होशे 9:1-17
9 “हे इसराएल, खुशियाँ मत मना,+देश-देश के लोगों की तरह मगन मत हो।
क्योंकि तू वेश्या के काम करके अपने परमेश्वर से दूर चली गयी।+
तुझे हर खलिहान में वेश्या के काम करके मज़दूरी लेना बहुत भाया।+
2 मगर खलिहान और अंगूर रौंदने का हौद उन्हें नहीं खिलाएगाऔर नयी दाख-मदिरा उसे नहीं मिलेगी।+
3 वे यहोवा के देश में और नहीं रह पाएँगे,+इसके बजाय, एप्रैम मिस्र लौट जाएगाऔर अश्शूर में वे अशुद्ध चीज़ें खाएँगे।+
4 वे फिर कभी यहोवा के लिए दाख-मदिरा का अर्घ नहीं चढ़ाएँगे,+उनके बलिदानों से वह खुश नहीं होगा।+
वे मातम की रोटी जैसे होंगे,उसे खानेवाले सभी दूषित हो जाएँगे।
क्योंकि उनकी रोटी सिर्फ उनके लिए होगी,उसे यहोवा के भवन में नहीं लाया जाएगा।
5 तुम लोग इकट्ठा होने* के दिन,यहोवा के त्योहार के दिन क्या करोगे?
6 क्योंकि देखो! उन्हें नाश की वजह से भागना पड़ेगा।+
मिस्र उन्हें इकट्ठा करेगा+ और मेम्फिस उन्हें दफनाएगा।+
बिच्छू-बूटियाँ उनकी चाँदी की कीमती चीज़ों पर कब्ज़ा कर लेंगीऔर उनके तंबुओं में कँटीली झाड़ियाँ उग आएँगी।
7 हिसाब लेने के दिन ज़रूर आएँगे,+बदला चुकाने के दिन ज़रूर आएँगेऔर इसराएल इसे जान जाएगा।
उनका भविष्यवक्ता मूर्ख साबित होगा और प्रेरित जन पागल हो जाएगा।
तेरे गुनाह बेहिसाब हैं, इसलिए तुझसे बढ़-चढ़कर दुश्मनी की गयी है।”
8 एप्रैम का पहरेदार+ मेरे परमेश्वर के साथ था।+
मगर अब उसके भविष्यवक्ताओं+ के सभी तौर-तरीके बहेलिए के फंदों जैसे हैं,उसके परमेश्वर के भवन में दुश्मनी है।
9 वे ऐसे कामों में डूब गए हैं जो नाश लाते हैं, जैसे गिबा के दिनों में हुआ था।+
वह उनका गुनाह याद करेगा और उन्हें पापों की सज़ा देगा।+
10 “मुझे इसराएल ऐसे मिला जैसे वीराने में अंगूर मिलते हैं।+
जब मैंने तुम्हारे पुरखों को देखा तो वे अंजीर के पेड़ पर लगे पहले फल जैसे थे।
मगर वे पोर के बाल के पास चले गए,+उन्होंने शर्मनाक चीज़* के लिए खुद को समर्पित कर दिया,+वे उस चीज़ की तरह घिनौने बन गए जिससे वे प्यार करते थे।
11 एप्रैम की शान एक चिड़िया की तरह फुर्र हो जाती है,न कोई पैदा होता है, न कोई औरत गर्भवती होती है, न ही किसी का गर्भ ठहरता है।+
12 चाहे वे बच्चों को पालें-पोसें,तो भी मैं उन्हें उनसे छीन लूँगा ताकि एक भी आदमी न बचे,+हाँ, जब मैं उनसे मुँह फेर लूँगा तो वे बरबाद हो जाएँगे!+
13 एप्रैम, जो चरागाह में बोया गया था, मेरे लिए सोर जैसा था,+अब एप्रैम को अपने बेटों को वध होने के लिए लाना होगा।”
14 हे यहोवा, उन्हें जो देना चाहिए उन्हें दे,ऐसी कोख जिसमें बच्चे मर जाएँ और ऐसे स्तन जो सूखे रहें।*
15 “उन्होंने गिलगाल में सारी बुराई की थी,+ वहाँ मुझे उनसे नफरत हो गयी।
उनकी दुष्टता की वजह से मैं उन्हें अपने भवन से खदेड़ दूँगा।+
मैं उन्हें फिर कभी प्यार नहीं करूँगा,+उनके सब हाकिम ढीठ हैं।
16 एप्रैम एक पेड़ की तरह काट दिया जाएगा।+
उनकी जड़ सूख जाएगी और वे कोई फल नहीं देंगे।
चाहे वे बच्चे पैदा करें तो भी मैं उनके दुलारों को मार डालूँगा।”
17 मेरा परमेश्वर उन्हें ठुकरा देगा,क्योंकि उन्होंने उसकी नहीं सुनी,+वे दूसरे राष्ट्रों में भगोड़े बनकर फिरेंगे।+