होशे 8:1-14
8 “अपने मुँह में नरसिंगा लगा!+
दुश्मन उकाब की तरह यहोवा के भवन पर हमला करेगा,+क्योंकि उन्होंने मेरा करार तोड़ दिया है,+ मेरे कानून के खिलाफ काम किया है।+
2 वे मुझे पुकारते हैं, ‘हे हमारे परमेश्वर, हम इसराएली लोग तुझे जानते हैं!’+
3 इसराएल ने भलाई ठुकरा दी है।+
एक दुश्मन उसका पीछा करे।
4 उन्होंने राजा ठहराए हैं, मगर मेरी इजाज़त के बगैर।
हाकिम ठहराए हैं, मगर मेरी मंज़ूरी के बगैर।
उन्होंने अपने ही विनाश के लिए सोने-चाँदी से मूरतें बनायी हैं।+
5 हे सामरिया, तेरा बछड़ा ठुकरा दिया गया है।+
मेरे क्रोध की ज्वाला उन पर भड़की है।+
वे खुद को कब शुद्ध करेंगे? और कितना वक्त लगाएँगे?
6 यह इसराएल से है।
इसे एक कारीगर ने बनाया है, यह परमेश्वर नहीं है,सामरिया का बछड़ा टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाएगा।
7 वे हवा बोते हैंऔर आँधी की कटाई करेंगे।+
बालों पर पका अनाज नहीं उगता,+उपज से आटा नहीं मिलता।
अगर कुछ उगे भी तो परदेसी* उसे निगल जाएँगे।+
8 इसराएल को निगल लिया जाएगा।+
वे दूसरे राष्ट्रों में ऐसा बरतन ठहरेंगे जो किसी काम का नहीं।+
9 वे अकेले जंगली गधे की तरह अश्शूर के पास गए हैं।+
एप्रैम ने वेश्याओं को किराए पर बुलाया है।+
10 हालाँकि वे उन्हें दूसरे राष्ट्रों से किराए पर बुलाते हैं,मगर मैं उन्हें इकट्ठा करूँगा,वे राजा और हाकिमों के लादे हुए बोझ के कारण दुख झेलेंगे।+
11 एप्रैम ने बहुत-सी वेदियाँ बनाकर पाप किया है।+
ये वेदियाँ उसके पाप की वजह बनीं।+
12 मैंने उसे बहुत-से कानून* लिखकर दिए,मगर उसने इन कानूनों को अजीबो-गरीब समझा।+
13 वे मेरे लिए बलिदान चढ़ाते हैं और माँस खाते हैं,मगर यहोवा उनके बलिदानों से खुश नहीं होता।+
अब वह उनका गुनाह याद करेगा और उन्हें पापों की सज़ा देगा।+
वे मिस्र की तरफ फिर गए हैं।*+
14 इसराएल अपने बनानेवाले को भूल गया+ और उसने मंदिर बनाए हैं+और यहूदा ने बहुत-से किलेबंद शहर बनाए हैं।+
मगर मैं उसके शहरों पर आग भेजूँगा,जो हर शहर की मीनारों को भस्म कर देगी।”+