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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

सारांश

  • 1

    • सुलैमान ने बुद्धि माँगी (1-12)

    • सुलैमान की दौलत (13-17)

  • 2

    • मंदिर बनाने की तैयारियाँ (1-18)

  • 3

    • सुलैमान ने मंदिर बनाना शुरू किया (1-7)

    • परम-पवित्र भाग (8-14)

    • ताँबे के दो खंभे (15-17)

  • 4

    • वेदी, बड़ा हौद और हौदियाँ (1-6)

    • दीवटें, मेज़ और आँगन (7-11क)

    • मंदिर की चीज़ें बनाना पूरा हुआ (11ख-22)

  • 5

    • मंदिर के उद्‌घाटन की तैयारियाँ (1-14)

      • संदूक मंदिर लाया गया (2-10)

  • 6

    • सुलैमान का भाषण (1-11)

    • उद्‌घाटन पर सुलैमान की प्रार्थना (12-42)

  • 7

    • मंदिर यहोवा की महिमा से भरा (1-3)

    • उद्‌घाटन समारोह (4-10)

    • यहोवा सुलैमान के सामने प्रकट हुआ (11-22)

  • 8

    • सुलैमान के दूसरे निर्माण काम (1-11)

    • मंदिर में उपासना की व्यवस्था (12-16)

    • सुलैमान के जहाज़ों का लश्‍कर (17, 18)

  • 9

    • शीबा की रानी मिलने आयी (1-12)

    • सुलैमान की दौलत (13-28)

    • सुलैमान की मौत (29-31)

  • 10

    • इसराएल की बगावत (1-19)

  • 11

    • रहूबियाम का राज (1-12)

    • वफादार लेवी यहूदा चले गए (13-17)

    • रहूबियाम का परिवार (18-23)

  • 12

    • यरूशलेम पर शीशक का हमला (1-12)

    • रहूबियाम के राज का अंत (13-16)

  • 13

    • यहूदा का राजा अबियाह (1-22)

      • अबियाह ने यारोबाम को हराया (3-20)

  • 14

    • अबियाह की मौत (1)

    • यहूदा का राजा आसा (2-8)

    • उसने इथियोपिया को हराया (9-15)

  • 15

    • आसा ने देश में सुधार किया (1-19)

  • 16

    • सीरिया के साथ आसा की संधि (1-6)

    • हनानी ने आसा को फटकारा (7-10)

    • आसा की मौत (11-14)

  • 17

    • यहूदा का राजा यहोशापात (1-6)

    • सिखाने का अभियान (7-9)

    • यहोशापात की सेना की ताकत (10-19)

  • 18

    • यहोशापात की अहाब से रिश्‍तेदारी (1-11)

    • मीकायाह ने हार की भविष्यवाणी की (12-27)

    • रामोत-गिलाद में अहाब की मौत (28-34)

  • 19

    • येहू ने यहोशापात को फटकारा (1-3)

    • यहोशापात ने देश में सुधार किया (4-11)

  • 20

    • पड़ोसी राष्ट्रों से यहूदा के लिए खतरा (1-4)

    • यहोशापात की प्रार्थना (5-13)

    • यहोवा का जवाब (14-19)

    • यहूदा बचाया गया (20-30)

    • यहोशापात के राज का अंत (31-37)

  • 21

    • यहूदा का राजा यहोराम (1-11)

    • एलियाह से लिखित संदेश (12-15)

    • यहोराम का बुरा अंत (16-20)

  • 22

    • यहूदा का राजा अहज्याह (1-9)

    • अतल्याह ने राजगद्दी हड़पी (10-12)

  • 23

    • यहोयादा ने कदम उठाया; यहोआश राजा बना (1-11)

    • अतल्याह मारी गयी (12-15)

    • यहोयादा ने देश में सुधार किया (16-21)

  • 24

    • यहोआश का राज (1-3)

    • उसने मंदिर की मरम्मत की (4-14)

    • उसने परमेश्‍वर को छोड़ दिया (15-22)

    • यहोआश का कत्ल (23-27)

  • 25

    • यहूदा का राजा अमज्याह (1-4)

    • एदोम के साथ युद्ध (5-13)

    • अमज्याह ने मूर्तिपूजा की (14-16)

    • इसराएल के राजा यहोआश से युद्ध (17-24)

    • अमज्याह की मौत (25-28)

  • 26

    • यहूदा का राजा उज्जियाह (1-5)

    • उसने कई युद्ध जीते (6-15)

    • उसे कोढ़ी बना दिया गया (16-21)

    • उसकी मौत (22, 23)

  • 27

    • यहूदा का राजा योताम (1-9)

  • 28

    • यहूदा का राजा आहाज (1-4)

    • सीरिया और इसराएल से हार (5-8)

    • ओदेद ने इसराएल को चेतावनी दी (9-15)

    • यहूदा को नीचा दिखाया गया (16-19)

    • आहाज ने मूर्तिपूजा की; उसकी मौत (20-27)

  • 29

    • यहूदा का राजा हिजकियाह (1, 2)

    • उसने देश में सुधार किया (3-11)

    • मंदिर शुद्ध किया गया (12-19)

    • मंदिर की सेवाएँ फिर से शुरू (20-36)

  • 30

    • हिजकियाह ने फसह मनाया (1-27)

  • 31

    • हिजकियाह ने झूठी उपासना मिटा दी (1)

    • याजकों और लेवियों की देखभाल (2-21)

  • 32

    • सनहेरीब की धमकी (1-8)

    • उसने यहोवा को कुछ नहीं समझा (9-19)

    • स्वर्गदूत ने अश्‍शूरियों को नाश किया (20-23)

    • हिजकियाह की बीमारी; उसका घमंड (24-26)

    • उसकी कामयाबियाँ और मौत (27-33)

  • 33

    • यहूदा का राजा मनश्‍शे (1-9)

    • मनश्‍शे का पश्‍चाताप (10-17)

    • मनश्‍शे की मौत (18-20)

    • यहूदा का राजा आमोन (21-25)

  • 34

    • यहूदा का राजा योशियाह (1, 2)

    • उसने देश में सुधार किया (3-13)

    • कानून की किताब मिली (14-21)

    • हुल्दा की भविष्यवाणी (22-28)

    • योशियाह ने किताब पढ़कर सुनायी (29-33)

  • 35

    • फसह के बड़े त्योहार का इंतज़ाम (1-19)

    • योशियाह मार डाला गया (20-27)

  • 36

    • यहूदा का राजा यहोआहाज (1-3)

    • यहूदा का राजा यहोयाकीम (4-8)

    • यहूदा का राजा यहोयाकीन (9, 10)

    • यहूदा का राजा सिदकियाह (11-14)

    • यरूशलेम का नाश (15-21)

    • कुसरू का फरमान (22, 23)