पहला इतिहास 14:1-17
14 सोर के राजा हीराम+ ने दाविद के पास अपने दूत भेजे। साथ ही, उसने देवदार की लकड़ी और कुछ राजमिस्त्री* और बढ़ई भेजे ताकि वे दाविद के लिए एक महल बनाएँ।+
2 और दाविद को एहसास हो गया कि यहोवा ने इसराएल पर उसका राज मज़बूती से कायम किया है,+ क्योंकि परमेश्वर ने अपनी प्रजा इसराएल की खातिर उसका राज ऊँचा किया था।+
3 दाविद ने यरूशलेम में और भी कुछ औरतों से शादी की+ और उसके और भी बेटे-बेटियाँ हुए।+
4 यरूशलेम में उसके जो बेटे हुए उनके नाम ये हैं:+ शम्मू, शोबाब, नातान,+ सुलैमान,+
5 यिभार, एलीशू, एलपेलेत,
6 नोगाह, नेपेग, यापी,
7 एलीशामा, बेल्यादा और एलीपेलेत।
8 जब पलिश्तियों ने सुना कि दाविद का अभिषेक करके उसे पूरे इसराएल का राजा बनाया गया है,+ तो वे सब दाविद की खोज में निकल पड़े।+ जब दाविद को इसका पता चला तो वह उनसे युद्ध करने चल पड़ा।
9 फिर पलिश्ती लोग आए और रपाई घाटी+ में रहनेवालों पर हमला करते रहे।
10 तब दाविद ने परमेश्वर से सलाह की, “क्या मैं जाकर पलिश्तियों पर हमला करूँ? क्या तू उन्हें मेरे हाथ में कर देगा?” यहोवा ने दाविद से कहा, “तू जाकर पलिश्तियों पर हमला कर। मैं उन्हें ज़रूर तेरे हाथ में कर दूँगा।”+
11 तब दाविद ऊपर बाल-परासीम+ गया और वहाँ उसने पलिश्तियों को मार गिराया। दाविद ने कहा, “सच्चा परमेश्वर मेरे आगे-आगे जाकर पानी की तेज़ धारा की तरह मेरे दुश्मनों पर टूट पड़ा और मेरे हाथों उनका नाश कर दिया।” इसीलिए उन्होंने उस जगह का नाम बाल-परासीम* रखा।
12 पलिश्तियों ने अपने देवताओं की मूर्तियाँ वहीं छोड़ दी थीं और दाविद के आदेश पर उन्हें आग में जला दिया गया।+
13 बाद में पलिश्ती लोगों ने एक बार फिर रपाई घाटी पर हमला कर दिया।+
14 दाविद ने एक बार फिर सच्चे परमेश्वर से सलाह की, मगर उसने दाविद से कहा, “तू उन पर सामने से हमला मत करना। इसके बजाय, तू पीछे से जाना और बाका झाड़ियों के सामने से उन पर हमला करना।+
15 जब तुझे झाड़ियों के ऊपर सेना के चलने की आवाज़ सुनायी दे, तो तू हमला शुरू कर देना क्योंकि सच्चा परमेश्वर पलिश्ती सेना को मार गिराने के लिए तेरे आगे-आगे जा चुका होगा।”+
16 दाविद ने ठीक वैसे ही किया जैसे सच्चे परमेश्वर ने उसे आज्ञा दी थी+ और वे गिबोन से लेकर गेजेर+ तक पलिश्ती सेना को मारते गए।
17 सभी देशों में दाविद का नाम होता गया और यहोवा ने सब राष्ट्रों में उसका डर फैला दिया।+