पहला इतिहास 15:1-29

15  दाविद अपने लिए दाविदपुर में कई इमारतें बनवाता रहा और उसने सच्चे परमेश्‍वर के संदूक के लिए एक जगह तैयार की और एक तंबू खड़ा किया।+  तब जाकर दाविद ने कहा, “लेवियों को छोड़ और कोई सच्चे परमेश्‍वर का संदूक नहीं उठाएगा, क्योंकि यहोवा ने उन्हीं को चुना है कि वे यहोवा का संदूक उठाएँ और हमेशा उसकी सेवा करें।”+  फिर दाविद ने पूरे इसराएल को यरूशलेम में इकट्ठा किया ताकि वे यहोवा का संदूक उस जगह ले जाएँ जो उसने तैयार की थी।+  दाविद ने हारून के वंशजों+ को और लेवियों+ को इकट्ठा किया:  कहातियों में से प्रधान उरीएल और उसके 120 भाई,  मरारियों में से प्रधान असायाह+ और उसके 220 भाई,  गेरशोमियों में से प्रधान योएल+ और उसके 130 भाई,  एलीसापान+ के वंशजों में से प्रधान शमायाह और उसके 200 भाई,  हेब्रोन के वंशजों में से प्रधान एलीएल और उसके 80 भाई, 10  उज्जीएल+ के वंशजों में से प्रधान अम्मीनादाब और उसके 112 भाई। 11  इसके अलावा, दाविद ने सादोक और अबियातार याजकों+ को और इन लेवियों को बुलाया, उरीएल, असायाह, योएल, शमायाह, एलीएल और अम्मीनादाब 12  और उसने उन सबसे कहा, “तुम सब लेवियों के पिताओं के घरानों के मुखिया हो। तुम और तुम्हारे भाई खुद को पवित्र करें और इसराएल के परमेश्‍वर यहोवा का संदूक उस जगह पहुँचाएँ जो मैंने उसके लिए तैयार की है। 13  पहली बार तुम लोगों ने संदूक नहीं ढोया था+ क्योंकि हमने इसे ढोने का सही तरीका जानने की कोशिश नहीं की थी।+ इस वजह से हमारे परमेश्‍वर यहोवा का क्रोध हम पर भड़क उठा।”+ 14  इसलिए याजकों और लेवियों ने खुद को पवित्र किया ताकि इसराएल के परमेश्‍वर यहोवा का संदूक ला सकें। 15  फिर लेवियों ने सच्चे परमेश्‍वर का संदूक डंडों के सहारे अपने कंधों पर उठाया,+ ठीक जैसे यहोवा के वचन के मुताबिक मूसा ने आज्ञा दी थी। 16  इसके बाद दाविद ने लेवियों के प्रधानों को बताया कि वे अपने भाइयों को, जो गायक थे, गाने के लिए ठहराएँ ताकि वे तारोंवाले बाजे, सुरमंडल+ और झाँझ बजाकर ऊँची आवाज़ में गाते हुए जयजयकार करें।+ 17  इसलिए लेवियों ने योएल के बेटे हेमान+ को, उसके भाइयों में से बेरेक्याह के बेटे आसाप+ को और उनके मरारी भाइयों में से कूशायाह के बेटे एतान+ को ठहराया। 18  उनके साथ दूसरे दल के ये भाई थे:+ जकरयाह, बेन, याजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्‍नी, एलीआब, बनायाह, मासेयाह, मतित्याह, एलीपलेहू, मिकनेयाह और पहरेदार ओबेद-एदोम और यीएल। 19  गायक हेमान,+ आसाप+ और एतान को ताँबे के झाँझ बजाने थे,+ 20  जकरयाह, अजीएल, शमीरामोत, यहीएल, उन्‍नी, एलीआब, मासेयाह और बनायाह ने अलामोत की शैली*+ के मुताबिक तारोंवाले बाजे बजाए, 21  मतित्याह,+ एलीपलेहू, मिकनेयाह, ओबेद-एदोम, यीएल और अजज्याह ने शेमिनिथ* की धुन+ पर सुरमंडल बजाए ताकि वे संगीत का निर्देशन करें। 22  लेवियों के प्रधान कनन्याह+ ने संदूक ढोने के काम की निगरानी की क्योंकि वह इस काम में कुशल था। 23  बेरेक्याह और एलकाना संदूक के पहरेदार थे। 24  इन याजकों ने सच्चे परमेश्‍वर के संदूक के सामने ज़ोर-ज़ोर से तुरहियाँ फूँकी:+ शबनयाह, योशापात, नतनेल, अमासै, जकरयाह, बनायाह और एलीएज़ेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी संदूक के पहरेदार थे। 25  दाविद और इसराएल के मुखिया और हज़ारों की टुकड़ियों के प्रधान साथ मिलकर ओबेद-एदोम के घर की तरफ गए ताकि वहाँ से यहोवा के करार के संदूक को खुशियाँ मनाते हुए ला सकें।+ 26  सच्चे परमेश्‍वर ने उन लेवियों की मदद की जो यहोवा के करार का संदूक ढोकर ले जा रहे थे इसलिए उन्होंने सात बैलों और सात मेढ़ों की बलि चढ़ायी।+ 27  दाविद बेहतरीन कपड़े से बना बिन आस्तीन का बागा पहने हुए था, ठीक जैसे संदूक ढोनेवाले सभी लेवी, गायक और संदूक ढोनेवाले गायकों की निगरानी करनेवाला कनन्याह पहने हुए था। दाविद मलमल का एपोद भी पहने हुए था।+ 28  सभी इसराएली नरसिंगे और तुरही फूँकते हुए,+ झाँझ और तारोंवाले बाजे और सुरमंडल ज़ोर-ज़ोर से बजाते हुए और जयजयकार करते हुए यहोवा के करार का संदूक ला रहे थे।+ 29  मगर जब यहोवा के करार का संदूक दाविदपुर पहुँचा+ और शाऊल की बेटी मीकल+ ने खिड़की से नीचे झाँककर देखा कि राजा दाविद उछलते-कूदते जश्‍न मना रहा है तो वह मन-ही-मन उसे तुच्छ समझने लगी।+

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