एक आदमी अपनी मन्नत पूरी करने के लिए या स्वेच्छा-बलि के लिए यहोवा को शांति-बलि देना चाहता है,+ तो उसे गाय-बैलों या भेड़-बकरियों में से ऐसा जानवर देना चाहिए जिसमें कोई दोष न हो, तभी वह मंज़ूर किया जाएगा। बलि के जानवर में कोई भी दोष नहीं होना चाहिए।
22 तुम ऐसा कोई भी जानवर अर्पित न करना जो अंधा है या जिसकी हड्डी टूटी है या जिसके शरीर पर घाव, मस्सा, दाद या खाज है। तुम यहोवा के लिए ऐसा कोई भी जानवर अर्पित न करना, न ही यहोवा की वेदी पर ऐसे जानवर की बलि चढ़ाना।
23 अगर किसी बैल या भेड़ का एक पैर बाकी से लंबा या छोटा है, तो तुम उसे स्वेच्छा-बलि के लिए दे सकते हो। मगर ऐसा जानवर मन्नत-बलि के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा।
24 तुम ऐसा जानवर यहोवा के लिए अर्पित न करना जिसके अंड नष्ट हो गए हों या कुचले हों या निकाल दिए गए हों या काट दिए गए हों। तुम अपने देश में ऐसे जानवर की बलि न चढ़ाना।
25 तुम किसी परदेसी के हाथ से ऐसे जानवर की बलि लेकर अपने परमेश्वर के लिए भोजन मत अर्पित करना, क्योंकि ऐसे जानवरों में दोष और विकार है। उनकी बलि स्वीकार नहीं की जाएगी।’”
26 यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,
27 “जब भी कोई बछड़ा, मेम्ना या बकरी का बच्चा पैदा होता है तो उसे सात दिन तक अपनी माँ के साथ रहने देना।+ आठवें दिन या उसके बाद तुम उसे यहोवा के लिए आग में जलाकर अर्पित कर सकते हो। तब उसे स्वीकार किया जाएगा।
28 तुम किसी गाय के साथ उसका बछड़ा या भेड़ के साथ उसका मेम्ना एक ही दिन हलाल मत करना।+
29 जब भी तुम यहोवा के लिए धन्यवाद-बलि चढ़ाते हो+ तो बलिदान इस तरह अर्पित करना कि तुम मंज़ूरी पा सको।
30 जिस दिन तुम यह बलि चढ़ाते हो उसी दिन यह गोश्त खाया जाए। तुम्हें अगली सुबह तक कुछ भी बचाकर नहीं रखना चाहिए।+ मैं यहोवा हूँ।
31 तुम मेरी आज्ञाओं का पालन किया करना और उनके मुताबिक चलना।+ मैं यहोवा हूँ।
32 तुम मेरे पवित्र नाम का अपमान न करना।+ इसके बजाय मुझे इसराएलियों में पवित्र माना जाए।+ मैं यहोवा हूँ, मैं तुम्हें पवित्र ठहरा रहा हूँ+
33 और मैं तुम्हें मिस्र से निकालकर इसलिए ला रहा हूँ ताकि खुद को तुम्हारा परमेश्वर साबित करूँ।+ मैं यहोवा हूँ।”
कई फुटनोट
^ शा., “से खुद को अलग रखें।”
^ शा., “जो पराया हो,” यानी जो हारून-वंशी न हो।
^ या “किसी पराए से शादी करती है।”
^ शा., “जो पराया हो,” यानी जो हारून-वंशी न हो।