पहला राजा 4:1-34
4 राजा सुलैमान पूरे इसराएल पर राज करता था।+
2 उसके दरबार के बड़े-बड़े अधिकारी* ये थे: सादोक+ का बेटा अजरयाह याजक था,
3 शीशा के बेटे एलीहोरेप और अहियाह राज-सचिव+ थे, अहीलूद का बेटा यहोशापात+ शाही इतिहासकार था,
4 यहोयादा का बेटा बनायाह+ सेना का अधिकारी था, सादोक और अबियातार+ याजक थे,
5 नातान+ का बेटा अजरयाह प्रांतीय प्रशासकों का अधिकारी था, नातान का बेटा जाबूद एक याजक था और राजा का दोस्त+ भी था,
6 अहीशार राजमहल की देखरेख करनेवाला अधिकारी था और अब्दा का बेटा अदोनीराम+ जबरन मज़दूरी करनेवालों+ का अधिकारी था।
7 सुलैमान ने पूरे इसराएल में 12 प्रांतीय प्रशासक ठहराए थे, जो राजा और उसके पूरे घराने के लिए भोजन का इंतज़ाम करते थे। हर प्रशासक साल के एक महीने खाने-पीने की चीज़ें मुहैया कराने के लिए ज़िम्मेदार था।+
8 प्रांतीय प्रशासक ये थे: हूर का बेटा, जिसके अधिकार में एप्रैम का पहाड़ी प्रदेश था;
9 देकेर का बेटा, जिसके अधिकार में माकस, शालबीम,+ बेत-शेमेश और एलोन-बेत-हानान था;
10 अरुब्बोत में हेसेद का बेटा (जिसके अधिकार में सोकोह और हेपेर का पूरा इलाका था);
11 अबीनादाब का बेटा, जिसके अधिकार में दोर की सभी ढलानें थीं (अबीनादाब के इस बेटे की पत्नी तापत सुलैमान की बेटी थी);
12 अहीलूद का बेटा बाना, जिसके अधिकार में तानाक, मगिद्दो,+ बेत-शआन+ का पूरा इलाका (जो सारतान के पास और यिजरेल के नीचे है) और बेत-शआन से आबेल-महोला तक और वहाँ से योकमाम+ तक का इलाका था;
13 रामोत-गिलाद+ में गेबेर का बेटा (जिसके अधिकार में मनश्शे के बेटे याईर के कसबे+ थे जो गिलाद+ में हैं, साथ ही अरगोब का इलाका+ जो बाशान+ में है। अरगोब में शहरपनाहवाले 60 बड़े-बड़े शहर हैं जिनके फाटकों में ताँबे के बेड़े लगे हैं);
14 इद्दो का बेटा अहीनादाब, जिसके अधिकार में महनैम+ था;
15 अहीमास, जिसके अधिकार में नप्ताली का इलाका था (उसकी पत्नी बाशमत भी सुलैमान की बेटी थी);
16 हूशै का बेटा बाना, जिसके अधिकार में आशेर और बालोत का इलाका था;
17 पारूह का बेटा यहोशापात, जिसके अधिकार में इस्साकार का इलाका था;
18 एला का बेटा शिमी,+ जिसके अधिकार में बिन्यामीन का इलाका था;+
19 ऊरी का बेटा गेबेर, जिसके अधिकार में गिलाद का इलाका था।+ गिलाद पर पहले एमोरियों के राजा सीहोन+ और बाशान के राजा ओग+ का कब्ज़ा था। इसराएल देश के इन सभी प्रांतीय प्रशासकों का भी एक अधिकारी था।
20 यहूदा और इसराएल की आबादी इतनी थी कि वह समुंदर किनारे की बालू के किनकों जितनी थी।+ उन्हें खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी और वे खुशहाल ज़िंदगी जीते थे।+
21 सुलैमान महानदी*+ से लेकर पलिश्तियों के देश और मिस्र की सरहद तक के सभी राज्यों पर राज करता था। ये राज्य सुलैमान को नज़राना देते थे और ये सब उसके जीवन-भर उसके अधीन रहे।+
22 सुलैमान के महल में हर दिन के भोजन के लिए इतनी चीज़ें लगती थीं: 30 कोर* मैदा, 60 कोर आटा,
23 मोटे किए गए 10 गाय-बैल, चरागाहों में चरनेवाले 20 गाय-बैल और 100 भेड़ें। इनके अलावा कुछ हिरनों, चिकारों, छोटे-छोटे हिरनों और मोटी-मोटी कोयलों का गोश्त भी पकाया जाता था।
24 सुलैमान के अधिकार में महानदी* के पश्चिम का पूरा इलाका था,+ यानी तिपसह से लेकर गाज़ा+ तक का पूरा इलाका। वहाँ के सभी राजा, सुलैमान के अधीन थे। उसके पूरे राज्य में हर कहीं शांति थी।+
25 सुलैमान के दिनों में पूरा यहूदा और इसराएल हर खतरे से महफूज़ था। दान से बरशेबा तक हर कोई अपनी अंगूर की बेल और अपने अंजीर के पेड़ तले चैन से रहता था।
26 सुलैमान के रथों के घोड़ों के लिए 4,000* अस्तबल थे और उसके 12,000 घोड़े* थे।+
27 राजा सुलैमान के प्रांतीय प्रशासक उसके लिए और उसकी मेज़ से खानेवाले सभी लोगों के लिए खाना मुहैया कराते थे। हर प्रशासक की ज़िम्मेदारी थी कि उसके लिए जो महीना तय है, उस महीने वह खाना मुहैया कराए और इस बात का ध्यान रखे कि किसी चीज़ की कमी न हो।+
28 इतना ही नहीं, इन प्रशासकों की यह ज़िम्मेदारी भी थी कि वे घोड़ों और रथ खींचनेवाले घोड़ों के लिए जौ और पुआल मुहैया कराएँ। हर प्रशासक के लिए तय था कि वह कितना जौ और पुआल देगा और उसकी ज़िम्मेदारी थी कि जहाँ जितने जौ और पुआल की ज़रूरत है, वहाँ उतना पहुँचाए।
29 परमेश्वर ने सुलैमान को बहुतायत में बुद्धि और पैनी समझ दी और समझ से भरा ऐसा मन दिया जो समुंदर किनारे फैली बालू की तरह विशाल था।+
30 सुलैमान पूरब के देशों के और मिस्र के सभी ज्ञानियों से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान था।+
31 उसके जैसा बुद्धिमान इंसान कोई न था। वह जेरह के वंशज एतान+ से और माहोल के बेटों यानी हेमान,+ कलकोल+ और दरदा से भी कहीं ज़्यादा बुद्धिमान था। उसकी शोहरत आस-पास के सभी देशों तक फैली थी।+
32 उसने 3,000 नीतिवचनों की रचना की*+ और उसके 1,005 गीत भी हैं।+
33 वह तरह-तरह के पेड़ों के बारे में बताया करता था, लबानोन के देवदार से लेकर दीवार पर उगनेवाले मरुआ+ तक के बारे में। वह जानवरों,+ पक्षियों,*+ रेंगनेवाले जीव-जंतुओं*+ और मछलियों के बारे में भी बताया करता था।
34 सभी देशों से लोग सुलैमान की बुद्धि-भरी बातें सुनने के लिए आते थे। यहाँ तक कि दुनिया के कोने-कोने से राजा भी आते थे जिन्होंने उसकी बुद्धि के चर्चे सुने थे।+
कई फुटनोट
^ या “उसके हाकिम।”
^ यानी फरात नदी।
^ यानी फरात नदी।
^ या “घुड़सवार।”
^ या “नीतिवचन कहे।”
^ या “उड़नेवाले जीवों।”
^ शायद इनमें साँप, छिपकली जैसे जंतु और कीड़े शामिल हैं।