सपन्याह 1:1-18
1 यहोवा का संदेश सपन्याह* के पास पहुँचा जो कूशी का बेटा था, कूशी गदल्याह का, गदल्याह अमरयाह का और अमरयाह हिजकियाह का बेटा था। यहूदा के राजा योशियाह के दिनों में,+ जो आमोन+ का बेटा था, सपन्याह को यह संदेश मिला:
2 यहोवा ऐलान करता है, “मैं धरती पर से हर चीज़ का सफाया कर दूँगा।”+
3 “मैं इंसान और जानवर का सफाया कर दूँगा।
आकाश के पंछियों और समुंदर की मछलियों का सफाया कर दूँगा,+ठोकर खिलानेवाली बाधाओं*+ और दुष्टों को मिटा दूँगा,मैं धरती से सभी इंसानों को नाश कर दूँगा।” यहोवा का यह ऐलान है।
4 “मैं यहूदा के खिलाफ औरयरूशलेम के सभी निवासियों के खिलाफ अपना हाथ बढ़ाऊँगा,मैं इस जगह से बाल की हर निशानी मिटा दूँगा,+पराए देवताओं के पुजारियों के साथ-साथ याजकों के नाम मिटा दूँगा,+
5 मैं उन सबको मिटा दूँगा जो छत पर आकाश की सेनाओं को दंडवत करते हैं,+जो यहोवा को दंडवत करने और उसके वफादार रहने की शपथ खाने+ के साथ-साथमलकाम के वफादार रहने की भी शपथ खाते हैं,+
6 जो यहोवा के पीछे चलना छोड़ देते हैं+और न यहोवा की खोज करते हैं न ही उसकी मरज़ी पूछते हैं।”+
7 सारे जहान के मालिक यहोवा के सामने चुप रहो क्योंकि यहोवा का दिन करीब है।+
यहोवा ने एक बलिदान तैयार किया है, उसने मेहमानों को तैयार किया है।
8 “जिस दिन मैं यहोवा बलिदान चढ़ाऊँगा उस दिन मैं हाकिमों से,राजा के बेटों से और उन सबसे हिसाब माँगूँगा+ जो विदेशी कपड़े पहनते हैं।
9 उस दिन मैं उन सभी से हिसाब माँगूँगा जो मंच* पर चढ़ते हैं,अपने मालिक का घर हिंसा और धोखाधड़ी से भर देते हैं।”
10 यहोवा ऐलान करता है, “उस दिन मछली फाटक+ से होहल्ला सुनायी देगा,शहर के ‘नए हिस्से’+ से रोने-पीटने की आवाज़ें आएँगीऔर पहाड़ियों से ज़ोरदार धमाका सुनायी देगा।
11 मक्तेश* के निवासियो, ज़ोर-ज़ोर से रोओक्योंकि सारे व्यापारी* मारे गए,चाँदी तौलनेवाले सभी नाश हो गए।
12 उस समय मैं दीए लेकर यरूशलेम का कोना-कोना छान मारूँगा,मैं उनसे हिसाब माँगूँगा जो बेफिक्र रहते हैं* और अपने दिल में कहते हैं,‘यहोवा न भला करेगा न बुरा।’+
13 उनकी दौलत लूट ली जाएगी और उनके घर तहस-नहस कर दिए जाएँगे।+
वे घर बनाएँगे मगर उनमें नहीं रह पाएँगे,अंगूरों के बाग लगाएँगे मगर उनकी दाख-मदिरा नहीं पी पाएँगे।+
14 यहोवा का महान दिन करीब है!+
वह करीब है और बड़ी तेज़ी से नज़दीक आ रहा है!+
यहोवा के दिन के आने की आवाज़ भयानक है।+
उस दिन सूरमा दुख के मारे चिल्लाता है।+
15 वह दिन जलजलाहट का दिन है,+मुसीबतों और चिंताओं का दिन,+आँधी और तबाही का दिन,घोर अंधकार का दिन,+काले घने बादलों का दिन,+
16 किलेबंद शहरों और कोने की ऊँची मीनारों के खिलाफ+नरसिंगा फूँकने और युद्ध का ऐलान करने का दिन है।+
17 मैं सभी इंसानों पर विपत्ति लाऊँगाऔर वे अंधों की तरह चलेंगे,+क्योंकि उन्होंने यहोवा के खिलाफ पाप किया है।+
उनका खून धूल की तरहऔर उनकी लाशें गोबर की तरह पड़ी रहेंगी।+
18 यहोवा की जलजलाहट के दिन उनके सोने-चाँदी से उनका बचाव नहीं होगा,+उसके क्रोध की आग से पूरी धरती भस्म हो जाएगी,+क्योंकि वह धरती के सब निवासियों का सफाया कर देगा, वाकई, भयानक तरीके से सफाया कर देगा।”+
कई फुटनोट
^ मतलब “यहोवा ने छिपाया (या संजोए रखा) है।”
^ ज़ाहिर है, मूर्तिपूजा से जुड़ी चीज़ें या काम।
^ या “दहलीज़।” शायद यह राजा की राजगद्दी का मंच था।
^ या “सौदागर।”
^ ज़ाहिर है, यरूशलेम का एक हिस्सा जो मछली फाटक के पास था।
^ शा., “दाख-मदिरा के तलछट की तरह बैठे हुए हैं।”