होशे 12:1-14

12  “एप्रैम बेकार की चीज़ों पर भरोसा रखता है।* पूरब से बहनेवाली हवा के पीछे सारा दिन भागता है। वह बढ़-चढ़कर झूठ बोलता और मार-काट मचाता है। वे अश्‍शूर के साथ एक करार करते हैं+ और मिस्र के पास तेल ले जाते हैं।+   यहोवा ने यहूदा पर मुकदमा किया है,+वह याकूब से उसके कामों का हिसाब माँगेगा,उसे उसके किए की सज़ा देगा।+   कोख में उसने अपने भाई की एड़ी पकड़ ली थी,+वह पूरा ज़ोर लगाकर परमेश्‍वर से लड़ा।+   वह स्वर्गदूत से लड़ता रहा और उससे जीत गया। उसकी कृपा पाने के लिए उसने रो-रोकर बिनती की।”+ परमेश्‍वर ने उसे बेतेल में पाया और वहाँ परमेश्‍वर ने हमसे बात की।+   यहोवा सेनाओं का परमेश्‍वर है,+यहोवा नाम से उसे याद किया जाता है।+   “इसलिए अपने परमेश्‍वर के पास लौट जा,+अटल प्यार ज़ाहिर करता रह, न्याय करता रह+और हमेशा अपने परमेश्‍वर पर आशा रख।   मगर लेन-देन करनेवाले* के हाथ में छल का तराज़ू है,उसे धोखाधड़ी करना बहुत पसंद है।+   एप्रैम कहता रहता है, ‘हाँ, मैं दौलतमंद हो गया हूँ,+मुझे खज़ाना मिल गया है।+ मेरी सारी मेहनत में वे कोई दोष या पाप नहीं पा सकते।’   मगर मैं यहोवा तब से तेरा परमेश्‍वर हूँ जब इसराएल मिस्र में ही था।*+ मैं तुझे दोबारा तंबुओं में बसाऊँगा,जैसे तय समय* के दिनों में हुआ करता है। 10  मैंने भविष्यवक्‍ताओं से बात की,+उन्हें दर्शन-पर-दर्शन दिए,उनके ज़रिए मिसालें बतायीं। 11  गिलाद में धोखा* और झूठ पाया गया।+ गिलगाल में उन्होंने बैलों की बलि की,+उनकी वेदियाँ पत्थरों के उस ढेर जैसी हैं जो खेत के कूँड़ों में होता है।+ 12  याकूब अराम* के इलाके* में भाग गया,+इसराएल+ ने वहाँ पत्नी पाने के लिए मज़दूरी की,+भेड़ों की रखवाली की।+ 13  यहोवा ने एक भविष्यवक्‍ता के ज़रिए इसराएल को मिस्र से निकाला,+एक भविष्यवक्‍ता के ज़रिए उसकी हिफाज़त की।+ 14  एप्रैम ने परमेश्‍वर को बहुत गुस्सा दिलाया,+उस पर खून का दोष बना हुआ है,उसने अपने प्रभु का अपमान किया है, प्रभु उसे इसका सिला देगा।”+

कई फुटनोट

शा., “एप्रैम हवा खा रहा है।”
या “सौदागर।”
या शायद, “त्योहार।”
या “मिस्र से तेरा परमेश्‍वर हूँ।”
या “जादू-टोने की बातें; रहस्यमयी बातें।”
या “सीरिया।”
शा., “मैदान।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो