पहला इतिहास 9:1-44

9  सभी इसराएलियों के नाम उनके घरानों के मुताबिक वंशावली में लिखे गए थे। यह वंशावली इसराएल के राजाओं की किताब में लिखी है। यहूदा के लोग परमेश्‍वर के विश्‍वासयोग्य नहीं रहे इसलिए उन्हें बंदी बनाकर बैबिलोन ले जाया गया था।+  जो लोग पहले अपने-अपने शहर लौट आए, जहाँ उनकी जागीर थी, वे थे कुछ इसराएली, याजक, लेवी और मंदिर के सेवक।*+  यहूदा, बिन्यामीन, एप्रैम और मनश्‍शे के कुछ वंशज+ जो यरूशलेम में बस गए थे, वे ये थे:  ऊतै जो अम्मीहूद का बेटा था और अम्मीहूद ओम्री का, ओम्री इमरी का और इमरी बानी का बेटा था और बानी यहूदा के बेटे पेरेस+ का एक वंशज था।  शिलोनियों में से असायाह, जो अपने पिता के परिवार में पहलौठा था और उसके बेटे।  जेरह+ के बेटों में से यूएल और उनके 690 भाई।  बिन्यामीन के वंशजों में से सल्लू जो मशुल्लाम का बेटा, होदव्याह का पोता और हस्सनूआ का परपोता था,  यिबनायाह जो यरोहाम का बेटा था, एलाह जो उज्जी का बेटा और मिकरी का पोता था और मशुल्लाम जो शपत्याह का बेटा, रूएल का पोता और यिबनियाह का परपोता था।  और उन सबके भाइयों की गिनती उनकी वंशावली के मुताबिक 956 थी। ये सभी आदमी अपने-अपने पिता के घराने के मुखिया थे। 10  याजकों में से ये थे: यदायाह, यहोयारीब, याकीन,+ 11  अजरयाह जो हिलकियाह का बेटा था और हिलकियाह मशुल्लाम का, मशुल्लाम सादोक का, सादोक मरायोत का और मरायोत अहीतूब का बेटा था, जो सच्चे परमेश्‍वर के भवन* में एक अगुवा था, 12  अदायाह जो यरोहाम का बेटा, पशहूर का पोता और मल्कियाह का परपोता था, मासै जो अदीएल का बेटा था और अदीएल यहजेरा का, यहजेरा मशुल्लाम का, मशुल्लाम मशिल्लेमीत का और मशिल्लेमीत इम्मेर का बेटा था, 13  और उन सबके भाई। वे 1,760 आदमी थे जो अपने-अपने पिता के घराने के मुखिया थे। वे बड़े ताकतवर और काबिल आदमी थे और सच्चे परमेश्‍वर के भवन में सेवा के लिए तैयार रहते थे। 14  लेवियों में से ये थे: शमायाह+ जो हश्‍शूब का बेटा, अजरीकाम का पोता और मरारी के वंशज हशब्याह का परपोता था, 15  बकबक्कर, हेरेश, गालाल, मत्तन्याह जो मिका का बेटा, जिक्री का पोता और आसाप का परपोता था, 16  ओबद्याह जो शमायाह का बेटा, गालाल का पोता और यदूतून का परपोता था और बेरेक्याह जो आसा का बेटा और एलकाना का पोता था और नतोपा के लोगों की बस्तियों+ में रहता था। 17  पहरेदार+ ये थे: शल्लूम, अक्कूब, तल्मोन और अहीमन। उनका भाई शल्लूम मुखिया था। 18  मगर इससे पहले शल्लूम पूरब की तरफ राजा के फाटक पर तैनात रहता था।+ ये सभी आदमी लेवियों की छावनियों के पहरेदार थे। 19  शल्लूम (जो कोरे का बेटा, एब्यासाप का पोता और कोरह का परपोता था) और उसके पिता के घराने के भाई यानी कोरहवंशी लोग तंबू के पहरेदार थे और इस नाते सेवा से जुड़े कामों की निगरानी करते थे, ठीक जैसे उनके बाप-दादे यहोवा की छावनी की निगरानी करनेवाले और उसके प्रवेश के पहरेदार थे। 20  गुज़रे ज़माने में एलिआज़र का बेटा फिनेहास+ उनका अगुवा था और यहोवा उसके साथ था। 21  मेशेलेम्याह का बेटा जकरयाह+ भेंट के तंबू के प्रवेश का पहरेदार था। 22  जिन आदमियों को प्रवेश के पहरेदार चुना गया था, उनकी कुल गिनती 212 थी। वंशावली में जिस क्रम में उनका नाम लिखा गया था,+ उसके मुताबिक वे अपनी-अपनी बस्ती में बसे थे। दाविद और शमूएल दर्शी+ ने उन्हें यह पद इसलिए सौंपा था क्योंकि वे भरोसेमंद आदमी थे। 23  उन्हें और उनके बेटों को यहोवा के भवन यानी तंबू के भवन के द्वार पर पहरेदार ठहराया गया था।+ 24  पहरेदार उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्‍चिम चारों दिशाओं में तैनात थे।+ 25  उनके भाइयों को अपनी-अपनी बस्ती से बारी-बारी से आना होता था ताकि वे उनके साथ मिलकर सात दिन तक सेवा करें। 26  चार आदमियों को मुख्य पहरेदारों का पद सौंपा गया था क्योंकि वे भरोसेमंद थे। वे लेवी थे और उनकी ज़िम्मेदारी थी सच्चे परमेश्‍वर के भवन के खानों* और खज़ानों की देखरेख करना।+ 27  वे सच्चे परमेश्‍वर के भवन के चारों तरफ अपनी-अपनी जगह पर खड़े रहकर पूरी रात पहरा देते थे क्योंकि यही उनकी ज़िम्मेदारी थी और चाबी उनके हाथ में दी गयी थी और वे हर सुबह भवन के फाटक खोलते थे। 28  उनमें से कुछ को सेवा से जुड़ी चीज़ों की देखरेख करने की ज़िम्मेदारी दी गयी थी।+ जब भी ये चीज़ें अंदर लायी जातीं तो वे उनकी गिनती करते थे और जब उन्हें बाहर ले जाया जाता, तब भी वे उनकी गिनती करते थे। 29  दूसरों को बाकी चीज़ों, सभी पवित्र बरतनों,+ मैदे,+ दाख-मदिरा,+ तेल,+ लोबान+ और बलसाँ के तेल+ का ज़िम्मा सौंपा गया था। 30  याजकों के कुछ वंशज बलसाँ के तेल से मिश्रण तैयार करते थे। 31  लेवियों में से मतित्याह को, जो कोरहवंशी शल्लूम का पहलौठा था, तवे पर पकायी जानेवाली चीज़ों+ का ज़िम्मा सौंपा गया था क्योंकि वह भरोसेमंद था। 32  कुछ कहाती भाइयों को रोटियों के ढेर* की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी+ ताकि वे हर सब्त के दिन उन्हें तैयार करें।+ 33  ये गायक थे जो लेवियों के पिताओं के घरानों के मुखिया थे। वे भवन के खानों* में रहते थे और उन्हें दूसरे कामों से छूट दी जाती थी, क्योंकि उन्हें जो काम सौंपा गया था उसमें दिन-रात लगे रहना उनकी ज़िम्मेदारी थी। 34  वे अपनी वंशावली के मुताबिक लेवियों के पिताओं के घरानों के मुखिया और अगुवे थे। वे यरूशलेम में रहते थे। 35  गिबोन का पिता यीएल गिबोन में रहता था।+ उसकी पत्नी का नाम माका था। 36  उसका पहलौठा अब्दोन था, फिर सूर, कीश, बाल, नेर, नादाब, 37  गदोर, अहयो, जकरयाह और मिकलोत। 38  मिकलोत का बेटा शिमाम था। ये सभी अपने भाइयों के साथ यरूशलेम में रहते थे। उनके साथ उनके और भी भाई रहते थे। 39  नेर+ का बेटा कीश था, कीश का बेटा शाऊल था+ और शाऊल के बेटे थे, योनातान,+ मलकीशूआ,+ अबीनादाब+ और एशबाल। 40  योनातान का बेटा मरीब्बाल था।+ मरीब्बाल का बेटा मीका था।+ 41  मीका के बेटे थे पीतोन, मेलेक, तहरे और आहाज। 42  आहाज का बेटा यारा था और यारा के बेटे थे आलेमेत, अज़मावेत और जिमरी। जिमरी का बेटा मोसा था। 43  मोसा का बेटा बिनआ था, बिनआ का रपायाह, रपायाह का एलिआसा और एलिआसा का बेटा आसेल था। 44  आसेल के छ: बेटे थे और उनके नाम थे: अजरीकाम, बोकरू, इश्‍माएल, शारयाह, ओबद्याह और हानान। ये सब आसेल के बेटे थे।

कई फुटनोट

या “नतीन लोग।” शा., “दिए गए लोग।”
या “मंदिर।”
या “भोजन के कमरों।”
यानी नज़राने की रोटी।
या “भोजन के कमरों।”

अध्ययन नोट

तसवीर और ऑडियो-वीडियो