होशे 14:1-9
14 “हे इसराएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ,+क्योंकि तू अपने गुनाह की वजह से ठोकर खाकर गिर गया है।
2 यहोवा के पास लौट आ और उससे कह,‘हमारे गुनाह माफ कर दे+ और जो अच्छा है वह हमसे स्वीकार करऔर हम अपने होंठों से तुझे तारीफ के बोल अर्पित करेंगे,+ जैसे हम बैलों का बलिदान चढ़ाते हैं।
3 अश्शूर हमें नहीं बचाएगा।+
हम घोड़ों पर सवार नहीं होंगे+और फिर कभी अपने हाथ की बनायी चीज़ों से यह नहीं कहेंगे: “हे हमारे परमेश्वर!”
क्योंकि तू ही है जो अनाथ* पर दया करता है।’+
4 मैं उनकी विश्वासघात करने की बीमारी दूर कर दूँगा।+
मैं अपनी मरज़ी से उन्हें प्यार करूँगा,+क्योंकि मेरा क्रोध उनसे दूर हो गया है।+
5 मैं इसराएल के लिए ओस जैसा बनूँगा,वह सोसन के फूल की तरह खिलेगाऔर लबानोन के पेड़ों की तरह अपनी जड़ें गहराई तक जमाएगा।
6 उसकी टहनियाँ दूर-दूर तक फैलेंगी,उसकी शोभा जैतून के पेड़ जैसीऔर खुशबू लबानोन के पेड़ जैसी होगी।
7 वे फिर से उसकी छाया में रहेंगे।
वे अनाज उगाएँगे और अंगूर की बेल की तरह फूलेंगे-फलेंगे।+
वह लबानोन की दाख-मदिरा की तरह मशहूर होगा।*
8 एप्रैम कहेगा, ‘मूरतों से अब मेरा और क्या लेना-देना?’+
मैं उसकी सुनूँगा और उस पर नज़र रखूँगा।+
मैं तेरे लिए सनोवर के हरे-भरे पेड़ जैसा होऊँगा।
मुझसे ही तुझे फल मिला करेगा।”
9 कौन बुद्धिमान है? वह इन बातों को समझे।
कौन सूझ-बूझवाला है? वह इन बातों को जाने।
क्योंकि यहोवा की राहें सीधी हैं,+नेक लोग उन पर चलेंगे,मगर अपराधी उन पर ठोकर खाकर गिरेंगे।