होशे 7:1-16

7  “जब भी मैं इसराएल को चंगा करने की कोशिश करता हूँ,तो एप्रैम के गुनाह का+और सामरिया की दुष्टता का परदाफाश होता है।+ क्योंकि वे छल-कपट के काम करते हैं,+अंदर चोर घुस आते हैं और बाहर लुटेरे-दल लूट मचाते हैं।+   मगर वे अपने दिलों में यह सोचते तक नहीं कि मैं उनकी दुष्टता पर ध्यान दूँगा।+ अब वे अपने बुरे कामों से घिरे हुए हैं,उनके काम मेरी नज़रों से छिपे नहीं हैं।   वे अपनी दुष्टता से राजा कोऔर अपने छल से हाकिमों को खुश करते हैं।   वे सब बदचलन हैं,वे जलते तंदूर की तरह हैं जिसमें नानबाई ने आग जलायी है,वह आटा गूँधने से लेकर उसके खमीरा होने तक तंदूर को और नहीं धधकाता।   हमारे राजा के जश्‍न के दिन हाकिम बीमार हो गए—दाख-मदिरा की वजह से भड़क गए हैं।+ राजा ने खिल्ली उड़ानेवालों की तरफ अपना हाथ बढ़ाया है।   वे जलते हुए तंदूर जैसा मन लेकर पास आते हैं,* नानबाई सारी रात सोता है,सुबह तंदूर शोलों की तरह दहक उठता है।   वे सब तंदूर की तरह धधकते हैं,अपने शासकों* को खा जाते हैं। उनके सभी राजा गिर गए हैं,+उनमें से कोई मुझे नहीं पुकारता।+   एप्रैम दूसरे राष्ट्रों में मिल जाता है।+ एप्रैम एक गोल रोटी जैसा है जिसे पलटा नहीं गया है।   परायों ने उसकी ताकत चूस ली,+ मगर उसे खबर नहीं। उसके बाल सफेद हो गए, मगर उसे पता नहीं। 10  इसराएल के घमंड ने उसके खिलाफ गवाही दी है,+मगर इतना कुछ होने के बावजूद वे अपने परमेश्‍वर यहोवा के पास नहीं लौटे+और न ही उस पर आस लगायी। 11  एप्रैम एक फाख्ते जैसा है जिसमें बुद्धि नहीं है, समझ* नहीं है।+ उन्होंने मिस्र को पुकारा है,+ वे अश्‍शूर गए हैं।+ 12  वे जहाँ भी जाएँ मैं उन पर अपना जाल डालूँगा। मैं उन्हें आकाश के पक्षियों की तरह नीचे गिरा दूँगा। मैं उन्हें सज़ा दूँगा ठीक जैसे मैंने उनकी टोली को खबरदार किया था।+ 13  धिक्कार है उन पर क्योंकि वे मुझसे दूर भाग गए हैं! वे नाश हो जाएँ क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ अपराध किया है! मैं उन्हें छुड़ाने ही वाला था, मगर उन्होंने मेरे खिलाफ झूठ बोला।+ 14  वे अपने पलंग पर बिलख-बिलखकर रोते रहे,फिर भी उन्होंने मदद के लिए मुझे दिल से नहीं पुकारा।+ वे अनाज और नयी दाख-मदिरा के लिए अपने शरीर पर घाव करते रहे,वे मेरे खिलाफ हो जाते हैं। 15  मैंने उन्हें शिक्षा दी और उनके बाज़ुओं को मज़बूत किया,फिर भी वे मेरे खिलाफ जाकर बुरा करने की साज़िश रचते हैं। 16  उन्होंने अपना रास्ता बदला, मगर ऊँचाई* की तरफ नहीं,वे ढीली कमान की तरह भरोसे के लायक नहीं थे।+ उनके हाकिम तलवार से मार डाले जाएँगे क्योंकि वे अपनी जीभ से विरोध करते हैं। इसलिए वे मिस्र में मज़ाक बनकर रह जाएँगे।”+

कई फुटनोट

या शायद, “जब वे साज़िशें करके आते हैं तो उनके दिल तंदूर जैसे होते हैं।”
शा., “न्यायियों।”
शा., “दिल।”
यानी ऊँचे दर्जे की उपासना।

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो