लैव्यव्यवस्था 8:1-36

8  यहोवा ने मूसा से यह भी कहा,  “तू हारून और उसके बेटों को ले आना+ और उनके लिए बनायी गयी पोशाकें+ और अभिषेक का तेल,+ पाप-बलि का बैल, दो मेढ़े और बिन-खमीर की रोटियों से भरी टोकरी भी साथ लेना।+  और लोगों की पूरी मंडली को भेंट के तंबू के द्वार पर इकट्ठा करना।”  मूसा ने ठीक वैसे ही किया जैसे यहोवा ने उसे आज्ञा दी थी। और पूरी मंडली भेंट के तंबू के द्वार पर इकट्ठा हो गयी।  मूसा ने मंडली से कहा, “यहोवा ने हमें ये-ये करने की आज्ञा दी है।”  इसके बाद मूसा ने हारून और उसके बेटों को पास लाकर उन्हें नहाने की आज्ञा दी।+  फिर मूसा ने हारून को उसका कुरता पहनाया+ और उस पर कमर-पट्टी बाँधी।+ इसके बाद उसे बिन आस्तीन का बागा+ और उसके ऊपर एपोद पहनाया+ और एपोद को बुने हुए कमरबंद से कसकर बाँध दिया।+  फिर उसने हारून पर सीनाबंद बाँधा+ और उसके अंदर ऊरीम और तुम्मीम रखे।+  इसके बाद उसने हारून के सिर पर पगड़ी रखी+ और पगड़ी के सामने सोने की चमचमाती पट्टी बाँधी जो समर्पण की पवित्र निशानी है।*+ मूसा ने यह सब ठीक वैसे ही किया जैसे यहोवा ने उसे आज्ञा दी थी। 10  फिर मूसा ने अभिषेक का तेल लिया और पवित्र डेरे और उसके सारे साजो-सामान का अभिषेक करके+ उन्हें पवित्र ठहराया। 11  फिर उसने अभिषेक का थोड़ा-सा तेल लेकर वेदी पर सात बार छिड़का और वेदी और उसके साथ इस्तेमाल होनेवाली सारी चीज़ों का और हौद और उसकी टेक का अभिषेक करके उन्हें पवित्र ठहराया। 12  आखिर में उसने अभिषेक का थोड़ा-सा तेल लिया और हारून के सिर पर उँडेलकर उसका अभिषेक किया ताकि उसे पवित्र ठहराए।+ 13  इसके बाद मूसा हारून के बेटों को पास ले आया और उन्हें कुरते पहनाए और कमर-पट्टी बाँधी और सिर पर साफा बाँधा,+ ठीक जैसे यहोवा ने उसे आज्ञा दी थी। 14  फिर वह पाप-बलि का बैल ले आया। हारून और उसके बेटों ने पाप-बलि के बैल के सिर पर अपने हाथ रखे।+ 15  मूसा ने बैल हलाल किया और अपनी उँगली से उसका खून लिया+ और उसे वेदी के सींगों पर लगाया। इस तरह उसने वेदी से पाप दूर करके उसे शुद्ध किया और बैल का बाकी खून वेदी के नीचे उँडेल दिया। इस तरह उसने वेदी के लिए प्रायश्‍चित किया और उसे पवित्र ठहराया। 16  इसके बाद उसने बैल की वह सारी चरबी ली जो अंतड़ियों को ढके रहती है और जो कलेजे के आस-पास होती है, साथ ही दोनों गुरदे और उनकी चरबी भी ली। मूसा ने वे सारी चीज़ें वेदी पर रखकर जलायीं जिससे उनका धुआँ उठा।+ 17  बैल के बाकी हिस्से, उसकी खाल, उसका गोश्‍त और गोबर, यह सब छावनी के बाहर ले जाकर जला दिया गया।+ सबकुछ ठीक वैसे ही किया गया जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 18  इसके बाद वह होम-बलि का मेढ़ा पास ले आया। हारून और उसके बेटों ने मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखे।+ 19  फिर मूसा ने वह मेढ़ा हलाल किया और उसका खून वेदी के चारों तरफ छिड़का। 20  उसने मेढ़े को काटकर उसके टुकड़े-टुकड़े किए और मेढ़े का सिर, उसके टुकड़े और उसकी चरबी* जलायी जिससे उनका धुआँ उठा। 21  उसने मेढ़े की अंतड़ियों और पायों को पानी से धोकर साफ किया और पूरे मेढ़े को वेदी पर रखकर जलाया जिससे उसका धुआँ उठा। यह होम-बलि थी जिसकी सुगंध पाकर परमेश्‍वर खुश हुआ। यह आग में जलाकर यहोवा को दिया गया चढ़ावा था, ठीक जैसे यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी। 22  इसके बाद वह दूसरे मेढ़े को लाया जो याजकपद सौंपने के मौके पर दिया जानेवाला मेढ़ा था।+ हारून और उसके बेटों ने मेढ़े के सिर पर अपने हाथ रखे।+ 23  मूसा ने मेढ़ा हलाल किया और उसका थोड़ा-सा खून लेकर हारून के दाएँ कान के निचले सिरे पर, दाएँ हाथ के अँगूठे पर और दाएँ पैर के अँगूठे पर लगाया। 24  फिर वह हारून के बेटों को सामने लाया और मेढ़े का थोड़ा-सा खून उनके दाएँ कान के निचले सिरे पर, दाएँ हाथ के अँगूठे पर और दाएँ पैर के अँगूठे पर लगाया। मूसा ने बाकी खून वेदी के चारों तरफ छिड़का।+ 25  फिर उसने मेढ़े की चरबी, उसकी चरबीवाली मोटी पूँछ और वह सारी चरबी ली जो अंतड़ियों को ढके रहती है और जो कलेजे के आस-पास होती है और दोनों गुरदे और उनकी चरबी और दायाँ पैर भी लिया।+ 26  साथ ही, उसने यहोवा के सामने रखी बिन-खमीर की रोटियों की टोकरी में से बिन-खमीर की छल्ले जैसी एक रोटी,+ तेल से गूँधकर बनायी गयी छल्ले जैसी एक रोटी+ और एक पापड़ी ली। उसने ये रोटियाँ मेढ़े की चरबी और उसके दाएँ पैर के ऊपर रखीं। 27  इसके बाद उसने ये सारी चीज़ें हारून और उसके बेटों की हथेलियों पर रखीं और ये चीज़ें यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलायीं। यह हिलाकर दिया गया चढ़ावा था। 28  फिर मूसा ने उनके हाथ से ये सारी चीज़ें लीं और वेदी पर होम-बलि के ऊपर रखकर जलायीं जिससे इनका धुआँ उठा। यह याजकपद सौंपने के मौके पर दी गयी बलि थी जिसकी सुगंध पाकर परमेश्‍वर खुश हुआ। यह आग में जलाकर यहोवा को दिया गया चढ़ावा था। 29  फिर मूसा ने मेढ़े का सीना लिया और उसे यहोवा के सामने आगे-पीछे हिलाया। यह हिलाकर दिया गया चढ़ावा था।+ याजकपद सौंपने के मौके पर बलि किए गए मेढ़े का यह हिस्सा मूसा को दिया गया, ठीक जैसे यहोवा ने उसे आज्ञा दी थी।+ 30  मूसा ने थोड़ा-सा अभिषेक का तेल+ और वेदी से थोड़ा खून लिया और उसे हारून और उसकी पोशाक पर और उसके बेटों और उनकी पोशाकों पर छिड़का। इस तरह उसने हारून और उसके बेटों को और उनकी पोशाकों को पवित्र ठहराया।+ 31  फिर मूसा ने हारून और उसके बेटों से कहा, “तुम मेढ़े का गोश्‍त भेंट के तंबू के द्वार पर उबालना।+ फिर तुम सब वहीं द्वार पर वह गोश्‍त और वे रोटियाँ खाना जो याजकपद सौंपने के मौके के लिए रखी टोकरी में हैं। मुझे आज्ञा दी गयी है कि हारून और उसके बेटे यह सब खाएँगे।+ 32  जो गोश्‍त और रोटियाँ बच जाती हैं उन्हें तुम आग में जला देना।+ 33  तुम सात दिन तक भेंट के तंबू के द्वार से बाहर मत जाना, जब तक कि तुम्हें याजकपद सौंपने के दिन पूरे नहीं हो जाते क्योंकि तुम्हें याजकपद सौंपने* में पूरे सात दिन लगेंगे।+ 34  आज हमने जो-जो किया वह सब करने की आज्ञा यहोवा ने दी थी ताकि तुम सबका प्रायश्‍चित किया जाए।+ 35  सात दिन तक तुम सब रात-दिन भेंट के तंबू के द्वार पर ही रहना+ और यहोवा ने जो-जो हिदायत दी है उसका पालन करके अपना फर्ज़ निभाना,+ वरना तुम मार डाले जाओगे। परमेश्‍वर ने मुझे यही आज्ञा दी है।” 36  हारून और उसके बेटों ने वह सब किया जो यहोवा ने मूसा के ज़रिए आज्ञा दी थी।

कई फुटनोट

या “जो पवित्र ताज है।”
या “गुरदों के आस-पास की चरबी।”
शा., “तुम्हारे हाथ भरने।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो