पहला इतिहास 20:1-8

20  साल की शुरूआत में* जब राजा युद्ध के लिए जाया करते हैं, तो ऐसे वक्‍त पर योआब+ ने एक सेना को लेकर अम्मोनियों का देश तबाह कर दिया और उसके शहर रब्बाह+ को घेर लिया। मगर दाविद यरूशलेम में ही रहा।+ योआब ने रब्बाह पर हमला करके उसे ढा दिया।+  फिर दाविद ने मलकाम के सिर से ताज उतार लिया और पाया कि ताज एक तोड़े* सोने का था और उस पर कीमती रत्न जड़े हुए थे। वह ताज दाविद के सिर पर रखा गया। वह उस शहर से खूब सारा लूट का माल भी ले आया।+  उसने शहर के लोगों को बंदी बना लिया और उन्हें लाकर पत्थर काटने में और तेज़ धारवाले लोहे के औज़ारों और कुल्हाड़ों से काम करने में लगा दिया।+ उसने अम्मोनियों के सभी शहरों के साथ ऐसा किया। आखिर में दाविद और उसकी सारी टुकड़ियाँ यरूशलेम लौट आयीं।  इसके बाद, गेजेर में पलिश्‍तियों और इसराएलियों के बीच युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में हूशाई सिब्बकै+ ने रपाई+ के एक वंशज सिप्पै को मार डाला और पलिश्‍ती लोग इसराएलियों के अधीन हो गए।  पलिश्‍तियों और इसराएलियों के बीच एक बार फिर लड़ाई छिड़ गयी। इस बार याईर के बेटे एल्हानान ने लहमी को मार डाला, जो गत के रहनेवाले गोलियात+ का भाई था। लहमी के भाले का डंडा जुलाहे के लट्ठे जितना भारी था।+  गत+ में एक बार फिर युद्ध छिड़ा। पलिश्‍ती सेना में एक आदमी था जो बहुत ऊँची कद-काठी का था।+ उसके हाथों और पैरों में छ:-छ: उँगलियाँ थीं यानी कुल मिलाकर उसकी 24 उँगलियाँ थीं। वह भी रपाई का वंशज था।+  वह इसराएल को लगातार ललकारता था।+ इसलिए योनातान ने, जो दाविद के भाई शिमा+ का बेटा था, उसे मार डाला।  रपाई के ये वंशज+ गत+ में रहते थे और वे दाविद और उसके सेवकों के हाथों मारे गए।

कई फुटनोट

यानी वसंत में।
करीब 34.2 किलो। अति. ख14 देखें।

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो