होशे 6:1-11
6 “आओ, हम यहोवा के पास लौट जाएँ,उसने हमारी बोटी-बोटी कर दी है,+ मगर वह हमें चंगा करेगा।
उसने हमें घायल किया है, मगर वह हमारे घावों पर पट्टी बाँधेगा।
2 वह दो दिन बाद हममें दोबारा जान फूँकेगा,तीसरे दिन हमें खड़ा कर देगाऔर हम उसके सामने जीएँगे।
3 हम यहोवा को जानेंगे, उसे जानने के लिए जी-जान से मेहनत करेंगे।
भोर की तरह उसका आना पक्का है,वह मूसलाधार बारिश की तरह हमारे पास आएगा,वसंत की बारिश की तरह, जो पूरी धरती को सींचती है।”
4 “हे एप्रैम, मुझे तेरे साथ क्या करना चाहिए?
हे यहूदा, मुझे तेरे साथ क्या करना चाहिए?
क्योंकि तुम्हारा अटल प्यार सुबह के बादल की तरहऔर ओस की तरह है जो जल्द ही गायब हो जाती है।
5 इसलिए मैं भविष्यवक्ताओं के ज़रिए उन्हें काट डालूँगा,+अपने मुँह के वचनों से उन्हें मार डालूँगा।+
तुम्हें जो फैसले सुनाए जाएँगे वे रौशनी की तरह चमकेंगे।+
6 मैं अटल प्यार* से खुश होता हूँ, बलिदान से नहीं,परमेश्वर के बारे में ज्ञान से खुश होता हूँ, पूरी होम-बलियों से नहीं।+
7 मगर उन्होंने अदना इंसानों की तरह करार तोड़ दिया है।+
वहाँ उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात किया है।
8 गिलाद दुष्टों का नगर है,+खून से रंगा हुआ है।+
9 याजकों की टोली लुटेरे-दल की तरह है, जो किसी को पकड़ने के लिए घात लगाता है।
वे शेकेम की सड़क पर कत्ल करते हैं,+उनका चालचलन शर्मनाक है।
10 मैंने इसराएल के घराने में एक घिनौनी बात देखी है।
वहाँ एप्रैम वेश्या के काम करती है,+इसराएल ने खुद को दूषित कर लिया है।+
11 मगर हे यहूदा, तेरे लिए कटाई का समय तय है,मैं अपने लोगों को इकट्ठा करके बँधुआई से वापस लाऊँगा।”+
कई फुटनोट
^ या “दया।”